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गुरुवार, 21 जनवरी 2010

पटरियों पर दौडेगी चिट्ठा चालीसा एक्स्प्रेस


मुझे नहीं पता था कि जब मैं इस पर लौटूंगा तो चर्चा की पटरियां "चिट्ठा चालीसा एक्स्प्रेस " बनके आपके सामने उतरेगी । और अभी तो रेल लाईनें बिछ रही हैं , यानि निर्माण कार्य जारी है जी , देखते जाईये और हां अपना अपना रिजर्वेशन करा लीजीये ............लंबी सैर को निकलना है । तो लीजीये हाजिर हैं आज के चालीस ........



कुछ इधर उधर


आज सबसे पहले हमने ये पोस्ट पढी है भैय्या,
आपही बताओ ,ई है धंधेबाजी ,मूर्खता, या शतुर्मुर्गी रवैया ॥


आज एलियन जी ने सच का सामना है करवाया ,
हंस हंस के हो गए लोटपोट, व्यंग्य बहुत ये भाया ॥



पूछ रही हैं घुघुती , क्या यही है वसंत ,
अजी ठंडे पडे हैं सब, क्या फ़कीर ,क्या संत ॥


दीपक पहुंचा वापस परदेस, वहां पड गया बीमार,
कैसी कैसी बातें है लिख रहा , आप भी डांटो यार ॥



ज़ाकिर भाई ने अपने सुपुत्र राशिम से मिलवाया ,
जन्मदिन है उसका , मैं बधाई भी दे आया ॥



गोदियाल जी पूछ रहे आज एक सवाल ,
इस पोस्ट में पढिये न उनका ये ख्याल ॥



अब हो जाईये आप हैप्पी होने को तैयार ,
दिखा रहे हैं कुलवंत जी, खिडकी के उस पार ॥



अदा एक नई अदा फ़िर से ले के आई हैं,
कहती हैं जमीं खून से नहाई है ॥



कह रहे हैं प्रतीक मुझे नौकरी चाहिए ,
आप भी जाए उनका हौसला बढाईये ।



शरद रितु जाती नहीं क्या करें मनमीत,
इसलिए अपूर्व सुना रहे हैं वसंत का गीत ॥




इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्यूं है,
आज खुशदीप भाई ने भी पूछा कुछ यूं है ॥



विवेक भाई चले मुंबई टू चेन्नई वाया देवलोक,
आप पढिए पोस्ट को , दीजीये टिप्पणी ठोक ॥



आज इस पोस्ट में शर्मा जी अनाटोमी है पढाया,
अपने कुल अंगों का मैं तो वजन कर आया ॥


बबली अपनी पोस्ट में कर रही हैं मां शारदे की वंदना,
वसंत पंचमी के अवसर पे इस पोस्ट को चाहिए देखना ॥



ममता टीवी चैनल का हो गया ट्रांसफ़र ,
गोआ से प्रसारण बंद, शुरू हुआ इटानगर ॥



यहां बहस है जारी ,थ्री इडियट वर्सेस शोले,
आप देखिए और जानिए कौन क्या क्या बोले ॥



उफ़्फ़ ये अदाएं , उफ़्फ़ ये नजाकत ,
गोपाल जी कर रहे किसी बेदर्द से शिकायत ॥


रोजनामचे में दर्ज़ हुआ बोझ तले दबता बचपन,
जाने इस मुद्दे पर कब सोचेगा , प्रशासन ॥



ब्लोगजगत पे घूमता रहता था एक आवारा,
बहुत दिनों बाद फ़िर लौटा है वही अपना बंजारा ॥


कह रहे हैं अरुण साथी, समय होता है सांप,
इनकी कविता को पढ के क्या कहते हैं आप ॥



लो जी इस ब्लोग का नाम है तुम्हारा कमीना,
मगर इस पोस्ट में तो हमें दिखी कोई भी कमी ना ॥



इनके इस निर्णय का कहिए क्या किया जाए,
चलिए तो पहले इनका निर्णय पढा जाए ॥



सीमा जी का ये ब्लोग मन को भा गया है ,
कर दी उन्होंने घोषणा, वसंत आ गया है ॥



पूछ रहे हैं गिरि जी, क्या पेटू हैं हम लोग ,
जी बिल्कुल , चाहे हो रूखी सूखी या हो छ्प्पन भोग


बता रहे हैं मा साब काहे इस्कूल से बच्चे जाते हैं भाग ,
काश कि पढते गुनते सभी मंत्री लोग तो जाते शायद जाग ॥


दीक्षांत समारोह मनोज जी आज प्रश्न उठा दिया,
इस परिपाटी का एक नया ही चेहरा दिखा दिया


वर्डप्रेस पर आलसी , उतने ही मदमस्त ,
इनकी लेखनी के आगे सभी हो गए पस्त ॥



खामोशी बहुत कुछ कहती है, आप भी जा के सुनिए,
वहम , सत्य या संयोग , इनमें से एक को चुनिए ॥


साहित्य के आंगन में शब्दों की अल्पना,
अरे नहीं समझे तो देखिए न परिकल्पना ॥

चलिए अब कुछ चर्चाओं की चर्चा हो जाए



यहां पर मिलिए आज एक नए चिट्ठाकार से

किसी दिन होंगे आप भी इसमें , पढिए जरा प्यार से ॥



इस चर्चा को भी शर्मा जी ने बना दिया है टंच,
देखिए किन किन पोस्टों की चर्चा कर रहा है मंच ॥



पंकज भाई की चर्चा ने समा हुआ है बांधा ,
इसको नहीं पढा तो समझो छूटा हुआ है आधा



आज तूलिका क्या कहती है :-


क्रिकेटर नेता दोनों पटके , करके एक ही वार,
कमंडल से निकला कार्टून ,आप भी देखो यार ॥



वर्तमान हालातों की अद्बुत की है खिंचाई,
कह रहे हैं सुरेश जी कम होगी महंगाई ॥


कभी इनकी तूलिका का खाली जाता वार नहीं ,
माना कि मंत्री बेकार हैं , मगर फ़िर भी बेरोजगार नहीं ॥


काजल जी की तूलिका ने किया पुलिस को परेशान ,
पूछ लिया है डायरेक्ट कि बेटा अब कैसे काटोगे चालान ॥


बामुलाहिजा होशियार आ गए कीर्तिश भट्ट।

इनका भी कमाल देख लीजीए झटपट ॥


अब पहेलियां हो जाएं... तो तैयार हैं न



बिल्लन पूछे जब पहेली सबको है आजादी,
तभी तो इसका नाम है खेल फ़र्रूखाबादी ॥




यहां सजी हुई है ताऊ जी की चौपाल,
आप पहुंच के देखिए आज का सवाल


अब देखिए कि तनेजा जी इस पहेली में मचा रहे हैं क्या धमाल,
अच्छे अच्छे हुए परेशान , पहचानने में हुआ है बुरा हा ॥


अच्छा जी अब रेल चली आराम करने ....राम राम जी राम राम

सोमवार, 18 जनवरी 2010

यदि ऐसा ही है तो लीजीये अब चर्चा ही चर्चा



कहते हैं न कि जो होता है उसमें कोई न कोई अच्छाई छुपी होती है , पिछले दिनों चिट्ठों की चर्चा और चर्चाकारों के संदर्भ को लेकर जो बातें हुई उन्हें अब मैं दोहराना नहीं चाहता , मगर शायद अधिक भावुक होने के कारण और शायद इस वजह से कि प्रश्न विवेक भाई जो अनजाने नहीं हैं हमसे , द्वारा उठाए जाने के कारण मन दुख तो गया था । जबकि मैं जानता था कि उन्होंने न तो किसी चर्चाकार विशेष के लिए कोई शिकायत की था न ही किसी भी चिट्ठीचर्चा से । मगर जाने क्यूं ............हां जाने क्यूं , वो सब हुआ जो स्वाभाविक सा होता है मेरे साथ । मगर आप सबका स्नेह/आदेश/प्रेम और साथ कुछ इस कदर जकड चुका है कि मैं अब चाह कर भी उसे नहीं छोड सकता । ललित शर्मा जी जैसे अग्रज भी मुझे नए अंदाज़ में लपेट ले गए और मिथिलेश भाई, खुशदीप भाई , और महेन्द्र भाई ने बाकायदा पोस्ट लिख कर हमारा जबरन टंकी आरोहण करा ही दिया । मगर जैसा कि पहले ही कहा कि कुछ न कुछ तो अच्छाई निकल ही आती है इन प्रकरणों से तो देखिए इस बार भी ऐसा ही हुआ है कम से कम मेरे लिए तो जरूर ही ।
आपकी निष्पक्ष और मार्गदर्शी टिप्पणियों ने ब्लोगजगत के बहुत से नियम और कायदे सिखा दिए । यकीन मानिए मुझे न सिर्फ़ उनसे संबल मिला बल्कि बहुत ही कुछ सीख समझ गया जो अब आगे की यात्रा में मेरे लिएश्री ललित शर्मा जी का चिट्ठाकार चर्चा के नाम से शुरू हुआ नया ब्लोग और दूसरा श्री अविनाश वाचस्पति भाई का तेताला भी नए चर्चामंच के रूप में सामने आएगा तो अब लीजीए चर्चा ही चर्चा ।

जहां तक मेरी बात है तो अब मैं भी अपने इस मंच से आपको बता रहा हूं कि अब मेरी चर्चा भी प्रबल वेग से आगे बढने वाली है और अब तक जो भी योजनाएं लूप में थी अब सबको बाहर निकालने का समय आ गया है अब देखिए आप मुझे कहां कहां चर्चा करते हुए पाएंगे

झा जी कहिन :- यहां पर आप मुझे अपनी ब्लोग पटरियां बिछाते हुए देख ही चुके हैं और आप सबने उसे स्नेह भी खूब दिया है ये यहां चलती रहेंगी मगर अब इसमें आपको बीच बीच में "चिट्ठा चालीसा " भी पढने को मिलेगी । जी हां चालीसा मैं इसे क्यों कह रहा हूं ये तो आपको पढने के बाद ही पता चलेगा ॥तो बोलिए जय बजरंग बली की जय ॥

समयचक्र :- जी हां , महेन्द्र भाई के इस मंच पर अभी मुझे उदघाटन करना है , मगर यकीन रखिए इस पर आपको हम चर्चा का अपना एक अलग ही अंदाज़ दिखाएंगे , और समय के चक्र पर आपको कराई गई सवारी निश्चित रूप से पसंद आएगी ॥

