इस ब्लॉगजगत में भी मुझे लगता है कि कोई ना कोई भूकंप,सूनामी, और चक्रवात आता रहता है या फिर कहूँ कि सक्रियता बनाए रखने के लिए लाया जाता रहता है। इन दिनों एक तरफ बर्ड फ़्लू की चर्चा है तो दूसरी तरफ बिहार सिंड्रोम की। मुझे दोनो के बारे में ही नहीं पता पर सुना है कि बीमारी है। चलिए बर्ड फ़्लू के मुर्गे तो खूब लड़ा लिए अब ज़रा इस बिहार सिंड्रोम की बात हो जाये।
अजी चर्चा है कि इस चर्चा से पूरा मोहल्ला गरमाया हुआ है। लो कल्लो बात, अम भैया पेहले ही इतनी चर्चा है , बिहार की, बिहारियों की, और यहाँ तक की बिहारीपन की भी। सड़क से सरका तक, जम्मू से जालंधर तक, और दिल्ली से दरभंगा तक, सब जगह तो चर्चा है ही इसकी। कहीं प्रशंशा में, कहीं आलोचना में कहीं, फबतियों में, कहीं गालियों में तो कहीं द्वेष में। और ये हो सकता है इक इधर ये चर्चा थोडी जोरों पर है , थोडी ज्यादा है दूसरों की अपेक्षा । मगर फिर ये भी तो सच है की हम बिहारियों की संख्या भी तो ज्यादा है।
मेरी समझ में ये नहीं आता कि आकहिर इसे हौवा क्यों बनाया जा रहा है? आप ही बताइये राजधानी में , किसी भी नगर या महानगर में, तरकारी बेचते, रिक्शा चल्ताते, रेहडी लगाते, और पान के खोमचे लगाते ज्यादातर लोग कौन हैं। और ये भी बताइये कि इस देश की राजनीति में , सरकार में, सर्विस में , मंत्री हों, बुरोक्रट्स हों, स्कोलर हों , पत्रकार हों या कुछ भी हों उमें भी बिहारियों की संख्या बहुत ज्यादा ही मिलेगी।
छोडिये जी बहस बहुत लम्बी चलेगी। अन्तिम सच ये है कि बिहारी तो आगे बढ़ रहे हैं, बदल रहे हैं, पर बिहार आज भी बीमार है और इसके लिए हम सबको कुछ ना कुछ करना होगा।सिर्फ राज्यों के बंटवारे, फिल्मों के निर्माण, भाषाओं को अनुसूची में शामिल कराने से परिवर्तन नहीं आयेगा। और हाँ इस ब्लॉगजगत पर इसकी रस्साकशी से भी कुछ बड़ा हासिल होगा ऐसा मुझे नहीं लगता मगर बिहारी होने के नाते यदि कुछ ना कहता तो लानत है मुझ पर।
आपका अपना,
बिहारी उर देहाती बाबू
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गुरुवार, 31 जनवरी 2008
रविवार, 20 जनवरी 2008
अबे पगला गए हो का ?
आज भोर भोर फिर ओही खबर्वा देख के त सच पूछिए त दिमग्वा सनक गया। आज फेर कहीं पर कूनो लोग कुछ विदेशी में लोगन के साथ जबरदस्ती किये थे। साला पिछला पता नहीं काटना दिन से खाले एही बात सुनते पढ़ते आ रहे हैं। अमुक जगह पर कौनो किसी महिला के साथ बदमाशी किया तो कौनो जगह पर कौनो लुछा किसी विदेह्सी युवती के साथ बत्मीजी किया है। अबे तुम लोग पगला गए हो का? रे ई ओही देश हैं ना जाऊँ कभी अपना मेहमान लोग को देवी देवता कहता मानता था।
भैया बाबु लोग ई त हमहू देख रहे हैं कि आज का नसल आ फसल दुनु एकदम गद्बदायल है मुदा ई हमको गुमान नहीं था के सब इतना नीचे गिर गया है कि जाऊँ बेचारा सब पता नहीं केतना सुन्दर कल्पना और सपना ले के आता है अपना देश के बारे में ऊ सबके परिवार के साथ इहाँ ई सब हो सकता है। khair ऊ लोग सब जो ई सब kar रहा ऊ सब तो हमरे ख्याल से पशु निशाचर बन गया है इसलिए ऊ लोग ई बात का मतबल नहीं बुझायेगा, मुदा हरेमरे समझ में ई नहीं आता है कि ई अपना पुलिस आ सरकार प्रशाशन सब का बुका आ बहिरा के जैसन चुपचाप तमाशा देख रहा है । काहे नहीं पकड के ठोकता है ई लतखोर सबको।
इहाँ शायद ई बात का कौनो को अंदाजा नहीं है कि ई सब करके ऊ लोग उन लोगन की खातिर कतना बड़ा मुसीबत खडा कर रहा है जाऊँ लोग अपने इहाँ से काम धंधा के वास्ते बेचारा सब बाहर बह्तक रहा है । ई सबका परिणाम देर सबेर ऊ सब बेचारा लोग को भुगतना ही पडेगा ना। आ सबसे बढ़कर का इज्ज़त आ छवि रह जायेगी आपना देश आ लोगन की पूरा संसार में। रे भैया लोग अभियो तनी शर्म कर हो .
