कुछ मौसम हमारे यहाँ कभी नहीं बदले ..मसलन बरसात ..मेरी स्मृति में आज तक कोई ऐसी बरसात नहीं गयी जब देश के किसी कोने में..... कहीं न कहीं बाढ़ ना आयी हो....अब ये मौसम की दृढ़ता है ..या हम मनुष्यों की धृष्ट ता ...ये तो स्वयं इश्वर ही जाने..बरसात का जिक्र नहीं बदलने वाले मौसमों में इसलिए किया है क्यूंकि सर्दी और गर्मी को तो अब बहुत बदलते हुए देख रहा हूँ..खासकर जब से दिवाली में गर्मी के कारण शर्ट भी भारी लग रही थी..खैर..जिस तरह कुछ मौसम कभी नहीं बदले ..उसी तरह ..अपने देश में कुछ त्य्हारों का स्वरुप भी कभी नहीं बदला ..और मुझे यकीन है की ...ये बदलेगा भी नहीं..जैसे की रक्षाबंधन ..आप सबको ..इस पवित्र दिवस पर ..इस अटूट बंधन की बहुत बहुत शुभकामना...मुझे इस दिन अपनी स्वर्गवासी दीदी की बहुत याद आती है ..और अब भी इस दिन ..पूरे दिन में कभी न कभी ..रो तो पड़ता ही हूँ...कल मेरी बिटिया भी अपने भैया को राखी बांधेगी जो उसकी पहली राखी होगी ..एक बार फिर आप सबको बधाई और शुभकामना ..अब चर्चा करते हैं ..
चिट्ठाचर्चा आज विवेक जी के रंगी हुई रंग ,
क्या कीजिये यदि विवाह के दिन टूट जाए पलंग
स्वयंवर के तुंरत बाद , ब्लॉगजगत में राखी का पहला साक्षात्कार
शेफाली जी ने लिया है ,,ख़ास आपके लिए ही सरकार...
जाने कौन कौन से दर्द समेटे फुर्सत से इत्ता लिखा होगा,
आप भी देख लीजिये , जिसने छेड़ा होगा, वो पिटा होगा
पांडे जी आज खुलमखुल्ला , अपना एड्रेस कर दिए पोस्ट ,
आप में है हिम्मत , तो जरा उनके घर पहुँच दिखाओ दोस्त
हंसते हंसते एक हॉकर ने सच्ची बात है बतलाई,
अविनाश भाई के शब्दों की देख ली गहराई
पिता हुए अवकाशप्राप्त , पुत्र ने दिया सम्मान ,
पिता पुत्र प्रेम से सजी ये पोस्ट पढिये श्रीमान
किशोर दा को याद करती अनोखी ये पोस्ट है आयी
उनको समर्पित करके राजीव जी ने है लगाई
अलबेला जी की अलबेला अंदाज सब होते हैं हैरान ,
इस पोस्ट में देखिये , कैसे खुदा , बन सकता इंसान
शास्त्री जी ने हायकू लिखा ,क्या सुर है क्या लय,
हायकू है , क्षणिकाएं, या त्रिवेणी , सब कर रहे हैं तय
राखी के स्वयंवर का अगला एपिसोड है दिखाया,
इसी बहाने इस मुद्दे का तगडा बैंड बजाया
ये नन्ही सी गुडिया देखिये कहाँ घूम कर आयी,
अपनी यात्रा की , लाविज़ा ने सुन्दर पोस्ट लगाई.
शादी के लिए जरूरी नहीं है कुण्डली को मिलाना ,
बस आपको आता हो , सबके लिए खाना पकाना
उनकी ये लेखनी दिल को लुभाने लगी है ,
वो कहते हैं गजलें थपकी दे सुलाने लगी हैं
संजय जी पूछ रहे ..टैक्स काहे हो भरते ,
पढ़ कर यही लगा ,,सब हैं गलती करते
ये कह रहे हैं ब्लॉग्गिंग से लाखों -करोडों कमाइए ,
जो कमा रहे हैं , हमारा हिस्सा भी दिलवाइये
दस पंक्तियों में अद्भुत रिश्तों की परिभाषा ,
पसंद ये पोस्ट आयेगी , हमको है ये आशा
जानिए श्यामल जी क्या है आकांक्षा ,
पढिये-टिपिये , आपसे यही है अपेक्षा
इनकी गुजारिश है इनकी पीठ को दिवार ना बनाया जाए
इसलिए जो भी लिखना है, पोस्ट पर ही टिपियाया जाये
इरफान जी आज फिर ये गजब का कार्टून बनाया,
छोडा बैंड जनरल ने , तबला है बजाया ..
जो इस पोस्ट की चर्चा दोबारा न की तो ये चर्चा रहेगी अधूरी ,
विवेक भाई ने सुबह वाली चर्चा अब कर दी है पूरी
चलिए आज के लिए इतना ही ..कल अपनी बहनो और अपने भाइयों के साथ प्यार/स्नेह/ बांटिये ......
आपको और आपके परिवार को राखी की शुभकामनायें और बधाई बच्चों को आशीर्वाद्
जवाब देंहटाएंदीदी की बात पढ़ मन उदास हुआ :-(
जवाब देंहटाएंअनूठी शैली वाली चर्चा पढ़ दिन खास हुआ :-)
वाह जी
जवाब देंहटाएंधाँसू तुक मिलाते हो आप ! बहुत खूब !
वाह ! बढ़िया चर्चा...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चकाचक चर्चा:
जवाब देंहटाएंराखी की शुभकामनायें.
जमे रहो, जमाये रहो।
जवाब देंहटाएंजय राखी
जवाब देंहटाएंजय रक्षाबंधन
सबसे बड़ा धन।
अच्छा है लगे रहिये शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन चकाचक चर्चा.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बढिया आनन्दमयी चर्चा!!
जवाब देंहटाएंवास्तव मेम बहुत विविधता है चर्चा में भी और ब्लॉग पोस्टों में भी।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
आपको राखी की शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंपाखी की दुनिया में देखें-मेरी बोटिंग-ट्रिप !!