तेताला :-अविनाश भाई के स्नेह निमंत्रण को हमने स्वीकार कर लिया है और इस मंच पर मेरे द्वारा सिर्फ़ और सिर्फ़ नए ब्लोग्स और नए ब्लोग्गर्स की चर्चा की जाएगी । उम्मीद है कि इससे नए ब्लोग्गर्स की न सिर्फ़ शिकायत कम होगी बल्कि उनका परिचय भी आप सबसे हो सकेगा और उनका प्रोत्साहन भी होगा ॥

टिप्पी का टिप्पा , टैण टैणेन
:- हा हा हा , इस ब्लोग का नाम सुनते ही मुझ खुद हंसी आ जाती है क्या करूं । तभी तो इस ब्लोग को बनाया है ताकि ये जो आप लोग चुपचाप टीप के निकल लेते हैं उसपर धपाक से एक टिप्पा लगा के उसे और भी फ़्लेवर्ड बनाया जाए । उम्मीद है कि ये नए अंदाज़ की चर्चा भी आपका स्नेह पाएगी ।


चलते चलते बस इतनी गुजारिश है कि समय और दिन की कोई पाबंदी नहीं रहेगी मुझ पर कि मैं कब कौन सी चर्चा करूंगा , कारण स्पष्ट है , मुझे खुद भी नहीं मालूम इसलिए । और आप सब विश्वास बनाए रखिएगा । बस ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा आपको , इस पोस्ट के लिखे जाने के चौबीस घंटे के अंदर अंदर आपको चर्चा मिल जाएगी । कब कहां ...मैं क्या जानूं रे !!!

शनिवार, 16 जनवरी 2010

तो आखिर क्या हो पैमाना चिट्ठा चर्चा के लिए ???




सबसे पहले तो चंद जरूरी बातें , पहली ये कि झा जी कहिन नहीं बंद हुआ है , न ही वो ब्लोग कहीं जा रहा है अलबत्ता चर्चा या ब्लोग लिंक्स , आप जो भी समझें , उसे मैंने स्थाई रूप से विराम दे दिया है । दूसरी जरूरी बात ये महज एक दुख:द संयोग था कि भाई विवेक रस्तोगी जी की पोस्ट आई ,वो भी मेरी चर्चा के ठीक बाद , उसमें उनकी शिकायत , उसमें किसी भी विशेष चर्चाकार की ओर ईशारा न करना , एक चर्चाकार के रूप में और एक संवेदनशील या शायद ज्यादा ही संवेदनशील होने के और उससे भी अधिक आप में से ही एक ब्लोग्गर होने के कारण मेरा थोडा सा निराश होना और उसके बाद मेरा निर्णय । सब कुछ अपने आप ही होता गया । मगर इस प्रकरण ने फ़िर भी बहुत कुछ सोचने और सबसे बढकर आत्मविशलेषण करने का अवसर दे दिया । इस प्रकरण को मेरा टंकी पर चढने वालों को सिर्फ़ इतना बता देता हूं कि अबकी बार न तो मेरा ऐसा इरादा था और अब निर्णय लेने के बाद न ही उस पर पलट जाने का ।

इस प्रकरण और ऐसे ही अन्य प्रकरणों का एक जो प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष दुष्परिणाम निकलता है और जिसका कि मुझे सबसे ज्यादा डर था वो यही था , जैसा कि हो ही गया कि भाई ललित शर्मा जी ,जिन्होंने सिर्फ़ पिछले कुछ दिनों से ही चर्चा में हाथ आजमाया था और उतने ही दिन में ये जता/बता दिया था कि वे बहुत ही बेहतरीन चर्चाकार हैं ने भी आनन फ़ानन में एक दुखद निर्णय ले लिया । हालांकि मैं कभी नहीं चाहूंगा कि ललित भाई अपने इस निर्णय पर कायम रहें और देर सवेर उन्हें मना ही लूंगा । मगर यदि कोई भी प्रतिक्रिया न भी आती तो क्या जरूरी था कि जिस तरह से सभी एक एक करके चर्चाकारों द्वारा चर्चा में शामिल किए जाने वाले पोस्टों को लेकर अपनी नाखुशी/अपनी आपत्ति और विरोध दर्ज़ करवा रहे थे वो प्रवृत्ति और भी आगे नहीं बढती । और रही बात भाई मिथिलेश जी के कमज़ोर दिल ब्लोग्गर वाली बात की तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी ब्लोग्गर है जो इस श्रेणी में आता होगा । यदि ये शिकायत कोई नया ब्लोग्गर मित्र /या कोई अनजाना मित्र करता तो शायद झेल भी जाते , मगर जिनके बीच हमेशा ही अपने शब्दों/विचारों और टीपों के माध्यम से विचरता रहता हूं यदि उन्हें भी नीयत पर शक हो तो फ़िर ......????।यहां एक बात बताता चलूं कि सवाल जब आपकी निष्ठा/ईमानदारी/निष्पक्षता और नीयत पर उठने लगे तो ब्लोगवाणी जैसा ऐग्रीगेटर को आहत कर सकता है फ़िर तो निरे ब्लोग्गर की बिसात ही क्या ??

लेकिन जब बहस चल ही पडी है तो फ़िर आप सभी ब्लोग्गर्स ये भी तय कीजीए न कि आखिर क्या हो फ़िर इस चिट्ठा चर्चा का पैमाना ??। आखिर वो कौन सी बातें हैं जो कि चिट्ठा चर्चा कार को अपने जेहन में रखनी चाहिए ??

क्या उन पोस्टों को छोड दिया जाए जो उस दिन बहुत अच्छी लिखी गई हैं , तर्क ये दिया जाता है उन पोस्टों तो स्वाभाविक रूप से पहले ही सब पढ चुके होते हैं फ़िर चर्चा में उनकी लिंक लगाने का क्या फ़ायदा ??? तो क्या उन्हें इस बात के लिए ये दंड दिया जाए कि उन्होंने उस दिन अच्छा लिखी और जब सबने वैसे ही पढ लिया तो फ़िर चर्चा क्यों हो भाई ???? ये ठीक रहेगा न ??

या फ़िर ऐसा किया जाए कि सिर्फ़ नए ब्लोग्स को , या बिल्कुल भी पढे नहीं गए ब्लोग्स को , अनछुए ब्लोग्स को उठाया जाए ,और उनकी लिंक लगा के पढाया जाए । अच्छी बात है ये तो होना ही चाहिए , बस अपने दिल पर हाथ रख के एक बात बताईये , हम में से कितने ब्लोग्गर हैं जो नियमित रूप से अपने बीच आ रहे नए ब्लोग्गर मित्रों को पढ के टीपते हैं , तो फ़िर सारी जिम्मेदारी चर्चाकार पर ही क्यों ?? यहां लगे हाथ अपने उन नए ब्लोग्गर मित्रों से भी पूछता चलूं कि आखिर एक हफ़्ते, एक महीने और कुछ समय तक की ब्लोग्गिंग में उन्हें पुराने (वरिष्ठ नहीं कहूंगा ) ब्लोग्गर्स, नियमित टिप्पणीकारों , और चर्चकारों से भी शिकायत होने लगती है ??? आखिर हममें से कोई आमिर खान , और शाहरूख तो नहीं है कि आपको टीपने के लिए लाईन लग जाए ।

कविता/कहाने/कार्टून/व्यंग्य/गंभीर आलेख/..आदि के रूप में बांट कर चर्चा की जाए .....वाह सुन कर अच्छा लगा न , मुझे भी बहुत अच्छा लगा । तो ऐसा करते हैं फ़िर एक चर्चाकार को किराए पर लाते हैं जिसे कहेंगे कि भाई जी आपने ब्लोग्गिंग नहीं करनी है सिर्फ़ चर्चा करनी है । आखिर ये तभी तो संभव है न जब वो चौबीसों घंटे बैठ कर एक एक ब्लोग पढ कर हमारे आपके लिए एक कमाल की चर्चा ले कर आये ।

और भी हैं बहुत से पैमाने , तय तो आपको करना है ?????????मगर इसके बाद आखिर क्या गारंटी है इस बात कि किसी चिट्ठाचर्चाकार पर ये तोहमत नहीं लगेगी ???? लेंगे आप ????

एक आखिरी बात जरूरी नहीं कि हर बार मेरी तरह ही टंकी पर चढा ब्लोग्गर फ़ट से नीचे भी उतर जाए ???तो कम से कम इतना तो किया ही जा सकता है कि उसकी नीयत पर सवाल न उठाया जाए ।
हां रही बात इस मुद्दे कि हमारा कैलिबर कितना है तो अब इस ब्लोग्गिंग की दुनिया में इतना तो माद्दा रखते हैं कि रोज ही पचास लिंक्स की चिट्ठा चर्चा (चिट्ठा पचासा ) के नाम से आपके सामने रख दूं , और यकीन जानिए ये बहुत मुश्किल भी नहीं है ..............बस मुझे और अन्य मित्र चर्चाकारों को भी अपने में से ही एक समझें । इश्वर करे कि ये प्रकरण , ब्लोगवाणी प्रकरण की तरह ही , नए ऐग्रीगेटर्स की भांति नए चर्चाकार मित्रों को सामने लाए ॥


गुरुवार, 14 जनवरी 2010

दो लाईनों की पटरी, पूरे ब्लोग नगर से गुजरी (ब्लोग लिंक्स )



मुझे बहुत खुशी है कि , अब ब्लोगजगत में कम अब कम से कम ये शिकायत तो किसी को नहीं होगी कि ,पोस्टें तो लिखी जा रही हैं , मगर चर्चा नहीं होती ।आप खुद देख पढ रहे हैं कि किस तरह से नित नई चर्चाएं, एक से बढ के एक अंदाज ,कलेवर,और शैली में आपके सामने प्रस्तुत हो रही हैं ।और ये तो बस एक शुरूआत भर है ,,आगे आगे देखिए होता है न क्या ??। हां आगे की चर्चाओं में कोशिश ये होगी कि आपसे उन अनछुए , अनजाने,और सुंदर ब्लोगपोस्ट, ब्लोग्गर्स , और ब्लोग्स से आपकी मुलाकात कराई जाए ॥