भैया बाबु लोग ई त हमहू देख रहे हैं कि आज का नसल आ फसल दुनु एकदम गद्बदायल है मुदा ई हमको गुमान नहीं था के सब इतना नीचे गिर गया है कि जाऊँ बेचारा सब पता नहीं केतना सुन्दर कल्पना और सपना ले के आता है अपना देश के बारे में ऊ सबके परिवार के साथ इहाँ ई सब हो सकता है। khair ऊ लोग सब जो ई सब kar रहा ऊ सब तो हमरे ख्याल से पशु निशाचर बन गया है इसलिए ऊ लोग ई बात का मतबल नहीं बुझायेगा, मुदा हरेमरे समझ में ई नहीं आता है कि ई अपना पुलिस आ सरकार प्रशाशन सब का बुका आ बहिरा के जैसन चुपचाप तमाशा देख रहा है । काहे नहीं पकड के ठोकता है ई लतखोर सबको।
इहाँ शायद ई बात का कौनो को अंदाजा नहीं है कि ई सब करके ऊ लोग उन लोगन की खातिर कतना बड़ा मुसीबत खडा कर रहा है जाऊँ लोग अपने इहाँ से काम धंधा के वास्ते बेचारा सब बाहर बह्तक रहा है । ई सबका परिणाम देर सबेर ऊ सब बेचारा लोग को भुगतना ही पडेगा ना। आ सबसे बढ़कर का इज्ज़त आ छवि रह जायेगी आपना देश आ लोगन की पूरा संसार में। रे भैया लोग अभियो तनी शर्म कर हो .
बुधवार, 16 जनवरी 2008
बाबू kanshiram ko भारत ratn to bahan मायावती को nobel kyon नहीं ?
अभिये अभिये पता चला है बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गवास बाबू कांशीराम को भारत रत्न देने कि माँग की जा रही है भैया । त ई में कौन बुरी बात है भिया आज काल त जमनवा ही माँग आ आपूर्ति का है चाहे अधिकार हो कि पुरूस्कार पहले प्यार से मांगो फेर धमकी दये दो आ उसके भी बाद भी ससुर नंबर नहीं आवत है टू खूब हल्ला मचाओ , कहो ई पुरूस्कार का तौहीन है सरकार का बदमाशी है । खैर ई सब टू अपना इहाँ अब एगो स्थापित परम्परा बन गया है , मुदा ई सब के बीच आज हमरे उत्तम दिमाग में एगो नायका ख्याल आ रहा है आ ई भी देखिए काटना उपयुक्त समय पर आया है , अभिये अभिये त बहिन जी का भारी भरकम जनम दिन मनाया गया है । त ई समझिए कि बहिन जी को हमरे तरफ से ई बल डे का गिफ्ट शिफ्ट हो गया।
हमरा विचार है कि जब बाबू कांशीराम को भारत रत्न दिया जा रहा है टू कहे नहीं इसी सुअवसर पर बहन जी को नोबेल पुरूस्कार के लिए नामित कर दिया जावे। आरे चिहुन्किये नहीं इसके पीछे बहुत सारा ठोस रेजन्वा है भाई। पहले बात जब दस्यु सुंदरी फूलन देवी को लोग सब नोबेल पुरूस्कार ऊ भी शांति का नोबेल पुरूस्कार के लिए नामानकर कर दिया था, आ कर का दिया था ऊ त बेचारी का देहांत हो गया न त झुंझला के नोबेल समिति वाला सब दे ही देता एक दिन, त ऐसन में बहन जी को कहे नहीं विज्ञान आ तकनीक के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित कर देल जाये । हाँ समझ गए आप पूछेगे की ई विज्ञान आ तकनीक की कतेग्री में कहे त भैया ई आप लोगन शायद भूल रहे हैं कि "सोशल एन्ज़ीनीरिंग " का फार्मुल्वा कौन इजाद किहिस है ई अपनी बहन जी ही ना।
ओइसे त आप लोग चाहे कुछ भी समझिए देर सवेर बहन जी को उनका चुनाव चिन्ह हाथी के माध्यम से पशु प्रेम को बढावा देने के लिए भी कौनो न कौनो जीव संरक्षण का पुरूस्कार भी मिलबे करेगा।
भैया हम सब त देती आ भैया लोग त बहन जी के साथ हैं , आप कहिये ?
हमरा विचार है कि जब बाबू कांशीराम को भारत रत्न दिया जा रहा है टू कहे नहीं इसी सुअवसर पर बहन जी को नोबेल पुरूस्कार के लिए नामित कर दिया जावे। आरे चिहुन्किये नहीं इसके पीछे बहुत सारा ठोस रेजन्वा है भाई। पहले बात जब दस्यु सुंदरी फूलन देवी को लोग सब नोबेल पुरूस्कार ऊ भी शांति का नोबेल पुरूस्कार के लिए नामानकर कर दिया था, आ कर का दिया था ऊ त बेचारी का देहांत हो गया न त झुंझला के नोबेल समिति वाला सब दे ही देता एक दिन, त ऐसन में बहन जी को कहे नहीं विज्ञान आ तकनीक के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित कर देल जाये । हाँ समझ गए आप पूछेगे की ई विज्ञान आ तकनीक की कतेग्री में कहे त भैया ई आप लोगन शायद भूल रहे हैं कि "सोशल एन्ज़ीनीरिंग " का फार्मुल्वा कौन इजाद किहिस है ई अपनी बहन जी ही ना।
ओइसे त आप लोग चाहे कुछ भी समझिए देर सवेर बहन जी को उनका चुनाव चिन्ह हाथी के माध्यम से पशु प्रेम को बढावा देने के लिए भी कौनो न कौनो जीव संरक्षण का पुरूस्कार भी मिलबे करेगा।
भैया हम सब त देती आ भैया लोग त बहन जी के साथ हैं , आप कहिये ?
