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रविवार, 19 जुलाई 2009

रविवार की छुट्टी, चर्चा खट्टी-मिट्ठी

नए अंदाज का वादा था ,,पूरा भी इरादा था,
मगर आज नहीं हो पाया, काम बहुत ही ज्यादा था,

आशा है आप माफ़ करेंगे, मेरे साथ इन्साफ करेंगे,
जिस खुशी से पढ़ते थे , उसे मजे फिर आप पढेंगे ...

तो लीजिये न देर किस बात की है

ब्लॉग्गिंग जितना आसान दिखती है, उतनी होती नहीं आसान,
एक साल पूरा होने पर समझ में आया श्रीमान..

ब्लॉग साहित्य है , साहित्य ब्लॉग है, मुद्दा नहीं पीछे छूटा,
आज देखिये इस मुद्दे पर इन्होने कितना कंप्यूटर कूटा ..

रायपुर ब्लॉगर सम्मलेन में इत्ता सब कुछ सीखा ,
इस बार ताऊ की पहेली को अनिल भाई ने जीता .

दिल्ली की ब्लू लाइन में दो लडकियां चढी ,
इमानदारी और बेवकूफी की दास्ताँ है पढ़ी

सुना है रात को चाँद इनके घर आता है,
जो भी हो , हमें उनका ये अंदाज लुभाता है

आज विवेक भाई ने इक पैरोडी है बनायी ,हमें तो उसमें दिख गयी जमाने की सच्चाई

दिल से उनकी याद न जाए तो क्या करें,
कभी कभी ऐसी ही रोमांटिक पोस्ट लिखा करें

ब्लॉगर सम्मलेन राजधानी में सूचना है लगवाई,
अपनी सहमति..फटाफट , हमको दे दें भाई ...

टी वी पर पहली तारीख की कथा देखिये,
मगर असलीयत में होता है क्या देखिये

बिना किसी कारण के ,उन्होंने कितना कुछ कह दिया ,
आप भी देखिये किस किस ने पढ़ लिया

एक घरघुसना ऐसा जो बीवी का मुंह ताके,
बिल्कुल ताजा पोस्ट है, अभी पढ़ लो जाके,


गुल्लक में आज किस्सा है आलू, मिर्ची चाय का ,
पढ़ते पढ़ते मुंह का अच्छा बन गया जायका

खोया हुआ उनका मिल गया वापस ये मोबाईल ,
सैमसंग का था ये , या था मुंबई का इश्टाईल

देखिये टूटता हुआ तारा कैसा दिखता है,
ऐसा नजारा देखने को बड़ी मुश्किल से मिलता है

लीजिये आज फिर,कुछ अलग सा , कुछ ख़ास मिला है,
पाबला जी के ब्लॉग को भी कंगारू उनिवर्सिति में दाखिला मिला है

कल से नया हफ्ता शुरू है होने वाला ,
इस सप्ताह चर्चा का अंदाज होगा निराला


इसी वाडे के साथ ..राम राम

शनिवार, 18 जुलाई 2009

जय हो शनि महाराज की, चर्चा हो गयी आज की.(चिट्ठी चर्चा )

आज सेटरडे , यानि कल की छुट्टी,लो जी ये हफ्ता हुआ ख़तम,
बारिश में डूबी है मुंबई, राजधानी गरम गरम,

जबसे लगे हैं चिट्ठी बाचने, लिखना हो गया कम,
लेकिन दोनों में तालमेल , जल्दी कर लेंगे हम...

तो लीजिये जी पेशे खिदमत है ,,प्रेम से हाथ जोड़ के कहिये..जय हो शनि महाराज की..

ब्लॉग-साहित्य के पीरियड में, हिमांशु जी ने अपनी हाजरी है लगाई,
इस पोस्ट में देखिये, कितनो की बात बतायी........?

विवेक भाई ने आखिरकार इन्द्र देवता को चिट्ठी ही लिख डाली,
कब खोलोगे ,शावर अपना, धरती की सारी टंकियां हो गयी खाली


गलाने और चलाने पर वर्मा जी ने क्या पोस्ट है चलायी,
आप भी देखिये , क्या कविता निकल कर आयी...

राज भाई ने ट्रेन नहीं चलने का राज लिया पूछ ,
लालू ममता बता सकते हैं, हमतो हैं कन्फूज

आप भी बच्चों को क्यूट होने की ये दवा दीजिये ,
तब तक पाबला जी के विडियो का मजा लीजिये ..

पत्नी सताए तो इन्हें ही बताएं,
उससे पहले ये पोस्ट पढ़ आयें..

शाहिद कपूर को काहे ई अवार्ड मिला है ,
तबही से पांडे जी का दिल कतना जला है

तुम आओगे दोस्त , तो ये पोस्ट भी पढोगे,
और पढ़ जो लिया तो , कमेन्ट भी करोगे..

थोडा मुस्कुराइए, टेंशन को भूलिए,
नत्तु पांडे के साथ , झूले पर झूलिए

कमाल है की नींद में जगे हुए हैं,
पोस्टें लिखने में , लगे हुए हैं...

खूबसूरत ,रिवाज है , छेड़ना लड़कियों को
आप भी देखिये अदा की इन चुटकियों को .

हाय उन्होंने कहा की ब्लॉग्गिंग की दूकान सबके बस की बात नहीं है,
हम तो पटरी पर ही .iलगा सकते हैं, भैया अपनी शौपिंग मॉल वाली औकात नहीं है.

इस गली में शोर है, प्रधानमंत्री कमजोर है,
भैया गौर से समझो, इसका राज कुछ और है

क़यामत से क़यामत तक, अरे रे रे, पिक्चर नहीं है भाई,
शब्दों के सफ़र में , इन शब्दों की बारी आयी...


लगता है फुर्सत नहीं थी शुकल रहे बहुत बिजी,
एक लाएना में चिटठा चर्चा, काम नहीं ये इजी....

ज्योतिष का खेल है, हेड है या टेल है,
भागम भाग मची है, बहुते रेलमपेल है ..

चलिए रोज रोज ऐसे पढेंगे तो बोर हो जायेंगे,
कल आपको इन नया ,अपना अंदाज दिखाएँगे..

शुक्रवार, 17 जुलाई 2009

ब्लोगों को पढने का ठेका उठाया है, चिट्ठों की चर्चा का , कुरियर फिर आया है..

पिछले कुछ समय से ,ब्लॉग्गिंग में मच रहा ये शोर है,
कोई पढ़ नहीं रहा किसी को,बस लिखने पर जोर है....
यदि सचमुच है ऐसा तो समस्या घनघोर है ...
औरों का पता नहीं, पर आपका एक पाठक श्योर है ..

कमाल है विश्वास नहीं होता आपको...अजी लीजिये सर्टिफिकेट पेशे खिदमत है.....


अनिल जी ने मुख्यमंत्री के चमचे से मिलवाया.
एक पोस्ट में , दो थे , दोनों ने रुलाया...

आज उन्होंने जख्मों का सब राज खोल दिया,
अभिव्यक्ति ने अनोखी भाषा में बोल दिया ..

उड़नतश्तरी भी कह रही आज , बाप रे,
क्या कहा नहीं पढ़ा, ब्लॉगर अब तो जाग रे ..