कहते हैं, दूर हुए जो थे सब अपने॥


ललित जी अपने अंदाज में सजा रहे मंच,
नए नए स्टाईल से ,चर्चा हो रही टंच ॥


संक्रांति के अवसर पर कुछ धार्मिक सा हो जाए,
विष को पीकर, शिव जी नीलकंठ कहलाए ॥



खास अंदाज में खुशदीप खींचते हैं खाका ,
आज तो मक्खन की जेब पर पड गया डाका ॥



जानिए कि एक कला होती है,डुबकी लगाना,
कला सीखनी है तो सफ़ेद घर हो के आना ॥



इहां एक ठो नेता जी , लगे हैं कुछ बताने,
आप भी सुनिए, अमर सिंह लगे हैं ब्लागियाने ॥


अपनी बला से कोई रूठ भी जाए ,
अंतर्मंथन की पोस्ट पढ के आए ॥


शब्दों के सफ़र को भी ध्यान से लिया जाए देख,
आज का शब्द है ,क्या होता है मीन मेख ॥



अक्ल हो तो मरे हुए गधे को भी बेच सकते हैं ,
प्रमाण के लिए , आप ये पोस्ट देख सकते हैं ॥



शरद भाई ने पोस्ट में पेश की फ़िर नायाब चीज,
प्रेमी कहे प्रेमिका से,जानम स्माईल प्लीज ॥


यहां पहुंच कर दीजीये हैप्पी बर्थडे की बधाई ,
इसलिए तो खासकर ,ये पोस्ट गई है लगाई ॥




नकली पंजाब नेशनल बैंक ने जैसे ही चारा डाला,

बेचारों को पता नहीं था,पड गया किससे पाला ॥



तनाव के दौर में बिन हास्य फ़ुहार के होता है वो गरीब,
आप मुंह तैयार रखें , हंसने की यहां बताई गई है तरकीब ॥


अरे कहां अटक गए भैय्या, जल्दी पढने भाग,
तमाम तरह की सोच का बंडल है , दिमाग ॥



प्रीती टेलर ने फ़िर आज बुन दिया कुछ खास,
आज की पोस्ट में हो रही है जश्न की तलाश ॥



यहां मिलता है वो जो बातें गई हैं भूली ,
उसने कहा था कह कर कैसे की जाती है उंगली ??



अब चंद पंक्तियां यहां पढिए आप सुहानी ,
इनके लफ़्जों को समझा जाए इनकी कहानी ॥



अब एक झक्कास पोस्ट पढने को हो जाईये तैयार,
जानिए ताऊ का किससे,कैसा था करार ॥



चंद्रभान जी अपनी पोस्ट में देखें क्या कह रहे हैं आज,
लिखिए, पढिए , पर अपना आप नया रखिए अंदाज ॥




पढते पढते आप अब डालिए यहां नजर ,
जिंदगी के चौराहे पर जाने कौन गया ठहर ॥



चिट्ठाकारों के प्रति यहां विवेक भाई ने शिकायत कराई दर्ज़
चलिए नोट किया हमने तो अब नहीं भूलेंगे फ़र्ज़ ॥
तो आज की पटरी बस यहीं तक बनी है, सफ़र जारी है ...........................


तो आज की पटरी बस यहीं तक बनी है, सफ़र जारी है ...........................

शुक्रवार, 8 जनवरी 2010

बिछा दी हैं पटरियां , घूम लो ब्लोग नगरिया ( ब्लोग लिंक्स )

लो जी हम एक बार फ़िर हाजिर हैं दो लाईना ....ओह माफ़ कीजीए हुजूर ....अपनी पटरियां लेकर ...तो बैठिए इस पर और पहुंचिए जहां जहां आपको पहुंचना है ॥ हां यहां एक बात बताने का मन हो रहा है ,. लोग बाग कह रहे हैं कि फ़ूं फ़ां वाली चर्चा को तोक दिया जाना चाहिए , सो उनके लिए बुरी खबर है जिन्हें लगता है कि झाजी को खाली पटरी बिछाना आता है ...........हम भाई महेन्द्र मिश्रा जी के ब्लोग पर आपको एक नए अंदाज की चर्चा दिखाएंगे और हां न सिर्फ़ पोस्ट चर्चा बल्कि चिट्ठा चर्चा भी .......और हां उस एक्प्रेस गाडी पर बैठ कर आपको भी मजा न आया तो कहिएगा । तो इंतजार कीजीये और तब तक जब तक हम पटरी बिछा रहे हैं .........


अवधिया जी ने नए साल में खोली टीपों की दुकान,


इश्क हुआ हमें तो इससे , आप अपनी कहो सनम ॥



आज तो हर पोस्ट में बस है एक ही नजाकत,



अजी अभी और पढना है ब्लोग्गिंग को, क्या मन नहीं भरा,



देखें कब मिलता है सौभाग्य सबको गले लगाने का ॥



सुना है झांसाराम, और आरामदेव को हो रही है टेंशन ॥



अरे थोडा साहस आप भी दिखाईये और जाकरे पढिये न दोस्त ॥



खुदा के नाम पे इनके ब्लोग पर भी एक चट्खा लगाएं ,



बेरोजगारी में कमाईये ऐसे ,



बताईये उनसे करें कैसे शिकवे गिले ,



जिंदगी के मेले में ढूंढिए अपने जज्बात ,



उदास रातें, बहुत बेकरार करती हैं ॥



देखिए आदर्श भाई ने उनसे आज प्रश्न कितना बडा किया ॥



पहले पढिए पोस्ट, फ़िर टीप भेजिए ॥



मगर लगता है इस बार तो अंतर बडा है भारी ॥


बूझो तो जानें


देखिए न कितनी पोस्टें पढा रहे हैं ॥


आसान अंदाज में, विधिगत जानकारी, वाह॥



यहां गया है पूछा , कि क्या खूबसूरती है अभिशाप,



ठंड में दूबे जी के कार्टून ने किया कुछ गर्मी का इंतजाम,



उनकी तूलिका के अमर सिंह हैं परमानेंट मेहमान ॥



आज मिला एक नया नाम , कहा गया है कायर ॥


तो बस जी इस पोस्ट के बाद और कुछ कहने सुनने का मन नहीं है अभी फ़िलहाल । इसलिए अभी तो इतना ही ........


सोमवार, 4 जनवरी 2010

ये चिट्ठी चर्चा नहीं सिर्फ़ पोस्टों के लिंक भर हैं (पोस्टों के लिंक )

अभी कुछ दिन पहले एक टीप आई कि ,,,क्या आप जो करते हैं वो चिट्ठा चर्चा है , मैंने कहा नहीं , ये चिट्ठा चर्चानहीं है ये चिट्ठी चर्चा है , जैसा कि मैं पहले से कहता रहा था मगर फ़िर सोचने बैठा तो लगा कि ये तो कुछ भीनहीं है चिट्ठा चर्चा और ही चिट्ठी चर्चा और फ़िर जब थोडा और सोचा तो लगा कि इस हिसाब से को हमचर्चाकार जो भी करते हैं इस नाम पर वो चिट्ठा चर्चा तो नहीं होती............अलबत्ता उसे पोस्ट चर्चा जरूर कहा जासकता है और मैं तो वो भी नहीं करता तो फ़िर जो मैं करता हूं वो क्या है .......अंदर से आवाज आई, कुछ नहीं जीआप बस अपनी दो लाईनों की एक पटारी बनाते हैं जिस पर चल कर कोई रेल की तरह जिस स्टेशन पर पहुंचजाता है जो किसी की पोस्ट होती है , तो लीजिए जी पटरियां बिछा दी हैं दौडाईये रेल अपनी और हां चर्चा के बारेमें तो कुछ कहा ही नहीं .....तो लीजिए अब जाते जाते ये भी सुन लीजीए ....चिट्ठा चर्चा और पोस्ट चर्चा का नमूनाअब भाई महेन्द्र मिश्रा जी के ब्लोग समयचक्र पर ही दिखाने का प्रयास करूंगा ...बांकी तो आप खुद तय कीजीएगा
......?????




देखिए जी ज्यादा न टीपों के आने पर करें घमंड,
क्योंकि टिप्पणियां नहीं होती गुणवत्ता का मापदंड ॥



ब्लोगवाणी के नाम लिखी गई एक अलबेली चिट्ठी,
इसी बहाने खोल दी जाने कितनी पोल पट्टी ॥



मिश्रा जी ने बताया कौन सुर है कौन असुर,
हमने जता दी आपत्ति कहां गए भैंसासुर ॥


देखिए सुनिए एलियन अदा जी का सुर ताल,
एक ने गाया, एक ने लिखा, बिना कहे गया ये साल


इहां जाहिर कर रहे हैं मेजर साब अपनी कविताई शंका,
आपही किजीये समाधान , कुछो ना सूझा हमका ॥



शास्त्री जी की चर्चा को नहीं देखा तो क्या पढा,
आप भी उठाईये न इस चर्चा का मजा ॥



देखिए काजल भाई की तूलिका क्या बोल रही है आज,
उन्होंने कैसे खोला साफ़ सुथरी ब्लोग्गिंग का राज ॥



उफ़्फ़ा अदा हर अदा निराली , कविता हो गज़ल हो,
आज की पंक्तियां, हाथ में गंगा जल हो ॥



टूर से वापस आ गई है देशनामा की जीप,
नई पोस्ट लेके आ गये भाई खुशदीप



ताउ जी की पहेली का देखिए कौन बना विजेता,
हाय हमसे तो न गया इसे कभी भी जीता ॥


आज गोदियाल जी ने बात कही एक तगडी,
नए गढे कुछ शब्द, छोडिये ब्लोग , ब्लोगरी ॥



एक साथ बहुत सी पोस्टों को यहां पढा कीजीए,
फ़िर एक बार धांसू सी चिट्ठाचर्चा का मजा लीजीए॥



बाबा लंगोटानंद जी ने भभूत का बता दिया है रेट,
जल्दी से और्डर कीजीए, हो न जाना लेट ॥



सिदार्थ जी ने उठाया अमरूद के लिए तरसने का मजा,

तस्वीरें देख तो हमरे मुंह में भी पानी आ गया



विशुद्ध साहित्यिक चर्चा है नहीं कोई विवाद,
अद्भुत है ये चिठियाना-टिपियाना संवाद ॥



आज फ़िर हैं नीरज, और साथ हैं उनकी किताब,
अरे यहां पहुंच के देखिए, कहां हैं आप जनाब ॥



रंजना जी लिखी फ़िर से पोस्ट आज ये खास,
शीर्षक उसका रखा है, कुछ यूं ही एहसास ॥


पल्लवी ले के आई हैं , नए साल की चाट,
चल मुसाफ़िर लपक ले देखता किसकी बाट ॥



शिल्पकार के मुख से निकली पंक्तियां क्या कहने लगी हैं ,

कहती हैं बडी वाली हवेली भी अब ढहने लगी है ॥



ब्लोगवाणी ने बदला कलेवर , सज के हुआ तैयार,
यहां पर आप भी व्यक्त कीजिए आप उसका आभार ॥


वर्मा जी ले के आए सुंदर शब्दों की छांव,
आज एक कवि को याद आया है अपना गांव ॥



तुम्हारी लटें, मेरा ख्याल और चांद रात,
इस पोस्ट में लिखी गई है ये बात



तो बस आज इस छोटी लाईन की पटरियों का मजा लीजीए, कल की छु्ट्टी में बडी लाईन ......या टि्प्पी का टिप्पा ....जैसा आप चाहें ..............???????????

