भारतीय क्रिकेट टीम आखिरकार कंगारूओं के देश में कूद कूद के चलना तो दूर चारो खाने चित्त हो गई वो भी इत्ती चित्त कि देश की सेंटी जनता सेंटीमेंटल होकर अपनी उस टीम का जलूस निकालने में लग गई जिस टीम के विश्व कप जीतने पर जनता ने खुद जलूस निकाला था ।
भारतीय टीम कंगारूओं के साथ रेस में फ़िसड्डी आई , कोई बात नहीं अब दौडेंगे तो जीतेंगे भी और फ़िसड्डी भी आएंगे , लेकिन जुलम पे महाजुलम ये हुआ कि शतक तो शतक ससुरा एक महाशतक नहीं बन पाया । तेंदुलकर जेतना टेंसन में अपना इंडिया टीवी से बिंदिया टीवी तक हलकान हैं । तमाम विश्लेषक , कमेंटेटर सब आलोचना से लेकर नोचना तक चालू रखे हुए हैं । हो भी काहे नय ,पायदान से लेकर पोजीसन तक सब्बे डाऊन हो गिया । ऊपर से कोहलिया जम के उंगलबाजी भी कर दिए ओन्ने ।कौनो खिलडिया सबका रिटायरमेंटी का बात कर रहा है तो कह रहा है कि हटाओ बुढबा सबको । माने कुल मिला के जईसे किरकेट हाकी हुई गई ,हाकी का प्रेस्टीज़ नय , हाकी का मारकेट भैल्यू के हिसाब से बोले हैं ।
अरे जगिए जनार्दन , आईपीएल आ रहा है बस समझिए कि झिंगालाला नर्तकियों के करेजा मार परफ़ारमेंस के बीच कलरफ़ुल ट्वेंटी-ट्वेंटी का लुत्फ़ उठाते हुए आप अपने इन्वैस्टमेंट का डायरेक्ट मल्टीप्लीकेशन होता देख सकते हैं अरे माने सट्टा इन्वैस्टमेंट फ़ेस्टीवल सेलिब्रेट करते हैं न ।
एक से एक लंगडा लूलहा ,कनहा कोतडा टाईप का भी तमाम खेलाडी जम के बल्ला भाजेंगे आ चौआ छग्गा पर बडी जोर से लोग नाचेंगे त समझ जाइएगा कि कंगारूआ सब के साथ ए लंगडी टांग का त किरकेट को कुछ समय के लिए बिंटर भकेसन पर भेज देना चाहिए , आ कुछ समय बाद । हा ..हा ....हा....हा...हा.. दुर मरदे कुछ समय बाद तो महाप्रलय आइए जाएगा , ससुरा महासतक बने कि न बने ।
एक से एक लंगडा लूलहा ,कनहा कोतडा टाईप का भी तमाम खेलाडी जम के बल्ला भाजेंगे आ चौआ छग्गा पर बडी जोर से लोग नाचेंगे त समझ जाइएगा कि कंगारूआ सब के साथ ए लंगडी टांग का त किरकेट को कुछ समय के लिए बिंटर भकेसन पर भेज देना चाहिए , आ कुछ समय बाद । हा ..हा ....हा....हा...हा.. दुर मरदे कुछ समय बाद तो महाप्रलय आइए जाएगा , ससुरा महासतक बने कि न बने ।
झा जी!! ई सताब्दी के महा-खिलाड़ी का महासतक का महाद्रिस्य देखने से हमलोग महावंचित रह गए.. हमको त ओइसहूँ कोनो उम्मीद नहीं था.. जो आदमी रेस्ट ले-ले के सेंचुरी बनाता है उसको आई.पी.एल. में छौंड़ी देखला से नहीं अमेरिका में रेस्ट करे का जरूरत है.. अरे भाई सेंचुरी बनाना कोनो आसान काम नय है!! समझते काहे नहीं!!
जवाब देंहटाएंसच कह रहे है ... हम तो अब मैच देखते ही नहीं है !
जवाब देंहटाएंखेल को खेल ही रहने दो, इसे कोई और नाम न दो :)
जवाब देंहटाएंरस की तलाश क्रिकेट समाज को..
जवाब देंहटाएंइस मामले में तो मोक्ष की प्राप्ति हों चुकी है..
जवाब देंहटाएंबीसीसीआई का नया फ़ैसला...
जवाब देंहटाएंसिर्फ घर पर ही टीम इंडिया खेलेगी...
बाहर जाएगी तो सिर्फ बांग्लादेश और ज़िम्बाब्वे के दौरे पर...
ऑस्ट्रेलिया-इंग्लैंड टीम इसी शर्त पर जाएगी कि टीम इंडिया की बैटिंग के दौरान स्टम्प्स को भी पैड पहनाए जाएंगे...
जय हिंद...
एकदम डबल सेंचुरी माफिक.
जवाब देंहटाएंहा ..हा ....हा....हा...हा.. दुर मरदे कुछ समय बाद तो महाप्रलय आइए जाएगा , ससुरा महासतक बने कि न बने ।
जवाब देंहटाएंमहाप्रलय आने से पहले एक बार महाशतक देख लेते तो प्रलय होना आसान हो जाता . :)
जवाब देंहटाएंbikul sahi nayan kiya hai aapne ............
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर आंकलन...
जवाब देंहटाएंआपकी वर्णन शैली बहुत अच्छी लगती है.
जवाब देंहटाएंखेल तो बस खेल ही है.बिना हार जीत के खेल
कैसा.उतार चढाव आता ही रहता है.
मेरे ब्लॉग पर आप आये,मैं धन्य हो गया अजय भाई.
बहुत बहुत आभार आपका.
किरकेट के मामले में 13 अशुभ संख्या है। सो हमने सोचा कि चौदहवीं टीप हमही दे दें। महाशतक भी नहीं लगा है जो हमें लगे कि बड़ी देर से आए। हम तो सचिन से जादे कपिलदेव को लेकर चिंतित हैं। रिटायर होने की सलाह दे रहे हैं। उमर भी उतनी नहीं है,कैसे कहें कि सठिया गए हैं!
जवाब देंहटाएंकिरकेटवा में अबही कल मजा आवा रहा.. :) अच्छा अन्दाज है आपका!!
जवाब देंहटाएंbahut badhiya .holi parv ki hardik shubhkamnayen . ye hai mission london olympic .
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