इस व्यक्ति से अच्छा , बन्दर से रिश्ता बेहतर है ,
वाह अपने भी दोस्तों में, कोई लंगूर तो कोई बन्दर है

दोस्ती की देन-लेन,का इक तल्ख़ अनुभव सुनाया है,
नेकी कर और गाली सुन , नया मुहावरा बनाया है ..

नेहा जी ने, इस मुद्दे को इक अलग नज़र से देखा,
क्या हमने खींच रखी है, सचमुच ऐसी रेखा

वो कहते हैं की काश अब होश में आने ना पाएं,
अजी ब्लॉगर हैं, जाएँ तो कहाँ जाएँ..

मिश्र जी पूछ रहे हैं, का पुरुषवादी मानसिकता की परिभाषा है,
जाए आप भी बताइये, जो भी आपको ....आता है...

कॉलेज में उनका पहला दिन, नहीं हुई रैगिंग ,
आप भी पढिये , और करिए लाफिंग...

चमत्कार को आज फिर नमस्कार हो गया,
नुक्कड़ का ४२० का स्कोर , पार हो गया .

मेहेंगाई की मार बृहस्पति जी भी झेल रहे हैं.
इसे विषय पर शांतनु ये पोस्ट ठेल रहे हैं...

न्यूज़ चौबीस ने , मायावती को आईना दिखाया,
मीडिया मार्ग ने आज की पोस्ट में यही है बताया...

आप भी पहुँचिये, ताऊ के दीवाने ख़ास में,
देखिये क्या हो रहा है, रामप्यारी की अंगरेजी क्लास में

कह रही हैं रंजना, बेटी , लक्ष्मी स्वरूपा है,
सच है, इससे अनमोल रत्न नहीं कोई दूजा है ..

नोटिस बोर्ड लग गया ,तैयारी कर आइये,
या तो जाके पढ़ आइये, नहीं तो .....कर आइये ....

आप भी देखिये कौन कैसे कर रहा है सच का सामना,
सुरेश भाई ने उडेल कर रख दी हैं सबकी भावना...

बुधवार, 15 जुलाई 2009

ये चिट्ठी चर्चे वाली है, आपने आदत डाली है...




जाने किस घड़ी , था शौक ये पाला,
चिट्ठे की चर्चा को मन रहे मतवाला ,
लो फिर से कईयों का ऑपरेशन कर डाला,
बहुत मजा आ रहा है , तो फेर झेलो लाला...

लीजिये ..पढिये या ठेलिए, पर हमको झेलिये

इन्होने अपने मन का रख दिया सारा घुटन,
आज की पोस्टों में , इसका ज्यादा रहा वजन

स्वामी जी ने बतलाया, वे किसको , क्यूँ नहीं पढ़ते हैं,
आप भी देखिये, आप क्या करते, क्या नहीं करते हैं....

इस चेली ने आज पोस्टों की सेंचुरी मारी है,
इसी खुशी में , कैसी राखी सावंत की.......उतारी है ..

ब्लोग्गरों को सुधारने के लिए, कोई विजेट नहीं बनाया जाएगा,
आशीष भाई ने बताया है , कौन तरीका अपनाया जाएगा..

जब लोग हिंदी ब्लॉग्गिंग पर प्रश्न उठा रहे हैं,
इस पोस्ट में जगदीश जी , उन्हें आईना दिखा रहे हैं..

ताऊ के धंधे में, कौन कौन भागीदार हुआ है,
किसने क्या बेचा, कौन खरीददार हुआ है ..

पांच हजार में कौन सा मोबाईल आयेगा,
एक एस ऍम एस फ्री बताने वाला पायेगा..

एक अंग्रेज लेखक की टांग टूट गयी सपने में,
उसका क्या हुआ पता नहीं, मजा आ गया पढने में

इन्होने बताया , कल तीस के हो जायेंगे,
आज पोस्ट पढ़ ली, कल बधाई दे आयेंगे..

सुना है तरकी पसंद युवा, कपडे की तरह नौकरी बदल रहे हैं,
अमा हमें तो नहीं लगता, हम मंदी के दौर में चल रहे हैं..

गरीब की औकात विनय जी ने यूँ हैं दिखाई ..
समाज की नीतियों की धज्जियाँ है उडाई.

ब्लॉग में साहित्य की संभावना जतायी है,
इस विषय पर आज फिर पोस्ट आयी है .

मीनू दी को यकीन है , कल इक नयी उम्मीद ले के आयेगी,
चिट्ठाचर्चा की अनोखी शैली आपके मन को भायेगी..

टिप्पियाँ पाने को तपस्या में लोग लगे हुए हैं
दिन तो छोडो , रात रात जगे हुए हैं....

ब्लॉग्गिंग में ताल ठोंक कर आपना हक़ जतलाया,
अभी जाकर पढ़ ले वो, जो पढ़ के नहीं है आया..

ब्लॉग्गिंग क्यूँ की जाए, आशा जी ने बतलाया,
प्रश्न बड़ा ही विकट है,अब तक कोई समझ न पाया.

ब्लॉगर की सच्ची तस्वीर , इरफान भाई ने चिपकाई ,
कहीं इक दिन , अपनी भी ऐसी हालत होगी भाई ..

अद्भुत हिंदी की शब्दावली से अपना दिमाग खोलिए,
पढिये मजे ले के,और हिंदी की जय बोलिए

मंगलवार, 14 जुलाई 2009

आज मंगलवार है , चिट्ठी भी तैयार है (चिट्ठी चर्चा )

देखिये जी, रुकावट के लिए खेद नहीं है,
इसमें कोई ख़ास भेद नहीं है,
हमें पता है की चिट्ठी ये जरूरी है,
मगर क्या करें जी, नौकरी , मजबूरी है ....

तो लीजिये ज्यादा रुकावट नहीं डालते हुए पेश है.....

नटखट इक बच्चे ने , इक पोस्ट है लगाई,
बच्चे ऐसा नहीं कहते, हो गयी कान खिंचाई ..

विवेक भैया को रीत ये अच्छी नहीं लगती है,
करते हैं जब भी चिट्ठाचर्चा फब्ती है ...

जब दो नैना कहते हैं, तो कैसी बनती है कहानी,
आप भी सुनिए, अनिल भाई की ज़ुबानी ..

मिसर जी नी घुन्नन मिलन की रोचक कथा है सुनाई,
जा कर पढ़ लो अभी के अभी, कहीं छूट ना जाए भाई....

लो जी आदि ने भी बैट थाम लिया है ,,
आप भी देखिये , आज क्या नया काम किया है ..

हिंदी चिट्ठों पर लेखों की संख्या हो गयी तीन लाख,
अरे नहीं भाई सच है ये, नहीं है कोई मजाक ..

न्यायिक इक फैसले पे, उंगली गयी है उठायी,
राजीव भाई ने मुद्दे पर इक बढिया पोस्ट चिपकाई..


आज फिर से खत्री जी अलबेली बात बतायी,
कुत्ते से भी गयी गुजरी, पति की हालत बनायी..

फिर पेपर में हुई कुछ ब्लोगों की चर्चा,
क्या आपने देख लिया छपास का ये पर्चा .

महिलाओं को अपमानित करने का नया शिगूफा गया छोडा,
उफ़ , क्या क्या नो होगा अब, जो न हो जाए थोडा ..