शनिवार, 12 जनवरी 2008
जान गए बकनर आ bensan का matbal
लोटन जब भी कूनो मोश्किल में पड़ता है सीधा हमरे पास चल आता है ओकरा पूरा विश्वास है कि ओकर जुनो कोइ समम्स्या हो चाहे कौनो प्राब्लेम हो ओकर जबाब हमरे पास जरूर होगा काहे से कि एक त हम बहुत लिखते पढ़ते रहता हूँ आउउर ऊपर से कम्पूटर आ इंटरनेट पर भी जाता रहता हूँ। हमारा इन्तेल्लिगेंत्वा देखिए कि हमका भी सचमुच ऊ सब जबाब आता ही रहता है .खैर ।
ऊ दिन लोटन आते ही पूछा कि भैया ई अपना क्रिकेट टीमवा फेर से एगो आउउर मैच हार गया , भैया हमरे त ई नहीं समझ आता है कि जब ई सब बाहर जा कर ससुर हारे जाता है तो काहे नहीं सब के सब मैच यहीं पर खेलता है , सबको बुलाओ खूब खिलाओ ,पिलाओ, खातिर दारी करो और सारा मैच में हरा के भेज दो । मुदा ई बार त सुने हैं कि ई वाला मत्च्वा सब बेचारा कुछ कहते हैं कि "बकनर " आ बेन्सन के कारण हारा है , । भैया ई का है ई बकनर आ बेन्सन।?
हम थोडी देर गंभीर चिंतन किये आ फिर पूरा मनन के पश्चात् लोटन को विस्तार से बताये ," देख रे लोतानमा जहाँ तक हमका मालूम है, जैसे कि बकलोल होता है जैसे कि बकवास होता है ओएसे ही इतना त निश्चित है कि जैसे बक लगा हुआ सब चीज़ एकदम बेकार होता है ओइसे ही बकनर भी जरूर कोनो बेकार चीज़ , अच्छा अच्छा , बक नर यानी बेकार नर रे अभियो नहीं समझा बेकार पुरुष बल्कि अब तो हमरे लग रहा है कि बक वानर होगा । वैसे भी भज्जी केकरो बन्दर या वानर कह रहा था , शायद केकरो आउउर को था मुदा लगता है की ई बक्नारो को बुरा लग गया था। समझा।
आ भैया ऊ दूसरा बला " बेन्सन "
अरे ऊ त कुछ नहीं है , जैसे पढ़ने लिखने , नाकुरी चाकरी, जिन्दगी, प्यार, सबमें कूनो तरह का पीराब्लेम को टेंसन कहते हैं ना ओइसे ही क्रिकेट में यदि कौनू तरह का पीराब्लेम होता है तो ऊ बेन्सन कहलाता है । तू तो खाली बुरबक ही रहेगा रे हमरे तरह बनो।
ऊ दिन लोटन आते ही पूछा कि भैया ई अपना क्रिकेट टीमवा फेर से एगो आउउर मैच हार गया , भैया हमरे त ई नहीं समझ आता है कि जब ई सब बाहर जा कर ससुर हारे जाता है तो काहे नहीं सब के सब मैच यहीं पर खेलता है , सबको बुलाओ खूब खिलाओ ,पिलाओ, खातिर दारी करो और सारा मैच में हरा के भेज दो । मुदा ई बार त सुने हैं कि ई वाला मत्च्वा सब बेचारा कुछ कहते हैं कि "बकनर " आ बेन्सन के कारण हारा है , । भैया ई का है ई बकनर आ बेन्सन।?
हम थोडी देर गंभीर चिंतन किये आ फिर पूरा मनन के पश्चात् लोटन को विस्तार से बताये ," देख रे लोतानमा जहाँ तक हमका मालूम है, जैसे कि बकलोल होता है जैसे कि बकवास होता है ओएसे ही इतना त निश्चित है कि जैसे बक लगा हुआ सब चीज़ एकदम बेकार होता है ओइसे ही बकनर भी जरूर कोनो बेकार चीज़ , अच्छा अच्छा , बक नर यानी बेकार नर रे अभियो नहीं समझा बेकार पुरुष बल्कि अब तो हमरे लग रहा है कि बक वानर होगा । वैसे भी भज्जी केकरो बन्दर या वानर कह रहा था , शायद केकरो आउउर को था मुदा लगता है की ई बक्नारो को बुरा लग गया था। समझा।
आ भैया ऊ दूसरा बला " बेन्सन "
अरे ऊ त कुछ नहीं है , जैसे पढ़ने लिखने , नाकुरी चाकरी, जिन्दगी, प्यार, सबमें कूनो तरह का पीराब्लेम को टेंसन कहते हैं ना ओइसे ही क्रिकेट में यदि कौनू तरह का पीराब्लेम होता है तो ऊ बेन्सन कहलाता है । तू तो खाली बुरबक ही रहेगा रे हमरे तरह बनो।
शनिवार, 29 दिसंबर 2007
सबसे बडका पावर है ई एस ऍम एस पावर
काल्हे गए मोबाईल चाराज़ करे बाला के पास आ कहे कि भैया तनिक मोटका बला रेचाराज़ कर दो ।
ऊ ससुर कूद पदिस , कहने लगा अरे का मूरूख आदमी है रे बाबा , रे आज काल तो सब बाबु भैया लोगन एकदम छोटका छोटका रेचाराज़ कूपन माँगता है , आ ऊ त शुकुर है कि हमरे ई रेचाराज़ तौल के नहीं देना पड़ता है नहीं ता ई नायका छोकरा-छोक्रियाँ सब त इतना छोटका रेचाराज़ मांगता कि ओतना छोटका त बाट -बत्खारा भी नहीं मिलता। हमरे लगता है देहाती भैया तू भी ऊ लोगन में से ही हो जाऊँ सब दोस्त्वा सब का मिस काल पर उका पलट के फोनिआयाते हो , काहे है कि ना?