बुधवार, 30 दिसंबर 2009

सिर्फ़ दो पंक्तियां ,,,हमेशा की तरह (चिट्ठी चर्चा )

अब तो मुझे यकीन हो गया है कि अभी भी हमारे बीच कुछ मित्र /शत्रु हैं जिनका मकसद यहां लिखने/पढने .......हिंदी की सेवा से इतर भी की उद्देश्यों की पूर्ति में लगे हैं । और न हो तो बस कुछ भी कह सुन कर , अपनी वजह बेवजह की आपत्तियां दर्ज़ करा के माहौल को अशांत करने का प्रयास करते हैं । मैं ये तो नहीं कहूंगा कि आप अपना ये काम छोड दें ......क्योंकि चाहे अनचाहे आप उसे नहीं छोड पाएंगे........आखिरकार वो आपका चरित्र जो ठहरा । मगर ......हां , मगर .......गौर से सुन लें कि ......कहीं ऐसा न हो कि शराफ़त आखिरकार अपनी शराफ़त का आवरण हटा दे .......तो वो दिन , वो पल आपके लिए आखिर होगा ...कम से कम ब्लोग्गिंग के लिए तो अवश्य ही ...।उम्मीद है कि ईशारा काफ़ी होगा ....और विश्वास है कि पहले की तरह आप मानेंगे नहीं ॥


सारी टिप्पणियों की बाजी ये बिल्लन गई है मार,
अब तक के सारे रिकार्ड दिए एक झटके में फ़ाड ॥


कहती हैं अदा, जाने कब से जारी है ये सफ़र ,
अजी आपके जादू का कुछ अलग ही है असर ॥


एक अनूठी शैली, भाषा और अनूठा अंदाज,
आज अजदक दिखा रहे , दिसंबर की सांझ ॥


दूबे जी से जानिए क्यों हुए शर्मा जी परेशान,
इसी बहाने चल रहा हिंदी -इंग्लिश में घमासान ॥


अच्छी पत्नियां कहां मिलती हैं ,पूछ रहे खुशदीप,
मिले तो भी , न मिले तो भी, आप दीजिए टीप ॥


गब्बर ने सांभा को गज़ल सुनाने के लिए दबा दिया है घोडा,
शोले की महफ़िल जमी हुई है, आप भी मजा लिजीये थोडा ॥



राजीव भाई की हास्य की दाल यहां भी गलने लगी है,
अजी दाल तो दाल, रोटियां भी वहां जलने लगी हैं ॥


पान की दुकान पे देखिए आज आई किसकी साली,
अवधिया जी ने चबाते हुए पढवाई कविता एक मतवाली ॥


महेन्द्र भाई ने खास अंदाज में व्यंग्य से किया है वार,
पटक पटक के धोने को ये पोस्ट हुई तैयार ॥



ग्राम प्रवास से पहले किया था यादों के मेले का वादा,
अपने यात्रा संस्मरण पढवाने का पूरा है इरादा ॥


आइडिया बता रहे हैं राहुल कैसे नए लेखक/पाठक लाएं,

आप भी पहुंचें -पढें, और कुछ नए विचार बताएं ॥


प्राची के उस पार से जब भी चलती है कलम,
हर बार पढके देखके, अचंभित होते हैं हम ॥


शास्त्री जी के मार्फ़त फ़िर सागर से मोती मिला है,
क्या खूब कहा उन्होंने, आशा पर संसार टिका है ॥




सब्र की सारी सीमा जब हद से हो गई पार,
डा साहब ने रख दिया सब सामने, खुद देखिए सरकार ॥



आज ज्ञान जी ने अपनी छोडी ऐसी रेल,
हलचल ही हलचल में गाडी जा पहुंची जेल ॥



आईये ब्लोग्गिंग से संबंधित कुछ पढवाते हैं ,

ब्लोग्गर हैं , लिख कर भूल जाते हैं ॥



वर्ष दो हज़ार नौ का निर्मला जी कह रही हैं धन्यवाद,
इसी बहाने कर लिया जाने कितनों को याद ॥



देखिए जब कोई शिल्पकार शिल्प गढता है,
हम जैसा पाठक उसे जरूर पढता है ॥


राज भाई ने इस साल ही बना लिया अनोखा एक रिकार्ड,

बधाई डबल किजीये , दे दीजिएगा बाद में बधाई कार्ड ॥


गोदियाल जी ने आज ऐसा संस्मरण है लिख डाला,
सभी पूछते फ़िर रहे, बांकी का कल तक के लिए क्यों टाला ॥


अवधिया जी ने एक ऐसी कह दी आज कहानी,
जो समझ गया इसको सफ़ल हुई जिंदगानी ॥


हिंदी साहित्य मंच में फ़िर से कविता प्रतियोगिता की तैयारी,
देरी किस बात की है फ़िर, भेजिए न आप भी कोई रचना प्यारी ॥



मन को पंख लगता है तो जाने ऐसे पोस्ट कब बन जाते हैं,
कहती हैं रश्मि, वे जीने का सबब बन जाते हैं ॥



सुरेश जी कर रहे हैं अपने स्टाईल में नए साल को वैलकम,
जाईए लगाईए, ठहाका, पहले थोडा मार लीजिए दम ॥



पढते पढते इस सुंदर पोस्ट पर मेरी पडी नज़र ,
आप भी देखिए, आज की एक्सक्लुसिव खबर ॥



बिल्कुल अलग अंदाज़ की ये कविता भी पढें,
और हां इन्हें अपनी टीप में कहें , कि आगे बढें ॥


खोखले इस समाज की किसी ने फ़िर लिख दी दास्तान,
जा पढ के देख और बोल, चुप क्यों है नादान ॥



अलबेला भाई इस पोस्ट से फ़ैला रहे आलोक,
आप भी प्रकाशमान होईये , कौन रहा है रोक ॥



कौन कहता है वो पोस्ट है , जिसमें शब्द हो भरे,
देखिए कितने कम में कितना कुछ कह जाती हैं खरे ॥





साल के जाते जाते एक और पुण्यात्मा स्वर्ग की ओर चली,
साहित्य के शिल्पी दे रहे हैं, यहां उनको श्रद्धांजलि ॥


तो आज के लिए इतना ही ......बकिया अगली चर्चा में ..............

सोमवार, 21 दिसंबर 2009

आख़िरी दू लाईना इस हफ्ते, हम चले अपने रस्ते (चिट्ठी चर्चा )

देखिए जी....ये तो पहले ही बता चुके हैं कि अब कल से गांव की तैयारी है तो जाते जाते ई दु लाईना ठेले जा रहे हैं ....बस ई हफ़्ता का कोटा समझिए ...उहां से समय मिला तो ठीक नहीं तो आने के बाद हईये हैं । .....



इंसानों बीच बैठा एलियन, उडनतशतरी कहलाए,
एक पोस्ट में देखो कैसे दुनिया घूम के आए ॥


ललित जी बता रहे हुई एक बीमारी खास,
बहुते बीमार इसके लोग , नाम है छपास ॥



महफ़ूज़ भाई ने समेट लिया पूरा ब्लोग्गिंग परिवार,
इस नायाब पोस्ट में, जता रहे हैं वो सबका आभार ॥


लिंककुछ दिनों के मौन के बाद फ़ौर्म में आ गए भाई सुरेश,
क्या कर रही हैं सोनिया मैडम, जल रहा है देश ॥


पूछ रही हैं वाणी ,क्या आप कभी झगडते नहीं,
प्यार नहीं करते,वे ,जो कभी लडते नहीं ॥


टिप्पणी के साथ नकदी भी आने वाली है,
लक्ष्मी जी खुद, द्वार खटखटाने वाली हैं॥


ज्ञान जी की देखिए ,बैटरी वाली लालटेन,
भारत विकास को कोसने वालों,थिंक अगैन ॥


बच्चन जी ने बदला गैटअप और बन गए हैं पा,
ये फ़ेरबदल क्यों किया , पूछ रहे हैं श्री तनेजा ॥


कहां ऊंघता फ़िर रहा, चल ओ मुसाफ़िर जाग,
लंठ महाचर्चा का पढ ले दूसरा भाग ॥


अक्सर कुछ भी, कभी भी , हम यहां हैं लिख के धरते,
आप भी देखिये, हम हैं पोस्ट कैसे पढते ॥


नीरज जाट जी की हो गई अगले सफ़र की तैयारी
,
वापस आते ही मिलेगी, एक पोस्ट और प्यारी ॥


यहां चल रहा है बिल्लन का खुल्लम खुल्ला खेल,
जवाब देने की कोई टेंशन नहीं, कोई भी टिप्पणी ठेल ॥


जाने किसका श्यामल जी को है इंतजार,
अब इससे ज्यादा क्या कहूं, आप खुद देखो यार ॥


क्या आप जानते हैं किसे कहते हैं कलेजा मुंह को आना,
आज अपनी फ़ोटो में आदि यही चाहे है बताना ॥



अदा जब अपनी अदा में होती हैं तो उस अदा के क्या कहने,
गज़लों और शेरों की रवानी में लगते सभी हैं बहने ॥


कुछ गजब की क्षणिकाएं ले के आई हैं हरकीर,
चंद पंक्तियों में दिख जाए समाज की तस्वीर ॥


देखिए क्या ले के आया आज शब्दों का खबरी,

लिफ़ाफ़े बाजी और उधार की रिकवरी ॥


आज फ़िर लाए शुक्ल जी एक सुंदर सी चर्चा,
पूरी पोस्ट देख के लगता है समय बहुत है खर्चा ॥


अपना एक अलग है दीपक का स्टाईल,
पोस्ट का नाम है जब बुद्धा स्माईल ॥



द्विवेदी जी ने पूछा है क्या है गालियों का मनोविज्ञान ,
आखिर कब पडी ये आदत जिसे छोड ना पाया इंसान ॥


राज भाई बना रहे भारत आने का प्रोग्राम,
स्वागत में तैयार हैं सारे ब्लोग्गर तमाम॥


आकांक्षा ने जिस घटना का जिक्र किया है आज,
पढिए और देखिए, अपना कैसा हुआ समाज ॥


गगन जी दे रहे हैं एक अलग सा आज सुझाव,
आप पढे और फ़टाफ़ट बताएं अपने मन के भाव ।


नारी पुरूष मुद्दे पर फ़िर एक और आई है पोस्ट,

जाने कब तक ये बहस ऐसे चलेगी दोस्त ॥


कहने को तो ये कह रही हैं है छोटी सी बात,
निर्मला जी की कविता की आप देखिए करामात


कार्टून कमंडल ले के क्या कह रहे हरिओम तिवारी,
कोई तो ले लो भईया , ये जिम्मेदारी ॥


यहां जला हुआ है अलाव, तनी हुई है रजाई,
आखिर क्यों न हो , कितनी ठंड है भाई ।




का हुआ बहुत पढ लिए, अब थोडा सा पढ लिजीये और,
ब्लोग जोर आजमाईये रह के अपने ठौर ॥


अच्छा जी राम राम तो चलें अब गाम की ओर .......