विनीता जी ने गाँव की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
आपकी हमारी हो गयी कुट्टा ,क्यूँ अकेले घूम के आईं.

मानसून को किसने किडनैप किया था, ये राज समझ अब आया,
कमडल से निकले नेताजी ने, सबकुछ है बतलाया..

प्रियदर्शन ने इक सोते परिवार का किस्सा यूँ बयान किया है,
लेखनी है ऐसी, सभी का ही, उधर , ध्यान गया है..

राज भाई की पहेली को इत्तों ने पहचाना,
हाय हमें तो , पहेलियों के लिए ट्यूशन पडेगा लगवाना ...

किस अदा से देखिये, विश्वास को लटका दिया है,
बहुत पढ़ रहे हैं अभी, बहुतों ने चटका दिया है ...

शरद भाई ने बहुतों का आभार किया है व्यक्त ,
जमीन से ऊपर चलता है, भूत ये कमबख्त ...

भोले और भले की जंग देखिये ,
अविनाश भाई का ये रंग देखिये ...

रश्मि जी की कविता की मिसाल देखिये,
लिखती हैं कैसा, कमाल देखिये ....

इस पोस्ट में देखिये , किसने दुनिया को छूने का प्रयास किया है,
कुछ बहुत ख़ास लोगों के लिए, काम ये ख़ास किया है ...

रूठी रूठी बरखा रानी, पाबला जी के यहाँ आ गयी है,
पोस्ट पर लगी,अद्भुत तसवीरें, सबके मन को भा गयी हैं.

ताऊ की मैगजीन, है कमाल का खजाना ,
जो पढ़े एक बार, हो जाए दीवाना ...

आप भी नदियों की रवानी देखिये,
वंदना के कलम की ज़ुबानी देखिये

अछा जी राम राम., कथा यहीं पर रुकती है,
चर्चा जो ना कर पाएं तो, ये बात हमें भी चुभती है.....

इसलिए कोशिश रहती है कि......रुकावट के लिए खेद है....न कहना पड़े...मगर यदि.......तो आप माफ़ कर देंगे..मुझे पता है ...

शनिवार, 11 जुलाई 2009

सन्डे की चिट्ठी, चिट्ठी में चर्चा

शिकायत हो रही की ,
अब हम टिपियाते नहीं हैं,
सत्यानाश हो नौकरी को ,
अब तो ठीक से लिख पाते नहीं.....

उम्मीद है की मुझे थोड़ी रियायत मिल सकेगी...

बिना शीर्षक के विवेक भाई , कितना कुछ बोल गए हैं...
बहुत से मुद्दों पर, राज कई खोल गए हैं.......

ताऊ ने खंभों पर सबको है लटकाया ,
बिल्लन ने तिप्प्न्नियों के चक्कर में है फंसाया,
हुआ अफ़सोस इस बार भाग नहीं ले पाया ,
इब तो चुग गयी चिडिया खेत, के करें इब भाया

सपनो का मनोविज्ञान , खुद समय ने बताया है
इस अनोखे विषय पर एक उम्दा लेख पढ़वाया है .

संगीता जी के ब्लॉग के पाठकों की संख्या पचास हजार से बढ़ गयी है..
ज्योतिष की बातें, नए कीर्तिमान , गढ़ गयी है ....

रायगढ़ में ब्लोग्गर्स ने महफिल थी सजायी.
महफ़िल चित्रों की एल्बम, यहाँ है लगाई ..

विनीत जी कहते हैं , फसबुक में क्या है रखा ..?
क्या आपने इस पोस्ट का स्वाद है चखा ........?

हिंदी साहित्य में नया इक डॉन है आया,
कबाड़खाने में आज गया है ये फरमाया

गे के बहाने ,युवा पर चन्दन जी ने पोस्ट है लिख मारी,
आराम से पढ़ लेना, बात अभी है जारी (क्रमश है यार )


किसका नाम क्या था , दिलचस्प रहा ये किस्सा,
हमने तो पढ़ लिया, अब आप भी ले लो हिस्सा ..

उफ़, क्या आ गयी महंगाई की मस्ती ,
दाल हो गयी महंगी, और मुर्गी हुई है सस्ती .

जनसँख्या दिवस पर खत्री जी ने इक अलबेला पोस्ट लगाया,
नब्बे साल की बुजुर्ग के , कुनबे से मिलवाया ....

उन्हें मालूम था सबकुछ, फिर भी प्रेम ही चुना ,
थोड़े से शब्दों में, क्या ताना बाना बुना

ये व्यंग्य का समय है , व्यंग्य पढा कीजिये,
अरे हुजूर, कभी कभी तो , हंसा कीजिये ..

छोटी छोटी बातों पर हंसने के लिए यहाँ पर जाइए,
लतीफे पढिये और खूब मुस्कुराइए ....

नए जमाने में नए शब्द के मायने जानिए ..
कौन हैं कमीने, जरा तो पहचानिये....

आज कोई टिप्स नहीं है, इक क्वेश्चन गया है उठाया ,
टीपने का मनोविज्ञान, कौन समझ है पाया...?

रूपचंद जी हमेशा , ऐसी पोस्ट लगाते हैं,
बिन डोर ,सब खींचे चले आते हैं

शाम को देहलीज पर, कौन है ये आया,
आवाज दो हमको, उसने है कहलाया ..

इस सुन्दर पोस्ट को , चित्रों से सजाया गया है,
बच्चों का एक खूबसूरत रूप दिखाया गया है .


चलिए अब बस,,,आज कुछ और भी लिखना है ....

गुरुवार, 9 जुलाई 2009

झा जी इस्टाईल , चिट्ठी चर्चा का मजा लीजिये

ब्लॉग्गिंग करते हैं, तो खुल कर कहा कीजिये ,
झा जी, इस्टाईल, चिट्ठी चर्चा का मजा लीजिये...

बस एक है, अर्ज, खूब जम के लिखा कीजिये,
जितना लिखते हैं, उतना ही सबको पढा कीजिये..

यकीन मानिए बड़ा ही आनंद आता है ,तो लीजिये पेश - ए- नोश , फ़रमाएँ...

एलियन भी पीते हैं सिगरेट , ये मान लीजिये,
उनके डब्बों का अद्भुत उपयोग भी जान लीजिये ....


कुश भाई ने बारिश के बहाने खूब लिखी कहानी ,
हाय हमें कब दिखलाओगी,जलवे बरखा रानी...

इस पोस्ट पर धीरज जी ने साईं बाबा की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
हमने तो शीश नवा लिए ,,आप भी देख लो भाई ....

हफ्ते में इक ब्लॉगर से मिलवाने का ताऊ ने ठेखा उठाया है ,
इस हफ्ते देखिये, सबसे किसको मिलाया है ..


अनामी के नाम , फिर इक नयी पोस्ट है आयी,
नए एंगल से , कुछ नयी बात है बतलाई

इनायत हुई या हुई है आफत, नीरज जी फरमाते हैं,
अक्सर हंसते हंसते, सबकी बैंड बजाते हैं.....

अविनाश भाई ने अमरीकन को अजब ये सैर कराई,
हमारा घोड़ा है कार पे भारी , कमाल की तुलना भाई ..