हम कहा धत बुरबक तोरा एही त मालूम नहीं है । ई रेचाराज्वा त हम ई जतना टैलेंट शो सब चल रहा है ना ऊ सब में एस ऍम एस से भोत्वा करे खातिर लिए हैं.तोरा एही त मालूम नहीं है ॥ आवो आज हम तोरे ई मोबाईल एस ऍम एस का असली पावर के बारे में बतलाते हैं। देखो बचवा आज कल कौनो खबर , कौनो शो, कौनो त्यौहार, कौनो झगडा, कौनो प्यार, कौनो व्यापार मनो सब कुछ बिना ई मोबाईल एस ऍम एस के नहीं चल सकता है। देखो कौन समाचार ईस्कीलुसिव समाचार है ई हम तय करेंगे, कौन ससुरा टैलेंट शो में गायेगा , नाचेगा , ई हम तय करेंगे , एफ ऍम रेडियो पर कौन गनवा चलेगा ई कौन तय करेगा हमरा एस ऍम एस । आरे तू कौन दुनिया में रहता है देखा नहीं है ई पावर के बदौलत त हम पिछ्ला काटना टैलेंट शो सब में ऊ सडल गलाल प्रतियोगी सब को जज सब के छाती पर ला के बैठा दिए जेकरा सब के ऊ लोग निकाल देते थे। आउउर त आउउर हम त अपना ई पावर उज कर के ऐसन भक्लोल्वा सब का चैम्पियन बना दिए जो ससुरा सब गोबर गनेस था। सम्झ्ले बच्हू।
दोकान बाला भैया त हमरा ई एस ऍम एस पवार बाला महापुराण सुन के चकित रह गया।
आपहु सोच के देखिए ना त मज़ा आ जायेगा, कसम गंगा मैया के , सचे कह रहे हैं।
आपही का,
बिहारी बाबू आउउर ऊपर से बज्र देहाती भी
ऊ ससुर कूद पदिस , कहने लगा अरे का मूरूख आदमी है रे बाबा , रे आज काल तो सब बाबु भैया लोगन एकदम छोटका छोटका रेचाराज़ कूपन माँगता है , आ ऊ त शुकुर है कि हमरे ई रेचाराज़ तौल के नहीं देना पड़ता है नहीं ता ई नायका छोकरा-छोक्रियाँ सब त इतना छोटका रेचाराज़ मांगता कि ओतना छोटका त बाट -बत्खारा भी नहीं मिलता। हमरे लगता है देहाती भैया तू भी ऊ लोगन में से ही हो जाऊँ सब दोस्त्वा सब का मिस काल पर उका पलट के फोनिआयाते हो , काहे है कि ना?
हम कहा धत बुरबक तोरा एही त मालूम नहीं है । ई रेचाराज्वा त हम ई जतना टैलेंट शो सब चल रहा है ना ऊ सब में एस ऍम एस से भोत्वा करे खातिर लिए हैं.तोरा एही त मालूम नहीं है ॥ आवो आज हम तोरे ई मोबाईल एस ऍम एस का असली पावर के बारे में बतलाते हैं। देखो बचवा आज कल कौनो खबर , कौनो शो, कौनो त्यौहार, कौनो झगडा, कौनो प्यार, कौनो व्यापार मनो सब कुछ बिना ई मोबाईल एस ऍम एस के नहीं चल सकता है। देखो कौन समाचार ईस्कीलुसिव समाचार है ई हम तय करेंगे, कौन ससुरा टैलेंट शो में गायेगा , नाचेगा , ई हम तय करेंगे , एफ ऍम रेडियो पर कौन गनवा चलेगा ई कौन तय करेगा हमरा एस ऍम एस । आरे तू कौन दुनिया में रहता है देखा नहीं है ई पावर के बदौलत त हम पिछ्ला काटना टैलेंट शो सब में ऊ सडल गलाल प्रतियोगी सब को जज सब के छाती पर ला के बैठा दिए जेकरा सब के ऊ लोग निकाल देते थे। आउउर त आउउर हम त अपना ई पावर उज कर के ऐसन भक्लोल्वा सब का चैम्पियन बना दिए जो ससुरा सब गोबर गनेस था। सम्झ्ले बच्हू।
दोकान बाला भैया त हमरा ई एस ऍम एस पवार बाला महापुराण सुन के चकित रह गया।
आपहु सोच के देखिए ना त मज़ा आ जायेगा, कसम गंगा मैया के , सचे कह रहे हैं।
आपही का,
बिहारी बाबू आउउर ऊपर से बज्र देहाती भी
गुरुवार, 27 दिसंबर 2007
बिहारी बाबु से देहाती बाबू बनने का कारण
अरे का बतायें भैया हमरे नहीं मालूम था कि इहाँ इतना मारामारी मचल है कि हम ढंग से बिहारी भी नहीं बन सकते हैं। ओइसे त जन्मजात बिहारी हैं आ रहबे करेंगे मुदा हाल फिलहाल में हमरे पता चला कि एगो बडका भैया हमसे पहले से ही इहाँ बिहारी बाबू बन के बैठे हैं।
आ ऊ त हमका बता भी दिए कि रे बुर्बक्वा हमका तो बहुत पहले से ही बडका बिहारी का कौउनो पुरूस्कार भी मिला हुआ है । हम कहे कि अछा कमाल है भैया हमरे त आज तक ई बिहारी का लोग तोंत्वे मरा है आज तक कौउनो ईनाम फीनाम नहीं मिला है हो।
भैया कहे कि रे इहाँ तो एक बिहारी से ओइसन सब परेशान है आ तू आउउर आ के कंफुजन कर राहा है त ऐसन कर कुछ और सोच ले ।
हम कहे कि ठीक है भैया चलिए आज से ई बिहारी बाबू आब देहाती बाबू बन जायेंगे।
मुदा एगो बात जान लीजिए कि लिखेंगे वही अपना बिहारी पन में । कहिये काऊउनो गलत बात ता न न कहे ?