शनिवार, 19 दिसंबर 2009

दो पंक्तियों में सारा सार : चिट्ठी चर्चा हुई तैयार ,,

आज एक और चर्चा मंच की शुरूआत हो गई ......देखा आपने अलख जगाने की देर होती है फ़िर तो चारों ओर रोशनी ही रोशनी बिखर जाती है .....स्वागत है हर नई कोशिश का .....हर नए कदम का ।चाहे वो चर्चा मंच का हो या और कोई नया विचार । अभी तो बहुत कुछ करना है हमें आपको ....बस साथ बना रहे आपसी स्नेह बना रहे तो कुछ भी नामुमकिन नहीं .....और न ही ये कि किसी का योगदान बहुत अधिक और किसी का बहुत कम है । जरूरी तो वो पाठक भी है जो सर्च इंजनों में , हमारे ब्लोग या पोस्ट के शीर्षक पढ के कौतूहलवश चला आता है ॥.....तो आप सब हैं न साथ मेरे .....एक दूसरे के ..........उम्मीद है कि जवाब हां ही है ..........॥ और मेरी उम्मीद कभी नहीं टूटती ...॥



जाने क्या क्या लिखते पढते हम वक्त करते बर्बाद,
देखिए आज सबसे जरूरी करना था किसको याद ॥


अब तो चर्चा मिलेगी हर वक्त , डिनर हो या लंच,
शास्त्री जी भी ले कर आ गए एक और चर्चा मंच ॥


साल भर की ब्लोग्गिंग का विश्लेषण कर रहे रविंद्र प्रभात,
आप भी कीजिए भ्रमण ब्लोगजगत का उनके ब्लोग के साथ ॥


यहां पहुंचिये और देखिए कल की बात ,

इस पोस्ट की अनोखी बार है हजरात ॥


खुशदीप मियां के फ़ील गुड का अनोखा है अंदाज,
बता रहे हैं ब्लोग्गिंग में जल्दी ही होगा कमाई का आगाज ॥



आजकल एक विषय पर पोस्टों की लगी हुई है झडी,
आज गोदियाल जी ने सबको सुनाई खरी खरी ॥



पढते पढते आज ये लेखन भी खूब मिला ,
शीर्षक ही ऐसा है , बुरा क्यों देखन मैं चला ॥



आज फ़िर एक दिलचस्प प्रश्न उठा रही है नारी ,
आप भी उत्तर देने की कर लिजीए तैयारी ॥


हमें थी चाहत कुछ अच्छा पढने की ,
इन्हें थी , मील का पत्थर बनने की ॥


कह रही अदा , हाय हुई ऊंचाईयों का शिकार,
आज पुराने अंदाज में उन्हें पढने को हो जाईये तैयार ॥


स्वप्निल दिखा रही देखो कितना कोहरा है छाया,
आप जा के देखिए मैं तो पहले ही देख आया ॥


शनिवार का दिन है आज आए ताऊ की पहेली,
अजी क्या खाक करते हो आप यदि आपने नहीं है खेली ॥


दीपक की गहरी बात है, आस्तीन का सांप,
यकीन न हो तो , खुद ही पढिए आप ॥


ब्लोगजगत में कौन है दूजा पांडे जी जैसा लिखाडी,
राजधानी की स्पीड में दौडा रहे हैं मालगाडी



सुंदर है कार्टून और सुंदर शब्दों के भाव,
आप भी देख ही आईये , अविश्वास प्रस्ताव ॥


ललित जी ने आज अजब ये पोस्ट ये लगाई,
यहां मिल रहे हैं दो बिछडे हुए भाई ॥


चिट्ठाचर्चा में आज कार्टूनिस्ट हैं छाए,
बडी मेहनत से चर्चाकार ढूंढ के हैं लाए ॥



सिर्फ़ पांच पंक्तियों में सच निकला अलबेला,
समाज ने अपनी बेटियों को देखें कहां धकेला ॥


वाणी ने अपनी कलम से ऐसी कहानी बुनी,
नाम उसको दिया है दिल और दिमाग की कहासुनी ॥


भेड चाल से भेडिया धसान तक शब्दों का सफ़र है जारी ,
नए नए शब्दों से परिचय कराती पोस्ट बडी है प्यारी ॥


जरा देखिए तो आपको भी क्या ये गज़ल रही है कचोट,
सुलभ भाई की कलम कर रही है सही जगह पे चोट ॥



ब्लोग्गर्स की चिंता पर दिला रहे आज मनोज ध्यान,
आज इस पोस्ट को आप जरूर पढें श्रीमान ॥


मेरा मैं, शीर्षक है कविता का, आप पढ के आईये,
कविता का स्वाद लीजिए, फ़िर टीपियाईये ॥


चर्चा कर रेले हैं मुन्ना भाई और सर्किट,
नए स्टाईल की चर्चा सुपर हिट ॥


लंठ करे आलस , बनिए संग कविता के राही,
आज की रचना है , बस स्याही स्याही


पिछले जनम का छोडिए , जानिए अगले जन्म का राज,

ब्लोग नाम मुझे शिकायत है, खोलने वाले भी हैं राज ॥


उन्मुक्त जी बता रहे हैं सफ़ल वकील क्या करते हैं,
काबिल होते हैं जो वे पहले दिमाग में ही लडते हैं


इस पोस्ट में बता रहे ध्वज का क्या है मान,
मिथिलेश जी की पोस्ट पर आप डालिए ध्यान ॥


यहां लिखा जा रहा है विधि का इतिहास,
द्विवेदी जी की ये श्रंखला, सबके लिए खास ॥


तो आज की चर्चा बस इतनी ......

गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

पढ़ डाली पोस्टें तमाम : चर्चा सरे शाम (चिट्ठी चर्चा )


देखते देखते ये साल भी बीतने के कगार पर है । और समय कब किसी के लिए रुका है ...रुकना भी नहीं चाहिए ,न ही हमारा ये काफ़िला रुकना चाहिए । हो सकता है कि हमारे विचारों मे समानता न हो , समानता क्या हो सकता है कि हम अपने विचारों के कारण एक दूसरे के धुर विरोधी हो जाएं ॥मगर किसी भी परिस्थिति में हमें ये तो याद रखना ही होगा कि इस साझे मंच पे हमारे होने का मकस्द क्या है ...इसलिए हमारी मंशा साफ़ होनी चाहिए और उद्देश्य स्पष्ट .....हिंदी की सेवा । अपने लेखनी से ....न सिर्फ़ लिख कर बल्कि खूब पढ के भी ....हिंदी की और अपने इस हिंदी ब्लोग्गिंग का जो भी जितना भी भला कर सकते हैं ...उसे करने में पीछे नहीं हटना चाहिए । बांकी बातें तो क्षणिक हैं .....॥




हिंदी ब्लोग विश्लेषण श्रंखला की आ गई अगली कडी,
सब पछता रहे हैं वो जिन्होंने अब तक नहीं पढी ॥


आज पूछ रहे खुशदीप मियां हम क्यों नहीं मरते,
अरे यार सारा मामला आप यहां खुद क्यों नहीं पढते ॥


राज भाई के घर पे आया एलियन जी का फ़ोन,
बतियाए वे उनसे और हमरा भी खुस हो गया मोन ॥


प्यार घोषित हो रहा एक भयावह मानसिक रोग,
यदि ऐसा है तो भैय्या , हमें भी पागल घोषित कर दें लोग ॥


मिसर जी ने महिलाओं से संबंधित एक पूछ लिया सवाल,
टीपम टीप के बीच में मचा हुआ है बवाल ॥


शशि कपूर के सवाल का अब मिला है जवाब ,
अनिल भाई की ये पोस्ट गजब है लाजवाब ॥


प्यार मिले और प्यार ही बांटो इस संसार में,
पूछ रही हैं गार्गी रखा क्या है अहंकार में ॥


अपना आदि पहलवान देखें आज कर रहा क्या खास,
अरे चम्मच भर भर के देखो चाटे च्यवनप्राश ॥


ब्लोगजगत पे ऐसे लेख रोज कहां कोई पढवाता है,
आप खुद पढिए कि शीबा को गुस्सा क्यों आता है ॥



थोडे दिन मित्र हुए गायब तो हो गए परेशान,
दराल साहब की चिंता से हम भी अभिभूत हुए श्रीमान ॥



मनुष्य की इश्वर बनने की अभिलषा का कब होगा अंत,
यदि आपको हो पता तो यहां पहुंच के बताएं आप तुरंत ॥



चर्चा छिडी पान दुकान पे कि भैंस बडी या दिमाग,
पान का बीडा चबाय के खूबे पढो ई खटराग ॥



कंप्यूटर में बसते हैं वायरस और खाकी में इंसान,
पूरी कथा बांचने को यहां पहुंचे श्रीमान ॥


एक छोटी सी कविता हमने तो पढी है बारंबार ,
कह रहे हैं बुद्ध, धरती के दुशमन हुए हजार ॥