बाजपेयी भी पढ़ते हैं ब्लॉग , आप भी ये जान लें ,
टिपियाते तो हो नहीं, हम कैसे मान लें ,

इन्टरनेट युग में पोस्टकार्ड के नाम ने भावुक कर दिया,
रचना बजाज ने , इस पोस्ट पर, अपना अनुभव धर दिया..


माँ साब ने अब तक की ब्लॉग रिटर्न फाईल की है,
आप देखिये कौन सी पढ़ी , कौन सी देख ली है ...?

अभी अभी हमको ई बताया गया है ,
ब्लॉग्गिंग में आदि का , पहला बर्थ दे मनाया गया है

ब्लॉग, ब्लॉग है या साहित्य , प्रश्न उछाला गया है,
मुद्दे पर शिव जी द्वारा भी बहुत कुछ डाला गया है .

मुर्दों के शहर की खूब , सैर है करवाई,
एक कविता पढ़ ली , दूसरी नजर नहीं आयी......

शास्त्री जी ने कहा सारा देश ही संडास है ,
कभी बदलेगी सूरत ये, होता नहीं विश्वास है

यदि आप भी समझते हैं , ये अधिकार है निगौडा,
पढ़ के देखिये, जबरदस्त है हथौडा ...

वो कहती हैं की ख्वाब रोज सजाया करो ,
हम तैयार हैं, गर यूँ ही लोरी आप सुनाया करो ...

किताबों के इस कोने में , जरूर जाइए,
पढने का सुख, आप भी उठाइये ......

इस पोस्ट में चीज ये खतरनाक सी है ..
आज ब्लॉगजगत को घूरती ये आँख सी है

महिलाओं ने जिन्दगी का अच्छा हल निकाला है ,
उम्र भर जुते रहने को , सबने एक बैल पाला है

बुधवार, 8 जुलाई 2009

ना दाम लगे न खर्चा : लो आ गयी चिट्ठी चर्चा

बजट जब से पेश हुआ ,हमने कम कर दिया है खर्चा ,
चस्का लग गया ऐसा, रोज करें चिटठा चर्चा,
लो जी पेश किया है,,फिर से जांच लो पर्चा,
बतलाना स्वाद इसका , जो कम लगे नमक और मर्चा...

तो लीजिये ..झेलिये..

कबाड़खाने मैं कुछ और कबाड़ी आये हैं,
इस ब्लॉग पर हाथ आजमाने , कुछ और खिलाड़ी आये हैं.

हिंदी ब्लॉग टिप्स, फिर से इक कमाल का विजेट लाया है.
मीटर लगाओ देख लो, कौन पोस्ट कित्ती बार पढ़ पाया है

राज भाई की छोटी पोस्ट पढें. नहीं है वेरी laang ,
टांग तोड़ दी तुकबंदी की, ऐसी पोस्ट दी टांग

गाली- गलौज की विडीयो वाली पोस्ट का ज्ञान जी ने जिक्र किया,
अफ़सोस जताया , नहीं क्यूँ ब्लोग्वानी ने फिक्र किया.

मुर्गी ने दिया आदमी का बच्चा ,.उफ़ जाने क्या है होने वाला,
सुना है थोड़े दिन पहले उसको शायनी ने था पाला

मुबारक हो जी,खत्री जी , अपनी छतरी लेकर आ गए हैं..
अभी अभी समीर जी, बीयर बार में घुसा गए हैं..

मीडिया मार्ग में , बापू मीडिया के बीच वाकयुद्ध जारी है,
पोस्ट देखिये, तय कीजिये, कौन किस पर भारी है .

चिट्ठाचर्चा में आज विवेक भाई ,गुरु की महिमा समझाए हैं.
जैसा गजब का करते हैं,,आज भी वैसा ही चर्चियियाये हैं.

अनिल भाई ने कहा की , लाल किले में तो ऐसी तलवारें रखी हैं
उठा उठा कर देख लें , जिनकी सेहत पक्की हैं.....

बारिश में भुट्टे का यूँ मजा लीजिये...
भुट्टा तो है, पर बारिश नहीं , अब क्या कीजिये .

आई टी सेक्टर के साईड इफेक्ट , प्रशांत जी बतलाते हैं..
हम नहीं हैं उस सेक्टर से,,सो नहीं ghabraate हैं..

इस पोस्ट में बड़े काम की इक सही बात बतलाई है ,
हिंदी टिप्प्न्नी करने की , सुन्दर तरकीब सुझाई है

राज भाई को उनके पुत्तर ने फिर से कुछ समझाया ,
बिन देरी के झटपट उन्होंने , सबको है सिखलाया

दुःख पर दुःख , साहित्य जगत में यही सिलसिला जारी है ,
एक पंक्ति का ये एस ऍम एस, दिल पर बड़ा ही भारी है....


कुत्ते -बिल्ली , हो जाएँ , यदि गे, तो कौन सा कानून चाहिए,
अदा की इस पोस्ट में खुद ही पढ़ आइये ...

ताऊ की अक्ल बड़ी या भैंस, जोरों की मारा मारी है,
सबसे तेज है, बिल्लन ,वा की , जे का नाम रामप्यारी है .

कौन इनमें है बेवकूफ, तय आपको करना है ,
फटाफट पंहुंच जाओ , जिसे फ्री में भविष्यफल पढ़ना है

प्रमोशन के चक्कर में , जब फर्जी एन्काउंतर किया जाता है,
कमंडल से निकला कार्टून उसका रिजल्ट बताता है....

जैसा अद्भुत शीर्षक है इसका, अवधिया जी वैसा ही फरमाते हैं,
ना जाने की किन जंगल, पेड़ पधादों की सैर कराते हैं..


चलते चलते एक अनोखा ये भेद लीजिये,
इस ब्लॉग पर ,छ से ज्यादा पसंद नहीं बढ़ती , चाहे खुद ही देख लीजिये..

सोमवार, 6 जुलाई 2009

चर्चा करके जांचेंगे , अब रोज चिट्ठिया बाचेंगे ( चिट्ठी चर्चा वाली )

इक नए प्रयोग से रहे थे खुद को जांच,
डरते डरते पहली चिट्ठी यूँ रहे थे बांच,
खूब मिली शाबाशी, चटके लगे कुल पांच,
झाजी का मन मयूर रहा ,,बिन बदली के नांच

तो सोच लिए अब ऐसे ही पोस्टवा सबको जांचेंगे,
जब भी मिला मौका, हम रोज चिट्ठिया बांचेंगे ..

तो लीजिये पेश है :-

सुरेश जी की पत्नी श्री ने , ऐसे सालगिरह मनाया,
मायके की फौज बुला लूंगी, उनको है धमकाया

नुक्कड़ ने आज ही अपना चार सौ का आंकडा पार किया,
अविनाश भाई ने फ़टाफ़ट, बधाई सन्देश तैयार किया..

विवेक भाई ने स्वप्नलोक से जाग कर बहुतों को जगाया है,
गहने कहाँ पर साफ़ कराओ, इस पोस्ट में बताया है.

उड़नतश्तरी कार में बैठी,,तगडी थी रफ़्तार ,
बीडी पीती महिला चालाक खूब रहे थे ताड़
टाईम टाईम पर , सूअर से भी कर ली आँखें चार ,
कितने मजे में,,इत्ता लम्बा सफ़र दिया गुजार .