आ ऊ त हमका बता भी दिए कि रे बुर्बक्वा हमका तो बहुत पहले से ही बडका बिहारी का कौउनो पुरूस्कार भी मिला हुआ है । हम कहे कि अछा कमाल है भैया हमरे त आज तक ई बिहारी का लोग तोंत्वे मरा है आज तक कौउनो ईनाम फीनाम नहीं मिला है हो।
भैया कहे कि रे इहाँ तो एक बिहारी से ओइसन सब परेशान है आ तू आउउर आ के कंफुजन कर राहा है त ऐसन कर कुछ और सोच ले ।
हम कहे कि ठीक है भैया चलिए आज से ई बिहारी बाबू आब देहाती बाबू बन जायेंगे।
मुदा एगो बात जान लीजिए कि लिखेंगे वही अपना बिहारी पन में । कहिये काऊउनो गलत बात ता न न कहे ?
बुधवार, 26 दिसंबर 2007
अरे गिरने काa कौनो लिमितिवा है कि नहीं?
अरे बाबु भैया लोग ई कलजुग माँ लगता है कि किसी को नीचे गिरने का , एकदम निकृष्ट हो जाने का , एक दम रसातल में चले जाने का कूनो लिमिट नहीं बच गया है महाराज।
आज काल्हे पपेर्वा में पढे कि राजधानी का एगो बहुत बडका हास्पीटल में daktarwaa सब एगो छोटका बाछा का किडनी निकाल दिहिस , अरे नहीं भैया कौउनो बीमारी में नहीं बल्कि गलती से अब ई त बताने का जरूरत तो नहीं है कि ई डाक्टर सब आज कल ई किडनी , आँख , लिवर, निकाले और पेट में तोलिया, रुमाल, कैंची, चादर सब छोड के अलावा और कन्या भ्रूण हत्या जैसन काम भी खूब जोर शोर से कर रहा । हे भगवान् ई जिनका सब के कभी भगवान् का दूसरा रुप समझा जाता था ऊ सब का ई हाल है । भैया आउउर कितना नीचे गिरोगे अब?
एगो दूसरा चीज़ पर गौर फरमाइये , कल एगो टी वी न्यूज़ चैनल (ओइसे त ई सब न्यूज़ चंनेल्वा सब जरूरत से ज्यादा तेज़ हो गया है ससुरा सब ) पूरा दिन भर ऊ नौटंकी राखी सावंत का डान्स शो हारने वाला किस्सा को लेकर के बैठ गया आ महाराज ई तो सुनिए प्रतिक्रिया किस्से पूछ रहिस था हाँ ठीके समझे उनका परम मित्र ऊ अपने शास्त्रीय संगीत गायक मिका जी से। अरे भैया टी वी रिपोर्टर सब कभी ई दिल्ली, बोम्बी से बहरो जा के देखो ना , तू लोग से त बहुत बढियां बीबीसी वाला लोग हैं जो उरिस्सा जा कर वहाँ का लोगों का भूख मरी का खबर पूरे देश को दिए । भैया ई कौन से पत्रकारिता कर रहे हो ? यार तू लोगन का थिंक टंक एक साद गल गया है । कौनो नयापन कौनो नई बात का तुमका बाज़ार वाले बताएँगे ? भैया बस करो अब और काटना नीची पहुंचोगे एक दम पाताल तक ठेक गए हो.
आ गिरने उठने की का बात कहें भैया राजा से लेकर कर प्रजा तक हम सब एक दम से गिरते ही चले जा रहे हैं , तो हम त ई जानना चाहते हैं कि एकर कूनो लिमिट है कि नहीं । आ यदि है त कौउन सा है एक बार पता चल जाता त चिचियते नहीं रहते.
आज काल्हे पपेर्वा में पढे कि राजधानी का एगो बहुत बडका हास्पीटल में daktarwaa सब एगो छोटका बाछा का किडनी निकाल दिहिस , अरे नहीं भैया कौउनो बीमारी में नहीं बल्कि गलती से अब ई त बताने का जरूरत तो नहीं है कि ई डाक्टर सब आज कल ई किडनी , आँख , लिवर, निकाले और पेट में तोलिया, रुमाल, कैंची, चादर सब छोड के अलावा और कन्या भ्रूण हत्या जैसन काम भी खूब जोर शोर से कर रहा । हे भगवान् ई जिनका सब के कभी भगवान् का दूसरा रुप समझा जाता था ऊ सब का ई हाल है । भैया आउउर कितना नीचे गिरोगे अब?