आज है जिनका जन्मदिन नाम है पवन चंदन,
यहां पहुंच के बधईये आप उनको टनाटन ॥




आज फ़िर कोई गा रहा प्राची के उस पार,

हमने देखा ,और कहा कितना सुंदर यार ॥


शिखा जी की पोस्ट पे सागर का स्पंदन,

कविता पढ के अपना भी आनंदित हो गया मन ॥


एक ब्लोग कविता,बाजार कविता और जाम,
पोस्ट पढ के देखिए, बन जाएगी शाम ॥


आज आपके ब्लोग के लिए यहां मछलियां हैं आईं,
अरे बहुतों ने लगा भी लीं, क्या आपने नहीं लगाईं॥


इस पोस्ट को पढिए सोचिए समाज जा रहा किस ओर,
अरुणा की कहानी कहती दिप्ति,मन को गई झकझोर ॥


कह रहे हैं अवधिया जी , हमें तो पाठक चाहिए,
हम कहे जब तक आते हैं पाठक, झा जी से काम चलाईये ॥


समय की अदालत में फ़िर उनकी हुई गवाही,
आज मुकदमा ऐसा रखा , लूट ले गए वाहवाही ॥


यहां पढिए अविनाश भाई का सफ़रनामा,
वाह जी कितनों से मिल लिए,खूब हुआ हंगामा ॥


स्पेशल चर्चा का स्पेशल थैंक्स कर रही है नारी,
भई इस अनोखी चर्चा के लिए तो हम भी हैं आभारी ॥


डा पूजा बता रही हैं अपने गिटार का इतिहास,
लहरों से सजी उनकी यादों की पोस्ट बडी है खास ॥


आज मिली इक लाईब्रेरी , जब देखा मैंने कस्बा,
दराजों में जब झांका तो मन बोला हाय रब्बा ॥


रेवा के साथ सुनिए आज काफ़िलों का शोर ,
क्या खूबसूरत पंक्तियां नाचे मन का मोर ॥

तो आज की चर्चा बस इतनी ......कल करेंगे बची जो बात जितनी ......॥

सोमवार, 14 दिसंबर 2009

आज की छुटकी चर्चा (चिट्ठी चर्चा )

जितनी खुशी मुझे नए चिट्ठों के आने से होती है ....उतना ही दुख किसी चिट्ठे के चले जाने से होता है ....खासकर जब उनका जाना असहज सा होता है । पिछले दिनों जब मैं यहां नहीं था .....आया तो देखा कि कुछ अच्छे ब्लोग्गर्स सिर्फ़ एक छोटे से कंफ़्यूजन के कारण ब्लोग्गिंग को अलविदा कहने का निर्णय ले गए। जबकि देखा तो पाया कि जाने से पहले ही वो आपसी कन्फ़्यूजन भी लगभग दूर हो गई थी .....मगर फ़िर भी उनके चले जाने का निर्णय दुखद और अफ़सोसजनक लगा । मैं अपने तमाम ब्लोग्गर्स मित्रों की तरफ़ से उन सबसे ये आग्रह करना चाहता हूं कि जब मतभेद समाप्त हो गया है तो एक दूजे के लिए न सही , हमारे लिए भी न सही ॥चलिए खुद के लिए भी न सही .......मगर हिंदी के लिए ......उसकी सेवा के लिए तो आ ही जाईए । आज इस छुटकी चर्चा का लुत्फ़ उठाईये ......कल से चर्चा का डबल डोज मिलेगा कुछ दिनों तक तो जरूर ही





भिलाई ब्लोगर्स कर रहे हैं उज्जवल ब्लोग्गिंग की तैयारी,
इस पोस्ट पर उसकी एक झलक गई है उतारी ॥



एक पैकेट में तीन प्रोडक्ट का मजा लिजीये,
कभी कभी सांप की हंसी भी सुना किजीये ॥

सफ़ल दांप्तय जीवन हेतु यहां लें परामर्श ,

पहेली के बहाने , स्त्री पुरुष विमर्श ॥


मेजर की कलम का दीवानापन कहां सर से उतरे,

कभी लिखे गजल गीत, कभी कहे फ़िकर करें फ़ुकरे॥


छत्तीस गढ में एलियन जी का राज भाई कर रहे वैलकम ॥
कनेडा छत्तीसगढ के बीच है दिल्ली, बता देते हैं हम ॥


विज्ञापन देखिये और खूब पैसे कमाईये,
अरे,टीवी पर नहीं हुजूर , इस पोस्ट पर जाईये



इरफ़ान भाई की तूलिका ने आज किया किसका काम तमाम,
एक ब्रश से देखिए कितने कह उठे , त्राहि माम -त्राहि माम ॥


और अब पंकज भाई की चर्चा का मजा लिजीये ,
एक साथ ढेर सारा , बहुत कुछ पढा किजीये ॥


योगेन्द्र भाई के जादू से कौन है जो बचा ,
आज देखिये उन्होंने क्या कहां है लिखा ॥




वर्ष २००९ में हिंदी ब्लोग्गिंग का यहां है जोखा-लेखा,
जिसकी नहीं पडी नजर इसपे , उसने कुछ नहीं देखा ॥




शरद भाई के अलग अलग क्या कहने अंदाज ,
आप खुद ही देखिये , क्या कहते-करते आज ॥




आज अविनाश भाई का है जन्मदिन दुआ दीजिए,
मोबाईल पे , मेल पे या यहां पे जहां मन हो विश कीजिए ॥





प्रभात जी याद कर रहे अपने स्कूटर का जाना,
इसके आगे की बातें तो आप यहां पढ के आना ॥



अरे इहां ताक ब्लागर, कहां नजर रहा है फ़ेर,
इर्दगिर्द में चर्चा है भगवान के घर अंधेर ॥



खंडहर की ईंट क्या क्या कह गई अफ़साना,
दीपक की गज़लों का यहां है ठिकाना ॥




देखिए आज क्या कह रही हैं मन की पाखी,
आज उसकी आखें किसके दर्द में झांकी ॥


मेरे आखों में बसे सारे ख्वाब तुम ले जाओ,
पढो मुझे और अपनी स्नेह भरी टीप दे जाओ ॥

रविवार, 6 दिसंबर 2009

चर्चा दो लाईना , देखो फ़िर से आई ना ( झा जी के साथ )

हम जान रहे हैं कि आप चाहे हमें मिस किये हों न हों ...ई अपने दु लाईना को जरूर मिस किए होंगे ....॥ लीजिये क्यों न कहूं आपकी दु लाईना .....अजी मेरा कहां रहता है इसमें कुछ भी आप ही बताईये न ........जो भी आपका लिखा यहां रहता है ....उसे दोबारा .......गुनगुनाते हुए ......आपके सामने रख देता हूं ........॥हां इस बात का पूरा ध्यान रखता हूं कि .....जाने अनजाने.....किसी पक्षपात/किसी विशेष की तरफ़ ही झुके रहने का आरोप लगाने जैसा ........आभास किसी को न हो .......और सबसे जरूरी........ इस बात का ध्यान रखता हूं कि मेरी इस चर्चा.........और चर्चा ही क्यों ....मेरे लिखे-अनलिखे से किसी को दुख न पहुंचे ........चाहे वो मौज के नाम पर ही क्यों न हो ......आखिर मौजों के भी एक किनारे होते हैं ......वर्ना दरिया में डूबते देर कहां लगती है ....अरे खुशदीप भाई
सुना दूं न वही गाना ....

इक प्यार का दरिया है ,मौजों की रवानी है ॥
ब्लोग्गिंग और कुछ नहीं ,तेरी मेरी कहानी है ॥..............क्यों है न .......?

चलिए अब आज की चर्चा देखिए ........


आज छ दिसंबर को खुशदीप भाई कर रहे कुछ इस तरह से याद,
इस पोस्ट के साथ हुई सेंचुरी पूरी, आप दीजिये मुबारकबाद ॥



अदा बता रही हैं , हम हिंदुस्तानियों की खासियत,
धांसू पोस्ट लिख मारी , अपनी हरी हो गई तबियत ॥



घूमते घामते हो गई अपने हमनाम से मुलाकात ,
पहुंचे, देखा तो हो रही थी वहां इश्क की बात ॥



लो जी हो गई चिंतन बैठक आ गई है रपट,
राज भाई के ब्लोग पर पहुंच कर पढिये झटपट ॥


बिल्लन गई छुट्टी पे उडन जी को सौंप दिया ये काम,
बाबा समीरानंद , अब पूछ पहेली , कर रहे आराम ॥



हम लोगों की चर्चा और भी कहीं हो रही है दोस्त ,
आप खुद ही देखिए न क्या कह रही संडे पोस्ट ॥



आज इरफ़ान भाई तूलिका से किसे रहे हैं पटक,
जाईये और पाईये, कौन कहां गया है लटक ॥



भिलाई बिलागर के बाद मिलिए , जबलपुर की ब्रिगेड से ,
कभी लिजीये मैच से मजा तो कमांडर साहब की परेड से ॥



तरूण जी सुना रहे कविता, नाम है घोंचू भैय्या,
बाल कविता प्यारी प्यारी, मन नाचे ताता थैय्या ॥


यूं तो सुना रहे अनिल जी खामोश सा अफ़साना ,
मगर आप खुद भी पढना, और दूसरों को भी बताना ॥



अपने ब्लोग को सजाने को लगाएं ये विजेट,
कैसे कहां लगाना हैं , यहां से सीखें फ़टाफ़ट ॥


अदा जी की आज है वैवाहिक वर्षगांठ,बधाई दिजीये,
अरे भी कनाडा थोडे जाना है, बस ये लिंक लिजीये ॥




मानसिक हलचल के लिए और होने को स्तब्ध ,
पहुंचे यहां , मिलेगा फ़िर एक नया शब्द ॥



आज फ़िर चढा दिया चेहरों पे राजीव भाई ने नकाब,
हंसते हंसते बूझिये , इस पहेली का जवाब ॥


ललित जी जाने कौन सा जादू दिखा रहे हैं ,
आप खुद ही पढिये , वे क्या फ़रमा रहे हैं ॥



हर बार यही उहापोह, हर बार यही बस उलझन एक,
हम कैदी हैं इस अदा के या खुद अदा हमारे कैद में है



वकील साहब बता रहे कानूनी दस्तावेजों का एक रोचक अंतर ,
मुझे मालूम है ये प्रश्न तो पूछा जाता है अक्सर ॥


एक से एक चर्चा पढने को मिले दुआ किजीये,
आज महाशक्ति जी की चर्चा का भी मजा लीजीये॥