विक्स की इस शीशी को आदि ने सैर करवाई,
इस नन्हे शैतान की, शैतानी सबके मन को भाई

पता नहीं राज भाई ने इस बार ये किसकी बुत है लगाई.
सुबह से गूगल बाबा ने भी मदद नहीं की भाई ..

धारा ३७७ पर , क्वेस्चन गया उठाया ,
डोगरा जी ने समलैंगिकता पर बधया लेख पढ़वाया

सविता भौजी को बैन किया चिंतित इतनी सरकार है.
नैय्यर साहब कह रहे..ये फ़ैल रहा कारोबार है

गे का हिंदी अनुवाद यादव जी ने बतलाया,
इस मुद्दे का परखाच्चा गजब उडाया

ताऊ जी की मंडे मैगजीन, अभी अभी छप के आयी है..
इतने ही दिन में ये ब्लॉग पत्रिका , सबके मन को भाई है

संगीता जी ने बारिश का पूरा हिसाब किताब लगया है .
चिंता करो , और चिंतन भी , इस पोस्ट में समझाया है

पशु पक्षी भी करते हैंं इलू इलू ,..मिश्र जी बतलाते हैं..
पढ़ पढ़ कर हम दाँतों तले उंगली दबाते हैं..


शहरी बाबू भी देहाती बोल से काम चलाते हैं.
आज अजित भाई ,,कुछ ऐसा ही फरमाते हैं..

मैसेज पे मैसेज.दीप्ती जी परेशान हैं.
न माँ ,न बिटिया बनना, कुछ भी नहीं आसान है .


आज अनिल भाई ने एक नया राज खोला है..
टिकट आ रहा एक और नया..कुछ ऐसा ही बोला है

इस बार एक और इनकी अदा देखिये,
बैंगन की डंठल में चिकन का मजा लीजिये..


इसी के साथ बंधू आज की चिट्ठी यहीं पर ख़तम हुई..
चख कर बता देना,,किसको कितनी हजम हुई ..

रविवार, 5 जुलाई 2009

एक चिट्ठी चर्चा वाली

बहुत दिनों से तमन्ना थी की ...हम भी कभी ऐसी चिट्ठी बांचे जिसमें सबके नाम एक छोटे छोटी पाती हो..पहले लिंक बनाना नहीं आता था..अविनाश भाई ने सीखा दिया..फिर हिम्मत नहीं हो rahee थी., फिर सोचा ..अरे चिठ्ठी ही तो है...पसंद ना आयी तो सब जवाब नहीं देंगे ...कोई बात नहीं...सो लिख कर आपके सामने रख दिया है..बताइयेगा की अगली लिखने की हिम्मत करूँ या नहीं ..जो छूट गए..उम्मीद हैं माफ़ करेंगे..

१. ताऊ जी सबको इस बार लंगर है छाकवाया,
रविकांत जी को,ताऊ ने ताज ने पहनाया ,
बिल्लन ने सबको गणित में उलझाया ,
अपनी उम्र पूछ कर सबको नाच नचाया


३.इस बर्थ डे का अनिल भाई के साथ केक खाइए
किसका है जन्मदिन , जाके देख आइये.

४.न जाने कब तक चलेगी कहानी अत्याचार की
राज भाई ने पूछा , क्या सजा हो बलात्कार की.

५.स्वयंवर की अद्भुत ये प्रथा है आयी
सुना है इक ब्लॉगर भी कतार में है भाई.

६.फुर्सत नहीं थी , फिर भी चर्चा हुई सावधानी से
इस बार की चिठ्ठी पोस्ट हुई राजधानी से

७.पाबला जी ब्लोगों को अखबारों से है मिलाया,
कौन कहाँ पर कब छपा,आज है फिर बतलाया.

८.भाई थे विक्रम और टल्ली हुए बेताल
दोनों की कथा का यहाँ पर पढिये हाल

९. इलाहाबाद की सैर को आप भी बनें बाराती
शादी के लड्डू खाइए , बन शुशांत के साथी

१०. मिलिए इस नन्ही ब्लॉगर से इसका नाम लविजा है
खुद ही जा कर देख लें , इसने क्या क्या सीखा है

११.अभिव्यक्ति के अधिकार पर ये श्रृंख्ला जारी है
पढिये इसको ध्यान से विषय बड़ा ही भारी है

१२.निन्यानवे के फेर में जिसको है पड़ना
उसके लिए जरूरी है ये पोस्ट ही पढ़ना


१४.इग्नू की डिग्री हुई अमान्य, हमने है फरमाया
ख़बरों को पढने को इक नया ब्लॉग लटकाया

१५.डाक्टर अमर ने डाक्टर दे पे राज बहुत से खोले हैं.
आप भी देखिये ..का कैसे ..ऊ बोले हैं ...

१६.कहते हैं महेंदर भाई..झूठे ये बादल छाये हैं..
आज फिर बहुत बढिया..ऊ भी चर्चियाये हैं..



और हाँ ..कुछ मेरे लिए आदेश /सुझाव/नसीहत /शिकायत हो तो कहियेगा...जरूर

शुक्रवार, 3 जुलाई 2009

यूँ न धमकाना फिर कभी, हम अक्सर मुकदमों में रहते हैं.....




तुम्हें होगी आदत,
घावों को कुरेद,
उन्हें हरा करके,
देखने की,
हम दर्द ,
पी जाया करते हैं,
हम नहीं,
जख्मों में रहते हैं........

कभी धर्म, जाति,
भाषा, नर-नारी,
विचार-मतभेद,
न जाने किन-किन,
बातों से,
चलाते हो,
तुम्ही ये,
अभिव्यक्ति की दुनिया,
तुम जैसे कई ,
इन्ही भरमो में रहते हैं.........

हमारा उतना ,
बड़ा न सही,
मगर इक ,,छोटा सा ही,
नाम तो है,
हम क्यूँ छुप्पायें,
उसको., कौन सा,
तुम जैसे कुकर्मो में रहते हैं...

और हाँ .....एक आखिरी जरूरी iबात..फिर नहीं बताएँगे...

हम मानते हैं,
तुम्हारे कई रसूखवाले,
जाने किन -किन ,
महकमों में रहते हैं,
मगर हमें न,
यूँ फिर ,
धमकाना कभी,
हम भी अक्सर,
मुकदमों में रहते हैं.....

कोर्ट कचहरी वाले हैं भाई...मुकदमों में ही रहते हैं दिन भर...और ये मत पूछियेगा की धमकी कौन कैसी, क्यूँ ,,दे रहा/रही है /या दिया था ...जानने वाले जान ही जायेंगे...और ...छोडिये ....जाने दीजिये...आखिरी बार कहा है ...अब नहीं कहेंगे...और यदि ऐसा ही है की किसी न किसी से शुरुआत होगी ही ..तो हम भी तैयार हैं...ये न समझना की ..कहीं दूर चले जायेंगे....

बुधवार, 24 जून 2009

वे हिंदी में ब्लॉग्गिंग करते हैं..और हिंदी ब्लॉग्गिंग को गरियाते हैं





















कुछ लोग यहाँ पर आजकल,
गजब की हिम्मत (हिमाकत )दिखा रहे हैं,

हिंदी में कर रहे हैं ब्लॉग्गिंग,
और हिंदी ब्लॉग्गिंग को ही गरिया रहे हैं,

पोस्ट , दो-चार लाइन की ठेल कर,
किसी को भड़का, किसी को उकसा रहे हैं,

लोग पढें ,पसंद करें, और टिपियाएँ भी,
सबसे यही अपेक्षा लगा रहे हैं,

टिप्पियाँ भी हाँ जी वाली तो ठीक, नहीं तो,
मोडरेशन के बहाने ,,उड़ा रहे हैं...