एगो दूसरा चीज़ पर गौर फरमाइये , कल एगो टी वी न्यूज़ चैनल (ओइसे त ई सब न्यूज़ चंनेल्वा सब जरूरत से ज्यादा तेज़ हो गया है ससुरा सब ) पूरा दिन भर ऊ नौटंकी राखी सावंत का डान्स शो हारने वाला किस्सा को लेकर के बैठ गया आ महाराज ई तो सुनिए प्रतिक्रिया किस्से पूछ रहिस था हाँ ठीके समझे उनका परम मित्र ऊ अपने शास्त्रीय संगीत गायक मिका जी से। अरे भैया टी वी रिपोर्टर सब कभी ई दिल्ली, बोम्बी से बहरो जा के देखो ना , तू लोग से त बहुत बढियां बीबीसी वाला लोग हैं जो उरिस्सा जा कर वहाँ का लोगों का भूख मरी का खबर पूरे देश को दिए । भैया ई कौन से पत्रकारिता कर रहे हो ? यार तू लोगन का थिंक टंक एक साद गल गया है । कौनो नयापन कौनो नई बात का तुमका बाज़ार वाले बताएँगे ? भैया बस करो अब और काटना नीची पहुंचोगे एक दम पाताल तक ठेक गए हो.
आ गिरने उठने की का बात कहें भैया राजा से लेकर कर प्रजा तक हम सब एक दम से गिरते ही चले जा रहे हैं , तो हम त ई जानना चाहते हैं कि एकर कूनो लिमिट है कि नहीं । आ यदि है त कौउन सा है एक बार पता चल जाता त चिचियते नहीं रहते.
रविवार, 23 दिसंबर 2007
वेलकम के बाद सीलमपुर
का हो भोला भैया वेलकम देखला कि ना , बहुत मजेदार है हम त सीधा वहीं से देख के आ रहे हैं।
आइन का कह रहा है रे पल्टू ,हम तो तोरा बहुत पहले ही कह दिए थे कि जा जाके देख कइसन शानदार बनाया है ट्राफिक का त समस्या सारा खत्म हो जायेगा ससुरा।
ई का कह रहे हो भोला भैया वेलकम से ई दिल्ली के त्रफिच्क्वा का ,का संबंध है हो ? अरे तू कौन वेलकम का बात कर रहे हो?
वेलकम मेट्रो स्टेशन आउऊ का , हमरे पता है जौन एक बार ऊ मेट्रो स्ताशन्वा पर पहुंच जाता है ऊ त बस ओकरे गुण गाने लगता है।
अरे नहीं भैया हम त ई नायका पिक्चर के बारे में बता रहे हैं अरे ई अक्षय कुमार आ ऊ अन्ग्रेज़ं छः फुटिया कटोरिया कैफ के जोरदार पिक्चर द कह रहे थे।
अरे तोरी के ई वेलकम stationwaa के नाम पर पिक्चरों बन गया । हमरे त पहले से ही पता था कि ई बम्बई वाला हीरो हेरोइन सब जैसे ही मेट्रो के बारे में सुनेगा जरूर पिक्चर बनाएगा । रे पलटू पता कर त कहीं ऐसन त नहीं चल रहा है कि वेलकम के बाद ई अपना सीलमपुर पर भी कौनो पिक्चर बनावे का पीरोग्राम हो। यदि ऐसन कौनो बात होगा त हम लोग भी तीराई मरल जाएगा कम से कम शूतिन्गवा में अपना लोग का ई झुग्गीअया सब का एक आध गो फोटो भी आ जाएगा त निगम बाला सब कहीं खुश हो अपना झुग्गी ना तोड।
मुदा भोला भैया हम त पूरा पिक्चर में कहीं भी वेकम stationwaa का कौना बात नहीं सुने ना ही ओकर फोटो देखे
अरे तोरा पता नहीं चला होगा कास्टिंग में दिखा दिया होगा। हमरा त मन कह रह है कि हो ना हो वेलकम के बाद सीलमपुर पिक्चर भी बंबे करेगा।
*यहाँ ये बता देना आवशयक है कि वेलकम और सीलमपुर दिल्ली के मेट्रो रूट पर पड़ने वाले दो स्टेशन हैं.
आइन का कह रहा है रे पल्टू ,हम तो तोरा बहुत पहले ही कह दिए थे कि जा जाके देख कइसन शानदार बनाया है ट्राफिक का त समस्या सारा खत्म हो जायेगा ससुरा।
ई का कह रहे हो भोला भैया वेलकम से ई दिल्ली के त्रफिच्क्वा का ,का संबंध है हो ? अरे तू कौन वेलकम का बात कर रहे हो?