शास्त्री जी अपनी वैवाहिक वर्षगांठ मना रहे हैं ,
जाईये आप भी पूछिये दावत कब खिला रहे हैं \\



मुंबई के सभी ब्लागर्स थे मिलने को बेकरार,
मीट तो संपन्न हुई है रपट का इंतजार ॥



गोदियाल साहब सुना रहे हैं , दास्तां मुसाफ़िर की ,
पढने सुनने वालों ने अपनी खुशी जाहिर की ॥


तो आज के लिये इतना ही .......आने वाला समय हिंदी ब्लोग्गिग के लिए बहुत ही परिवर्तन कारी साबित होने वाले हैं .....और यकीन मानिये ये बदलाव बहुत ही सकारात्मक होंगे ....शुभ रात्रि

रविवार, 29 नवंबर 2009

पिछले दिनों बहुत सी अच्छी अच्छी बातें पता चली अपनी हिंदी ब्लोग्गिंग के बारे में । रवि रतलामी जी ने बताया कि अब हिंदी ब्लोग्गिंग का इतिहास लिखा जा रहा है ...यानि कोई है ...या कहा जाए कि बहुत से हैं जो हिंदी ब्लोग्गिंग और हिंदी ब्लोग्गर्स को देख परख रहे हैं ...पोस्टों और लेखन के अनुसार ...हिंदी ब्लोग्गिंग की एक छवि गढी जा रही है उसके बारे में अवधारणाएं बनाई जा रही हैं ...तो इसलिए ये हम सबकी जिम्मेदारी बन जाती है कि ....इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही ...अपने पोस्ट / अपने ब्लोग / अपने टिप्पणी / आदि को शिल्पकार की तरह तराश कर प्रस्तुत करें । इसी आशा और विश्वास के साथ आज की चर्चा ...........


धर्म मजहब पर देख के आज के हालात ,
अनिल भाई ने यूं रख दिये आज अपने जज्बात ॥


सफ़ेद घर खुद चल के पहुंचे , लंठ जी के घर ,
जब बात ही होगी ऐसी, तो क्यों न बने खबर ॥


मदहोश होने से पहले थोडा सा संभलें,
यहां पहुंचे , और पढें दो उम्दा गज़लें ॥


कह रहे गगन जी पढिये आपको आनंद आएगा ,
हम तो कहते हैं आनंद के साथ ज्ञान भी पाएगा ॥


कह रहे राज भाई वे अब भी एतबार करते हैं,
अरे रे , चलिये न उनकी पूरी पोस्ट पढते हैं ॥



यहां भी उसी बात की बात है जो बनी हुई है खबर ,
आप खुद ही देखिये इन्होंने किसपे डाली तीखी नज़र ॥



कुछ दिन पहले ही तो आपस में हुआ था सबका मिलन ,
अब उस सफ़र की यादों से सजा पढिये संस्मरण ॥



आलोचना का उत्तर आज खुद दे रहा इक आलोचक ,
शरद भाई की पोस्ट का शीर्षक भी है रोचक ॥



बहुत गहरे हैं उन आखों के समंदर ,
जाकिर जी की पोस्ट ये है बहुत ही सुंदर ॥




जाते थे जापान पहुंच गए चीन समझ गए न,
अरे आप निकले नहीं अभी , हम तो कबके पहुंच गए न ॥



पूछ रहे राज भाई , कहिये जी क्या हाल है ,
इसको तो अभी पढिये, पोस्ट बडी कमाल है ॥



खुशदीप जी की कौन सी बात है जो हमने नहीं है मानी,
आज सुना रहे हैं सनकी राजकुमार की कहानी, ॥



इस ब्लोग पर होगी ब्लोग्जगत की हलचलों की अपडेट,
अभी कर लिजीये बुकमार्क इसे, बाद में हो जाएंगे लेट ॥



यहां कह रही दीपिका किसी को वापस लौट के आओ,
आप पढ के पोस्ट को उन्हें अपनी बात बतलाओ ॥


कह रहा एक शिल्पकार कि कुछ ऐसा करके जाऊंगा ,
युद्ध करूंगा ऐसा , दुश्मन को छठी के दूध की याद दिलाऊंगा ॥



भारतीय न्याय शास्त्र का वकील साहब बता रहे इतिहास,
हिंदी ब्लोग जगत की ये श्रंखला बनेगी खास ॥



आज मिश्र जी ने ले लिया नौकरी से स्वैच्छिक अवकाश ,
भविष्य के लिए शुभकामनाएं , भेजिए उनके पास ॥



इस राजनीतिक विस्फ़ोट को सुनिये संभल संभल,

दुश्मनी को दोस्ती में बदलने की हो रही है पहल ॥



चोट पहुंचाने वाले ये पत्थर आखिर उछाले क्यों हैं,
इनके हाथों में आखिर तलवार, भाले क्यों है ॥



भर दो हामी जरा , हम भी हो जाएं मशहूर,
शायराना मिजाज वाले यहां पहुंचें हुजूर ॥



इस नाजुकी लव की क्या कहिये
,
आप भी बस रौ में बहिये ,....॥


पन्ने दर पन्ने , पोस्ट दर पोस्ट,
ममता को पढना जरूरी है दोस्त ॥



तो आज के लिए इतना ही .....राम राम॥

गुरुवार, 26 नवंबर 2009

आज बुलबुल की चहक देखिये ,कल से चर्चा

पिछली चर्चा में आप सबने बुलबुल को उसके ठीक होने का आशीष दिया ...और आज वो बहुत खुश है ....धीरे धीरे पुरानी रफ़्तार में आ रही है ॥सबने कहा कि जब तक बुलबुल चहकने न लगे ....चर्चा नहीं ॥तो लिजीये आज आपको बता दें कि ॥आपकी बुलबुल बिटिया अब ठीक है ...सो कल से चर्चा शुरू करेंगे ...


बुलबुल बिटिया....अपने भाई गोलू जी (आयुष ) यानि मतलब छोटे झाजी के साथ उधम मचाते हुए ..


रविवार, 22 नवंबर 2009

रविवारी चर्चा , दो लाइन का खर्चा ..

सोचा तो ये था कि आज रविवार होने के कारण पूरा फ़ायदा उठाते हुए ,खूब ब्लोग पढाई और टिपाई हो जाएगी ...बीच बीच में समय बचा तो पोस्ट भी ठेल लेंगे ...मगर सुबह से ही बिटिया बुलबुल बुखार में तप रही थी ॥बस सुबह से ही उसे गोद में लिये बैठे रहे ...डाक्टर साहब से दवाई दिलवाने के बाद भी मासूम ....हमारी गोद में ही निढाल पडी रही ...और सच कहें तो हमने ही उसे गोद में रखे रखा ...। लैपटौप सामने रखा था ॥पढ भी रहे थे और एक हाथ से जितना टीप सकते थे टीप भी रहे थे ....मगर वादे के अनुसार चर्चा को सुबह नहीं पोस्ट नहीं कर सके ॥अब जाकर बिटिया थोडी चहचहाई है तो सोचा कि आपको आज की चर्चा तो पढवा ही दें .....लिजीये ॥


ब्लोग्गिंग के बडे भैय्या, अपना धर्म हैं निभा रहे,
आप खुद ही देखिये, किसे कहां फ़ंसा रहे ॥


राजनेता ढीठ, और राजनीति हुई बेशर्म,
वर्ना कौन नहीं कहेगा, वंदे मातरम ॥


इन्हें जगी है नित नूतनता की प्यास,
क्यों न हो , जब कवि हैं अशोक व्यास ॥


वो दिन भी क्या थे, कितने थे खुशनसीब,
आसमान भी लगता था कितना करीब ॥



लिजीये इस पोस्ट में धीरू जी बता रहे हैं आज,
बाबा रामदेव जी करने जा रहे हैं अब किसका इलाज ॥


इरफ़ान भाई की तूलिका अरे बाप रे बाप,
बिग बी के घर में निकल आया सांप ॥


तुझे क्या पता तेरी हर अदा है ,वो अदा क्या है ,
तेरी गज़लों तेरी आवाज के बिना यहां धरा क्या है ॥


ममता जी की डायरी के मिले आज कुछ पन्ने,
बहुत भावुक हो गये, लगे जो उसको पढने ॥


मानसिक हलचल बढ गयी कैसे ,देखिए आप,
आज पांडे जी बता रहे खुद ब्राउनी साहब का प्रलाप॥


इस चर्चा को पढते पढते चेहरे पर आ जाएगी स्माईल,
अनोखी है भाषा और अद्भुत है मुन्ना भाई का स्टाईल ॥


आभासी होने का इस दुनिया के टूट रही है अवधारणा,
ये मिलन तो शुरूआत है , अभी बहुत प्यार है बांटना ॥


इस पोस्ट पर सेमलानी जी दे रहे सूचना एक जरूरी,
ताऊ जी की पहेली की हो रही है हाफ़ सेंचुरी ॥


इक नन्हें ब्लागर, बने चालक चला रहे खुद कार,
देखिये अपने आदि मियां का कैसे बीता ये शनिवार ॥



यूं तो यहां जारी रहता है शब्दों का सफ़र ,
आज पुस्तक समीक्षा, कर रहे अजित बडनेरकर ॥



शरद भाई को पढ के अक्सर हो जाते हैं मदहोश ,
आज बता रहे हैं वे खुद को खानाबदोश ॥


हिंदी ब्लोग्गिंग पहुंच गई २००९ का है स्टेशन,
रवि जी की चर्चा में चर्चा, वर्ष भर का विश्लेषण ॥



देखिये तनेजा जी ने फ़िर किसे पहना दिया है नकाब,
किसी की कर डेंटिंग पेंटिंग, किसी को लगा दिया खिजाब ॥



राज भाई के ब्लोग पर सबपे गीतों की मस्ती चढी,
बूढे बच्चे सब मजे से खेल रहे अंताक्षरी ॥



चलिये तो फ़िर आज इतना ही ...बकिया कल के लिये ...