सिर्फ वही करते हैं, गंभीर लेखन,
ऐसा बार -बार जता रहे हैं.....

खुद की चर्चा नहीं हो कहीं, या की कोई करे आलोचना,
बस वहीं,,उबल उबल कर टिपिया रहे हैं...

समझ नहीं आता जब हिंदी ब्लॉग्गिंग इतनी ही गंदी है,
तो क्यूँ अपनी कलम यहाँ चला रहे हैं...

हमें तो उनका अंदाज पसंद न आया, जिस थाली में खाया,
खुद खा खा कर, उसी में छेद बना रहे हैं....

आप सब भी समझ गए होंगे ही,
और वो भी ,जिनके लिए इतना लिखे जा रहे हैं..

आम तौर पर मैं इस तरह की बातें नहीं लिखा करता..मगर पिछले कुछ दिनों से देख पढ़ रहा हूँ की कुछ लोग यहाँ सिर्फ नकारात्मक बातें ही कर रहे हैं..कारण वे ही बेहतर जाने.....यदि आलोचना करनी ही है...तो फिर पूरे तर्क के साथ और स्वस्थ अंदाज में कीजिये....अजी किसी पर उंगली उठाना तो सबसे आसान काम है..हो सकता है हिंदी ब्लॉग्गिंग में अभी बहुत सी कमियां हों मगर इन्हें दूर करने के लिए आसमान से कोई उतरेगा नहीं......ज्यादा नहीं कहना चाहता..मुझे हिंदी ब्लॉग्गिंग पसंद है..और इसके लिए किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं लगती....

बुधवार, 17 जून 2009

अच्छा जी घूम के आते हैं......




भाई पिछले कई दिनों से देख रहा था की कोई न कोई पोस्ट इस गर्मी में ऐसी आ ही रही थी जो आँखों और मन को सुकून पहुंचा रही थी..कोई बर्फ के पहाड़ दिखा रहा था तो कोई हरियाली ...यार कब तक बर्दाश्त करते....मन पिनक गया...और हमने भी बना लिए प्रोग्राम..वैसे भी श्रीमाती जी जब भी ..कोई सुन्दर दृश्य सिनेमा में देखती , और मेरे ये कहने की देर नहीं हुई...बड़ी ही सुन्दर जगह है..बिक्लुल अद्भुत और मनोरम...पत्नी जी बिदक कर तुरत मनोरमा बन जाती ..और शुरू हो जाती ..हमें कहीं घुमाते-फिरते भी हो.(दरअसल , जोश जोश में हमन श्रीमती जी को बता दिया था की अपने कुंवारे समय में हमने देश के सत्तर शहरों में घुमाई फिराई कर राखी है...)बस लगे रहते हो अपने इस कम्यूटर के साथ...किसी दिन सारा गुस्सा इसी पर निकलेगा ..इसे तो वाशिंग मशीन में धो दूंगी...

मैंने सोचा की सचमुच ही ऐसा हो..इससे पहले ही कार्यकम बना लिया..सो अब चलते हैं...डलहौजी..चम्बा .खजियार..पंचदिवसीय दौरा है..वापसी आने पर दो तीन पोस्टों का जुगाड़ भी हो जाएगा..उन्ही फोटुओं में अपनी श्रीमती जी..अपने पुत्तर लाल श्री गोलू जी और बिटिया रानी बुलबुल से आपको मिलवायेंगे...
आप जो मन करे लिखिए टिपियाइये..हम मोबाईल पर पढेंगे...अरे नहीं लैपटॉप नहीं जा रहा हम नहीं चाहते की कल को खबर मिले की एक लैपटॉप की लाश डलहौजी की घाटियों में पायी गयी..

शनिवार, 13 जून 2009

अफज़ल की पेंशन तय...कसाब ने भी मांग की



मुझे तो पहले ही पता था की इस बार जय हो जय हो ..करके सरकार बनी है तो कुछ न जय तो जरूर ही करेगी ..भाई लोगों जो भी अफज़ल और कसाब की सजा और फाँसी को लेकर चिंता में थे .उन्हें अब दुबले होने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है..वे अगले पच्चीस सालों तक मज़े में इस मुद्दे पर ब्लॉग पोस्ट ठेल सकते हैं..
चलिए पहले ये बताता हूँ की माजरा क्या है..आज प्रकाशित खबर के अनुसार..नए कानून मंत्री (वीरप्पा ,यार ये नाम कुछ सुना सुना सा लगता है ..अरे नहीं उसमें तो न लगा था ) ने मजबूरी जाहिर करते हुए बताया है की जब तक राष्ट्रपति के पास अफज़ल की दया याचिका लंबित है ....तब तक उसे फांसी पर नहीं चढाया जा सकता. ..और अब लंबित याचिकाओं की भी सुन लीजिये...राष्ट्रपती के पास अभी कुल अट्ठाईस याचिकाएं लंबित हैं....जिनका निस्तारण होने में कम से कम पच्चीस साल लग सकते हैं...कम से कम है ये समय....तो इस हिसाब से अपने अफज़ल miyan तो yaheen buddhe हो जायेंगे ....ऐसे में bhaarteey परम्परा के अनुरूप उनके लिए पेंशन की भी व्यवस्था होनी ही चाहिए..देखिये देखिये ....अब इसका विरोध तो नहीं ही करिए..आखिर उसने आपना पूरा जीवन देश में लगा दिया जी....इतना तो उसका हक़ बनता है...हाँ एमाउंट कितना होगा ये अभी तय नहीं हुआ है....मगर सब कुछ मंदी के ऊपर निर्भर करता है..

इस सारे मुद्दे को देखते और समझते हुए कसाब (क्या समझ रहे हैं आप...अजी कसाब सब कुछ ठीक से समझे इसीलिए तो सरकार ने उसे एक काबिल वकील भी मुहैया कराया है ...और वो अब पहले से ज्यादा समझदार है ) ने भी अविलम्ब ही अपने लिए भी सरकार से कुछ सोचने की मांग की है. उसका कहना है की अफज़ल भैया के लिए तो बुजुर्गी पेंशन तय ही की जा चुकी है..लगभग ..का क्या मतलब है जी..पक्का ही समझें....मगर वो तो अभी बच्चा है ..सो उसके बालिग़ होने तक बच्चों की कोई इंश्योरेंस पालिसी ही करवा दो..और बालिग़ होने पर जीपीईफ़ ..पीपीईफ़ वैगेरह का इंतजाम कर दिया जाए..किसी भी तरह के बोंड से उसने साफ़ मन किया है..मंदी के दौर को देखते हुए उसकी चिंता स्वाभाविक ही लगती है...मौजूदा समय में मुझे तो उसकी मांगें बिलकुल जायज़ लगी...हालांकि मेरा तो विचार था की सरकार को नया वेतन आयोग लागू करते समय ही इन अफज़ल ..कसाब ..और बहुत से ..जो अभी आने वाले हैं ..उनके कल्याण के लिए कोई ठोस नीती बनानी चाहिए थी..