वेलकम मेट्रो स्टेशन आउऊ का , हमरे पता है जौन एक बार ऊ मेट्रो स्ताशन्वा पर पहुंच जाता है ऊ त बस ओकरे गुण गाने लगता है।
अरे नहीं भैया हम त ई नायका पिक्चर के बारे में बता रहे हैं अरे ई अक्षय कुमार आ ऊ अन्ग्रेज़ं छः फुटिया कटोरिया कैफ के जोरदार पिक्चर द कह रहे थे।
अरे तोरी के ई वेलकम stationwaa के नाम पर पिक्चरों बन गया । हमरे त पहले से ही पता था कि ई बम्बई वाला हीरो हेरोइन सब जैसे ही मेट्रो के बारे में सुनेगा जरूर पिक्चर बनाएगा । रे पलटू पता कर त कहीं ऐसन त नहीं चल रहा है कि वेलकम के बाद ई अपना सीलमपुर पर भी कौनो पिक्चर बनावे का पीरोग्राम हो। यदि ऐसन कौनो बात होगा त हम लोग भी तीराई मरल जाएगा कम से कम शूतिन्गवा में अपना लोग का ई झुग्गीअया सब का एक आध गो फोटो भी आ जाएगा त निगम बाला सब कहीं खुश हो अपना झुग्गी ना तोड।
मुदा भोला भैया हम त पूरा पिक्चर में कहीं भी वेकम stationwaa का कौना बात नहीं सुने ना ही ओकर फोटो देखे
अरे तोरा पता नहीं चला होगा कास्टिंग में दिखा दिया होगा। हमरा त मन कह रह है कि हो ना हो वेलकम के बाद सीलमपुर पिक्चर भी बंबे करेगा।
*यहाँ ये बता देना आवशयक है कि वेलकम और सीलमपुर दिल्ली के मेट्रो रूट पर पड़ने वाले दो स्टेशन हैं.
शुक्रवार, 14 दिसंबर 2007
बचवा सब बड़ा हो गया है जी
बुद्रूक्वा का एही आदत था कि जाबो आयेगा एगो नायका खबर सुनाएगा । ई बार भी चिचियाते पहुंचा। हम कहे कि का हुआ रे, तोरे फरीदाबाद नोइडा में सब कुछ ठीक त हाउ ना?
अरे कहाँ झोल्तान्मा भैया अबकी त जुलुम हो गवा। पास के एगो इस्कूल में दू ठो आठमा का बच्चा अपने साथिये को गोली दाग धिहिस, पूरा इलाका संसनायल है।
का कह रहा , बचवा सब ग्लिबारी किये है आ ऊऊ भी अपना साथिये को मार धिहिस। साला ई सब अमरीकन बँटा जा दरहा है ससुरा।
का मतबल झोल्तानमा भैया, ई से अमरीका का कौन रेलेशन है हो, आप त सब कुछ में अमेरिके का दोष बता देते हैं।
आरे, तोरे का लगता है ई बम गोली वाला ideaa पहिले अमेरिके में न आविष्कार होता है। ऊ ससुरा अन्ग्रेज्वा सब यही अंट-शंट सीखता सिखाता रहता है आउउर अपन बछवा सब भी ओईसने होता जा रहल है । तोहरा याद नहीं है पिछला साल भी एगो दोसर बडका इस्कूल के एक ठो लड़का-लडकी के मोबाईल सिनेमा (ऍम ऍम अस ) से काटना बवाल मचा था। मुदा एगो बात त है ई जतना बडका इस्कूल है ना ई सब छूछे इंटरनेशनल नहीं लिखता है ई सब में पढाई इंटरनेशनल हो ना हो मुदा ई सब काम इंटरनेशनल लेवल का होता है। ना त तू ही बता सरकारी इस्कूल का धिया पुता सब खाले सिनेमे में रिवाल्वर देखा होगा ओकरा त बेचारा सब के खिचडी खे से फुरसत नहीं होगा त ग्लिई बारी का करेगा।
सुने हैं झोल्तानमा भैया के ई कन्द्वा के तीनो बच्चा के बाप लोग प्रोपर्टी डीलर आ बिल्डर लोग हैं।
आएँ ई कौन काम है रे हम त बस ई मिटटी टेल ,चीनी गेहूँ बाटें वाला डीलर का नाम सुने थे ।
अरे नहीं भिया ई अलग हैं। ठक-ठीक त हमरो ना मालोम है मुदा सुने हैं के ई सब ओ लोग हैं जो मकान मालिक सबके एहसास दिलाता है कि आपका मकान सचमुच आप्हे का है आउउर किरायेदार लोग के भी कह के रखता है कि हमरे रहते तोरा मकान मालिक का बाप भी नहीं निकाल सकता है । बिल्डर सब दूसरा लोग सब का बिल्डिंग आ घर बनाता है।
अरे मार ससुरा सब के का बनाएगा दोसरा के घर ई सबसे जब अपना घर नहीं संभालता है। रे बुदृक्वा सौ बात के एक बात त ई है कि ई बदलता युग में अपन बचवा सब बचवा नहीं रह गया है, बहुत बड़का हो गया है रे, जाने अभी आउउर का का होगा?