शनिवार, 21 नवंबर 2009

जस्ट टू लाइन, चर्चा हुई फाइन (चिट्ठी चर्चा )

चलिये जी जब आपको हमरे दुई लईना में मजा आ ही रहा है तो हम भी वादा करते हैं कि इसको जल्दी से अनियमित नहीं होने देंगे और कोशिश ...करेंगे कि रोजे ठेला जाए...तो आज ठेल रहे हैं ...देखा जाए॥॥



ब्लोग्गिंग के लिये इस पोस्ट पर चल रहा गहन विचार
,
ब्लोग्गिंग के लिये एक राष्ट्रीय कानून बनाए सरकार ॥


आज राज भाई ने एक ठो अईसन पोस्ट दिहिन है ठेल,
देखिये उनकी कैसी छुक छुक चली जा रही है रेल ॥


चंद खूबसूरत पंक्तियां लिख रही हैं प्रतिभा कटियार,
आप भी पढिये, नहीं नहीं चढिये चुप का पहाड ॥




मोबाईल नंबर बदलिये कीमत सौ रुपए से भी कम,
अरे भई इहां पढिये , ई नहीं कह रहे हैं हम ॥


खुद भी पढें, औरों को भी पढाएं,
अच्छी सेहत को कैसे पाएं ॥



बहुत खूब अंदाज में क्या क्या कह डाला हाय,



क्या कहा कानून की जानकारी कर रही स्तब्ध ,



नेता गिरगिट की तरह रंग बदलता है,




अब नहीं दम रहा कलम में हो गई फ़टीचर ,



विचारों वेदनाओं की टोकरी और कुछ एहसास,




आज घूमते घूमते भाई अनिल पुसदकर,




हर मर्ज की दवा है काहे न आजमाएं,




मानवता के दुशमन, ब्लोग्गिंग से रहें दूर ॥


कभी कभी सुंदर ग़ज़लें भी पढा किजीये ॥



आप खुद देखिये ताजा समाचार ॥



मैं क्या बताऊं जी आप खुद देखिये आज ॥


चलिये अभी इतना ही इस वादे के साथ कि चर्चा पार्ट टू सुबह सुबह ठेली जाएगी ......

शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

चर्चा दो लाईना ,chitt

पिछले कुछ दिनों से अलग अलग कारणों से इतना व्यस्त रहा कि चर्चा से थोडा दूर सा हो गया था ॥मगर जैसे ही फ़ुर्सत मिली तो सोचा ...अजी सोचा क्या ॥आदत से मजबूर होकर लगा पोस्टें पढने और सहेजने ...बस चर्चा तैयार हो गई ...क्योंकि दो लाईनें तो मन में पोस्टें पढते पढते ही बन जाती हैं ॥तो लिजीये हाजिर है आज की चर्चा ॥


दिल की बात और इक छोटा सा ख्याल,
सिर्फ़ चंद पंक्तियों की पोस्ट ये कमाल


कह रहे उन्मुक्त टाईम पत्रिका नहीं पढा किजीये,
उनकी इस पोस्ट पे मालिश का मजा लिजीये ॥


बिल्लन की पहेली देखिये लोग कैसे हैं बूझ रहे,
जो बूझा करते थे, आज वही पहेली पूछ रहे ॥



ये अलबेला सी चर्चा है देखने में छुटकी,

ले रहे पोस्टों पे अलबेला जी चुटकी ॥


शास्त्री जी चर्चा रहे , करके इंदिरा जी को याद,
आप खुद देखिए, कौन सी पोस्टें हुई आबाद ॥



जब खुशियों के दीप जलें तो क्यों रहें गुमसुम,
आज तो भैय्या मक्खन की मां हो गई गुम ॥



चंद्र जी कह रहे कानूनदां ब्लोगर दें ध्यान,
आप भी पहुंचे ढूंढें, इसका समाधान ॥



आज देखिये किसकी खबर ले रहे इरफ़ान,
तूलिका ने घेर लिया देसी तालिबान ॥



कह रहे मा साब, बिन गुरु ज्ञान कहां से लाऊं,
आप खुदे पढिये न हम का बताऊं ॥



एलियन जी ने बीडी छोड के उठा लिया है जाम,
हाय पोस्ट ठेलने के लिये कैसे कैसे करने पडते हैं काम॥



कह रहे हैं अजदक दुनिया रही है बदल ,
अजदक जी को पढना, भैय्या संभल संभल ॥



जाने किस किस बहाने पीडी ढूंढ रहे गुमे दिन ,
कुल मिला के ई का मतबल , चैन कहां बिलागे बिन ॥


गोदियाल जी की जिंदगी कितनी चल रही मस्त,
आपको देखना पढना हो तो , यहां जाईये मस्ट ॥




पांडे जी के मन में आज हलचल मचाए है गाय और अरहर की दाल,
ई हलचलवा हमेशा की तरह मचा रहा कमाल....॥




महफ़ूज भाई ने कर दी कुछ ऐसी शुरुआत,
अनिल जी को भी आ गई पुराने दिनों की याद॥



एक कवि को जब पुरानी यादें आती हैं ,
पढिये उससे कैसे कविता कहाती हैं ॥



पूजा की लहरों में सुबह खोई खोई,
जब सुबह खो गवा तो दिन का का होई॥




तो आज के लिये इतना ही .....देख रहे हैं न आप चर्चा मंचों का किस तरह से विस्तार हो रहा है ...और मुझे और भी खुशी होगी जब इसमें भी विविधताओं का समावेश होगा , प्रयोग किये जाएंगे.....और यकीन मानिये ये भी होगा ॥॥
रामराम...

शनिवार, 7 नवंबर 2009

चिट्ठी चर्चा (झा जी की दो लाईना ) ..बस और क्या ...?

प्रभाष जी का चले जाना...बहुत ही दुखदायी रहा ..मुझे खुशी है कि बेशक हमारे समाचार जगत ने ..अपेक्षित नहीं दिया ( हालांकि अब तो उनसे अपेक्षा भी नहीं रहती अब ) . मगर हमारे ब्लोग जगत ने कलम के सिपाही को सच्चे मन से याद किया और श्रद्धांजलि दी । ...आज की चर्चा आपके हवाले ..

आज इस चर्चा की होगी इस पोस्ट से पहल,



अशोक जी कर रहे हैं यहां सत्य की खोज,



इंटरनेट पर आप भी खोजिये अपनी मुमताज॥



आप कर क्या लेंगे पूछ रही मनीषा आज सवाल,


लालू जी की भैंस ने कर दिया दूध देना बंद,



अदा ने दिखलाई जाने कितनी ,कैसी अदा ,


रुमाल की गुलाबी गांठ और पप्पू की याद,



फ़्री है जी बिल्कुल वकील साहब नहीं ले रहे फ़ीस॥


पंडित सुरेश कह रहे प्रयोग कर के दिखा दिया,



आज पहेली बूझ के तबियत हो गई टाईट॥



मिश्रा जी ने राव जी का चेहरा पहली बार दिखाया ॥



इस चर्चा में सारी रितुएं , शिशिर और बसंत,



कौन कहता है जी लौटता नहीं गुजरा हुआ जमाना ,



राज भाई ने एक पंक्ति में पूछा एक सवाल ,



अजी ऐसे खडे रहे तो आप हो जाएंगे लेट ॥



जब ज्ञान जी विविधता लाएं तो पोस्ट बने अनुपम,



विपत्ति जब आती है , कायर का दिल दहलाती है,



प्रभाष जी को हिंदी ब्लोग जगत ने दी जो श्रद्धांजलि,



पूछे है मन की पाखी, कौन जगाएगा अलख ,



अपने चिर परिचित अंदाज में फ़िर बोले श्री गोदियाल,



कितना कुछ होना बचा रह जाता है ,एक बेदखल,



आज की चिट्ठा चर्चा में इसी का हुआ जतन ॥


तो आज के लिये इतना ही ....

गुरुवार, 5 नवंबर 2009

पूरा पोस्ट को पढते हैं , दू लाईन में आपके सामने धरते हैं (चिट्ठी चर्चा )


पिछले कुछ दिनों से ब्लोग्गिंग जगत में भूचाल टाईप का आया हुआ है ..हां हां ..आप तो कहियेगा कि ..अरे धत तेरे कि ....ई सब तो ब्लोग जगत का पुराना शगल है जी मुदा हम तो एके बात में यकीन रखते हैं कि अपनी नीयत साफ़ और शुद्ध रखिए ..नेमत अपने आप मिलेगी ..खैर छोडिये ई सब ..आप तो ई देखिये कि कौन कहां का कह का लिख रहे हैं ,,,,अरे महाराज हम जादे नहीं पढवाएंगे जी ..दुईये लाईन में निपटा देंगे ..देखिये तो सही

जब लोग बाग अपने घर बार से छूट जाते हैं ,
जब भी एलियन जी ऐसे फ़रमाते हैं ,
खुदो रोते होंगे , और हम सबको रुलाते हैं ॥

आप कहियेगा कि अभी तो दू लाईन कहे थे ..तो उडन जी कौन अकेला ब्लागर हैं..हमेशा डबल रहते हैं ..साईज से भी और पोस्ट से भी तो हम भी डबल कर दिये...अब आगे ..


अवधिया जी जानते हैं कौन पोस्ट फ़्लाप कौन होगी हिट,


अरे काहे करते हैं समय जादा खर्चा ,



कैसे करेंगे नाश्ता, ब्रेड में भी जहर ॥


खुशदीप भाई ने आज फ़िर उठा दिया एक सवाल,


एक पोस्ट में तीन तीन का मजा उठाएं,



आज फ़र्क बतला रही हैं ,मीनू खरे ॥


कुल तीन हजार में कैसे पालोगे परिवार ॥



अजी कलम उठाओ और लिखा वक्त बेवक्त करो,


तू समझे न मेरे प्यार को तो मेरा क्या कसूर,



जानिये लेखन का कडुवा सच .. क्या है ,




आप भी पहुंचिये, और करवाईये अपनी एंट्री..॥




जिन जिन को खुराक कुछ खास चाहिये,



हंसते देखते सोचते दिमाग हुआ खराब,



ऐसा घसीटा अंग्रेजों को , भर गया है पेट ॥



आप भी तो जाके चुनिये एक को श्रीमान ॥



भक्तन खडे रहे द्वारे, प्रभु दर्शन नहीं दिए ॥



बहस के लिये मुद्दा वही है जो चल रहा है आज ॥



सर्दी में भी बरसाती मेंढक टर्राने लगे हैं ॥



जिन जिन को करना है कोर्ट विवाह ॥


हमारे एजेंडे पर आज है देश का भ्रष्टाचार,


मौज लिजीये या टीपीये, सबको है पूरी आजादी ॥



तो आज के लिये इतना ही ..एक आग्रह ब्लोग डायरेक्ट्री में अपना अपना योगदान दें ॥
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