सुना है की इस खबर का अन्तराष्ट्रीय फांसी वेटिंग मुजरिम्स असोसीयेशन ने स्वागत किया है..और मांग की है की उन्हें पूरे विश्व में भारत की न्याय व्यवस्था पर सबसे ज्यादा भरोसा हो गया है ..विशेषकर सबने एक ख़ास आग्रह किया है की उन सबकी अंतिम याचिका भारत के राष्ट्रपति के पास ही भेजी जाए..इसके लिए वे अपने अपने देश से एक एक राष्ट्रपति भी भेज सकते हैं...(यहाँ राष्ट्रपति के पास ज्यादा पेंडिंग न बढ़ जाए इसलिए. )

गुरुवार, 11 जून 2009

महाराष्ट्र में भी भारतीय प्रताडित किये गए.....



ऐसा लग रहा है की विश्व सचमुच एक गाँव का रूप ले चुका है...देखिये न ..घटना कहीं और होती है और प्रतिघटना कहीं और..अभी कुछ समय पहले ही बाहर किसी सिख गुरु पर हमले के विरोध में कैसे पूरा पंजाब सुलग उठा था....वो तो शुक्र है की मामला जल्दी शांत हो गया...आजकल भारतीयों पर हमले की घटनाएं बहुत बढ़ गयी हैं...अरे नहीं नहीं मैं उन नेताओं की बात नहीं कर रहा हूँ जो चुनाव के दुरान जूते के हमले का शिकार हुए थे., सच कहूँ तो तो न तो वो हमला था और न वे नेता लोग भारतीय जैसे थे..खैर,
तो बात हो रही थी की इन दिनों हमारे बच्चे जो बाहर जा कर पढ़ना चाह रहे थे ...कमबख्त गोरों ने पता नहीं कौन सी निकाली है.....सुना एक कारण तो ये भी बताया जा रहा है की जबसे आमिर ने लगान में गोरों की टीम को हरा दिया तब से वे बेचारे
कोई भीमैच नहीं जीत पा रहे हैं..चलिए छोडिये उस मुद्दे पर फिर बात करेंगे...फ़िलहाल तो चिंताजनक खबर ये है की कुछ भारतीयों पर महाराष्ट्र में भी मानसिक हमले किये गए हैं...पूरी खबर ..आज के दैनिक जागरण में पढें...दरअसल वहाँ के पुणे आई आई टी संस्थान में साकछात्कार देने गए बिहारी (क्यों वे भारतीय नहीं हैं क्या, आप क्यूँ चौंके )विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताडित किया गया ..उनसे पूछा गया की बिहार देश की अपराध राज्धाने क्यूँ और कैसे बनी....बताइये भला ..अरे ये तो लालू जी पासवान जी ..और भी जितने जी हैं....उनसे ही पोछना चाइये था न...

विद्यार्थियों से कहा गया की यहाँ महाराष्ट्र में जितने अपराध होते हैं ...वे बिहारी करते हैं......बताइए भला...मुझे तभी जाकर पता चला की ..दाउद इब्राहीम...अरुण गावली. हाजी मस्तान..और राज ठाकरे लोग बिहारी हैं.....मैं तो उन्हें महाराष्ट्र का ही समझ रहा था अब तक.......सुना है नीतिश जी ने पूरी गंभीरता से ये मसला उठाया है..अब ये पता नहीं की उन्होंने आस्ट्रेलिया बात की है या.....नहीं नहीं यार ...भारत में कोई भारतीय को क्यूँ.......अच्छा ऐसा हुआ है....लोगों की मानसिकता कितनी आस्ट्रेलियन हो गयी है.....नई.....

सोमवार, 8 जून 2009

ब्लू लाइन बसें सेना में शामिल :सेना के लिए गर्व का दिन



न जाने कितने वर्षों से मैं इस घड़ी की प्रतीक्षा कर रहा था ..और ब्लॉग्गिंग के अपने शुरुआती दिनों में भी ये बात मैंने अपनी एक पोस्ट में जाहिर की थी..और आखिरकार आज वो दिन आ ही गया...आज ही अपने विश्वस्त ( जिन पर मुझे कभी भी विश्वास नहीं रहा ) सूत्रों से पता चला की ..सेना ने दिल्ली की ब्लू लाइन बसों के लगातार बढ़ते सटीक परिणाम और अचूक मारक क्षमता ...को मानते और समझते हुए ...आखिरकार उसे सेना के इन्फैन्ट्री में शामिल करने का निर्णय ले ही लिया...हालांकि अभी ये तय बहिन हुआ है की ये नयी बसें...जिन्हें नए मारक अस्त्र के रूप में सेना में शामिल किया गया है ..वे बोफोर्स तोप का स्थान लेंगी या नहीं ...मगर इतना तो तय है की आने वाले समय में ब्लू लाइन बसें..लोगों को मारने और कुचलने की अद्भुत क्षमता के बदौलत ...अन्य सभी तोप और अन्य मारक वाहनों को कड़ी टक्कर देगी...

दरअसल सेना का नजर तभी से इस अचूक मारक वाहन पर लगी हुई थी जब से वे देख रहे थे .....की सरकार और पुलिस के इतने पहरे..नियमों और कानूनों के बावजूद ये वाहन लगातार अपनी मारक क्षमता को बढ़ा रहा था .....और तो और उन्हें इस वाहन का ये गुण भी विशेष रूप से पसंद आया था की ये अपने लक्ष्य में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करता....आदमी क्या. स्कूटर कर. कार क्या...सब को एक ही नजर से लक्ष्य बना लेता है....वेतन आयोग के लागु होने के समय जब सेना ने सरकार के सामने अपनी मांगें राखी थी तभी ये भी कहा था की इन बसों को भी सेना में शामिल किया जाए..
मगर जनसँख्या नियंत्रण विभाग ने ये कहते हुए आपत्ति की , की इन बसों ने पिछले दिनों में उनकेअभियान को बड़ी सफलता दिलाई है.......लेकिन आखिरकार उन्हें मना ही लिया गया......

सेना ने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा की पहली बार देश में बने किसी मारक वाहन को अपनी सेना में शामिल करके उन्हें अभूतपूर्व गर्व का एहसास हो रहा है....सेना को हमारी भी शुभकामनायें...

(ऐसी ही एक पोस्ट मैंने अपने शुरआती दिनों में लिखी थी ...मगर आज भी सामयिक लगी सो लिख दी....)

शनिवार, 6 जून 2009

सावधान....यहाँ सौ का नोट दस में बदल जाता है.....

जी हाँ, आप सोच रहे होंगे कि अब तक तो यही सुन और देख रहे थे कि , कोई पैसे ले कर उसे दुगुना और तिगुना कर देता है ......मगर ये कौन सी अनोखी स्कीम आ गयी है जहां सौ का नोट सीधे दस रुपये के नोट में बदल जाता है.....यकीन नहीं हो रहा ...तो खुद ही देख लीजिये.....
जी ...बिलकुल ठीक समझे आप ये अनोखी स्कीम इन दिनों भारतीय रेलवे के टिकेट काउंटर पर खूब मजे में चलाई जा रही है....ख़ास कर उन स्टेशनों पर जहां लोगों की भीड़ बहुत ज्यादा है....ऐसे में राजधानी दिल्ली में तो पूछिए मत......गरीब, मजदूर, अनपढ़, और बहुत से लोग जो अचानक घर जाने (मेरा मतलब अपने मूल प्रदेशों ) का कार्यक्रम बना लेते हैं....स्टेशन पहुँच कर टिकेट की लाइन में लग जाते हैं.....घंटे दों घंटे बाद जब नंबर आता है तो जैसे ही काउंटर के अन्दर पैसे पकडाते हैं.....आवाज आती है......भाई ये क्या दे रहे हो.....वो कुछ समझे इससे पहले ही उसके सौ के नोट के बदले दस का नोट वापस देकर कहा जाता है पैसे कम हैं......लोग अक्सर पैसे गिरने के दर से नोटों को लपेट कर या मोड़ कर काउंटर में डालते हैं....और बस यही से कमाल कर देते हैं स्कीम वाले......अभी कल ही एक महिला काउंटर क्लर्क को विजिलेंस वालों ने रँगे हाथों यही कलाकारी करते पकड़ लिया ....इन महिला के खिलाफ कई दिनों से शिकायत आ रही थी...चूँकि लोगों को ट्रेन पकड़ने की जल्दी होती है इसलिए वे झगडे में पड़ने की जगह दूसरा नोट पकडाना ही बेहतर समझते हैं......फिर लाइन में लगे अन्य लोग भी उसे वहाँ ज्यादा देर तक नहीं रुकने नहीं देते.....
यदि आप भी किसी ऐसी स्थिति में पड़ते हैं तो मेरी तरफ से दों सलाह.....हमेशा नोट को खोल कर पक्दाइये...जिससे काउंटर के अन्दर कलाकारी करने वालों को मौका न मिले....यदि फिर भी ऐसा हो ही जाए तो,,,समय हो तो खुद अन्यथा जो भी आपको छोड़ने आये हों.....उस काउंटर के कलाकार की शिकायत....वो भी लिखित में....(हालाँकि इसके लिए शिकायत पुस्तिका मिलना भी किसी चमत्कार से कम नहीं होगा आपके लिए )जरूर करें....इससे किसी न किसी दिन उस रेलवे के कलाकार का नाम जरूर रोशन होगा....

कमाल है रेलवे की इतनी तन्क्वाह और ओवर टाईम के बावजूद ये स्कीम......सौ रुपये दों....दस का लो.....

शुक्रवार, 5 जून 2009

सुना है...पर्यावरण दिवस पर.....

पर्यावरण दिवस को, छोटे में, कुछ यूँ, मनाया हमने, उन्होंने किये वादे, दोहराए संकल्प, बस सच, दिखाया हमने, सुना है , इक कार, सबको , सस्ते में मिलेगी, धुंआ तो , वो भी छोडेगी, आखिर , सड़क पर चलेगी, सुना है,कोरिया ने, कूलर से सस्ता, ऐसी बनाया है, सी ऍफ़ सी, गैस न निकले, क्या कोई ऐसा, यन्त्र लगाया है...? सुना है, इको संतुलन को, अमरीका भी तैयार है, ढूंढ रहा है सी आई ए, उसे जो , पर्यावरण, असनतुलन का, जिम्मेदार है.....

और जैसे ही वो मिल जाएगा... हम उसे पकड़ कर सभी प्रदूशानो से मुक्त हो जायेंगे...आप भी तलाश जारी रखें.....

रविवार, 31 मई 2009

यूँ ना बुझेगा धुंआ ....










तम्बाकू निषेध दिवस पर हरेक वर्ष की तरह कुछ नया पुराना तो होगा ही. इस बार सरकार ने नए कानून के अनुसार सभी तम्बाकू पदार्थों के ऊपर खतरे के निशाँ युक्त चिन्ह को अनिवार्य कर दिया है. तो क्या इससे सचमुच इससे कुछ फर्क पड़ जायेगा... वैधानिक चेतावनी , कि तम्बाकू का सेवन आपके स्वास्थय के लिए हानिकारक है , तो न जाने कब से छापा दिख रहा है. अभी पिछले वर्षों में सरकार ने सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था, तो क्या उससे कोई बड़ा परिवर्तन आया....नहीं कदापि नहीं....

दरअसल सरकार अपनी मजबूरी , जो कि इन दिवसों पर उसे निभानी पड़ती है, के अनुरूप हर साल कुछ औपचारिक रूप से करती ही है और फिर उसे हर दुसरे प्रयासों की तरह भूल जाती है. न ही समस्या के प्रति गंभीर है न ही संजीदा. आगे बढ़ने से पहले कुछ बातें कहना चाहूँगा जो शायद यहाँ समीचीन हों. कुछ वर्षों पहले जापान में ऐसे ही धूम्रपान निषेध को लागू किया गया. आप शायद यकीन न करें, मगर सच यही है कि सिर्फ पचास दिनों के भीतर , धुम्रपान करने वाले कुल लोगों में से लगभग चौसंठ प्रतिशत लोगों पर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने के लिए जुरमाना लगा दिया गया. आज वहाँ ऐसी व्यवस्था है कि जगह जगह पर एक मोबाईल वें घूमती है, या उपलब्ध रहती है. जिनमें बैठ कर ही लोग धूम्रपान कर सकते हैं...चलिए एक और जगह की बात करते हैं. भूटान विश्व का वो पहला देश था जहां पर राष्ट्रीय स्तर पर धुम्रपान निषेध लागू कर दिया गया. मगर वहाँ अपने देश की तरह रातों रात कुछ नहीं किया गया . पहले दों वर्षों तक धुम्रपान से सम्बंधित सभी पहलुओं पर विचार किया गया , उन उद्योगों में लगे लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यस्था की गए तब जाकर इसे लागू किया गया...इस तरह सफल होते हैं ये निषेध.....

चलते चलते एक बात और, मेरा एक मित्र जो खुद भी धूम्रपान करता था, ने मुझे बताया कि एक निर्दोष नामक सिगरेट आती है.. जो न सिर्फ कम हानिकारक है , बल्कि यदि उसका ही सेवन किया जाए तो धुम्रपान की आदत धीरे धीरे छोट जाती है.............वैसे मेरे ख्याल से तो आज के दिन जम कर उन लोगों पर जुरमाना lagayaa जाए जो धुम्रपान करते हैं ...ताकि उन्हें कुछ तो दंड मिले....

शनिवार, 9 मई 2009

लो जी हमारा भी हो गया छतीस का आंकडा







चलो बता दिया आपको,

आज है अपना भी बर डे.....,

जो भी हो फुर्सत में,

हमें भी विश कर दे.....

ये तो इक इशारा है,

आपके इस कनीस का,

गिनते गिनते अपना भी,

आज आंकडा हुआ छतीस का...

हो गया ख़त्म बचपन अपना,

अब साठ तक जवानी रहेगी॥

इसके बाद का क्या कहें...,

इतिहास रहेगा, कहानी रहेगी.....

और हाँ, बर डे का केकवा ऊपर लटका दिए हैं, थोड़ा थोडा चख लीजियेगा मगर वेज है की नॉन वेज ई तो ससुरा गूगलवा ही बता सकता है , काहे की उसकी ही फैक्ट्री का ना है.......



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