अरे कहाँ झोल्तान्मा भैया अबकी त जुलुम हो गवा। पास के एगो इस्कूल में दू ठो आठमा का बच्चा अपने साथिये को गोली दाग धिहिस, पूरा इलाका संसनायल है।
का कह रहा , बचवा सब ग्लिबारी किये है आ ऊऊ भी अपना साथिये को मार धिहिस। साला ई सब अमरीकन बँटा जा दरहा है ससुरा।
का मतबल झोल्तानमा भैया, ई से अमरीका का कौन रेलेशन है हो, आप त सब कुछ में अमेरिके का दोष बता देते हैं।
आरे, तोरे का लगता है ई बम गोली वाला ideaa पहिले अमेरिके में न आविष्कार होता है। ऊ ससुरा अन्ग्रेज्वा सब यही अंट-शंट सीखता सिखाता रहता है आउउर अपन बछवा सब भी ओईसने होता जा रहल है । तोहरा याद नहीं है पिछला साल भी एगो दोसर बडका इस्कूल के एक ठो लड़का-लडकी के मोबाईल सिनेमा (ऍम ऍम अस ) से काटना बवाल मचा था। मुदा एगो बात त है ई जतना बडका इस्कूल है ना ई सब छूछे इंटरनेशनल नहीं लिखता है ई सब में पढाई इंटरनेशनल हो ना हो मुदा ई सब काम इंटरनेशनल लेवल का होता है। ना त तू ही बता सरकारी इस्कूल का धिया पुता सब खाले सिनेमे में रिवाल्वर देखा होगा ओकरा त बेचारा सब के खिचडी खे से फुरसत नहीं होगा त ग्लिई बारी का करेगा।
सुने हैं झोल्तानमा भैया के ई कन्द्वा के तीनो बच्चा के बाप लोग प्रोपर्टी डीलर आ बिल्डर लोग हैं।
आएँ ई कौन काम है रे हम त बस ई मिटटी टेल ,चीनी गेहूँ बाटें वाला डीलर का नाम सुने थे ।
अरे नहीं भिया ई अलग हैं। ठक-ठीक त हमरो ना मालोम है मुदा सुने हैं के ई सब ओ लोग हैं जो मकान मालिक सबके एहसास दिलाता है कि आपका मकान सचमुच आप्हे का है आउउर किरायेदार लोग के भी कह के रखता है कि हमरे रहते तोरा मकान मालिक का बाप भी नहीं निकाल सकता है । बिल्डर सब दूसरा लोग सब का बिल्डिंग आ घर बनाता है।
अरे मार ससुरा सब के का बनाएगा दोसरा के घर ई सबसे जब अपना घर नहीं संभालता है। रे बुदृक्वा सौ बात के एक बात त ई है कि ई बदलता युग में अपन बचवा सब बचवा नहीं रह गया है, बहुत बड़का हो गया है रे, जाने अभी आउउर का का होगा?
रविवार, 9 दिसंबर 2007
ई रामदास तैयार हैं।
जयेसे ही हमरे पता चल कि सबसे बडका हस्पताल के डोक्टोरनी सब पेपर टी वी में कहिस है कि " हम लोग रामदास को शादी का प्रस्ताव भेजे हैं मगर शर्त है कि शादी के बाद उनको गाओं में हमारे साथ रहना होगा"।
आप लोगन मानिए चाहे ना मानिए मुदा हम समझ गयी कि बस ईहे ऊ क्षण है ,ऊ मौउका है जिसका बरसों से इंतज़ार था। बचपने में जब एक बार हम हस्पताल में भर्ती हुए थे त एगो स्किर्ट वाला नर्स से मोने मोन उनसे प्रेम कर बैठे , मुदा जैसे ही इजहार किये ऊ नर्स हमरे इतना तगडा सूईआ थोकिस कि राम-राम। आ आब अचानक खुदे डोक्टोरनी सब प्रस्ताव भेज दियी हैं।
देखिए हम समझाते हैं। पहली बात कि चारों पहर रामायण-रामचरितमानस का पाठ करते हैं, राम नवमी का व्रत रखते हैं आउउर ता आउउर अभियू दसो दिन रामलीला देखने जाते हैं। त हमही ना हुए असली राम दास।
आ रही शर्त के बात त ई त सोने पे सुहागा हो जाएगा भाई। शादी के बाद डोक्टोरनी को लेके अपना गाम भैन्स्लोतान्पुर चले जायेंगे । होएजे रहेंगे हस्पताल खोलेंगे आ ई अपना बीलाग भी लिखेंगे ।
कहिये कइसन पीरोग्राम लगा हमारा.
आप लोगन मानिए चाहे ना मानिए मुदा हम समझ गयी कि बस ईहे ऊ क्षण है ,ऊ मौउका है जिसका बरसों से इंतज़ार था। बचपने में जब एक बार हम हस्पताल में भर्ती हुए थे त एगो स्किर्ट वाला नर्स से मोने मोन उनसे प्रेम कर बैठे , मुदा जैसे ही इजहार किये ऊ नर्स हमरे इतना तगडा सूईआ थोकिस कि राम-राम। आ आब अचानक खुदे डोक्टोरनी सब प्रस्ताव भेज दियी हैं।
देखिए हम समझाते हैं। पहली बात कि चारों पहर रामायण-रामचरितमानस का पाठ करते हैं, राम नवमी का व्रत रखते हैं आउउर ता आउउर अभियू दसो दिन रामलीला देखने जाते हैं। त हमही ना हुए असली राम दास।
आ रही शर्त के बात त ई त सोने पे सुहागा हो जाएगा भाई। शादी के बाद डोक्टोरनी को लेके अपना गाम भैन्स्लोतान्पुर चले जायेंगे । होएजे रहेंगे हस्पताल खोलेंगे आ ई अपना बीलाग भी लिखेंगे ।
कहिये कइसन पीरोग्राम लगा हमारा.
गुरुवार, 29 नवंबर 2007
अब का पहनेंगे जनरल साहब ?
बज्रंगिया हमेशा के तरह चिचियाते हुए आया, " जान रहे हैं झोल्तानमा भैया , सुने हैं ई पाकिस्तानी गेनेराल्वा मुस्श्र्रफ अपना बर्दी उतारे बाला है ?
हम कहे, " हाँ त ठीके सूना होगा, का करेगा,। पिछला छियालिश बरस से ओही बर्दी पहन के घूम रहा है।
आ जब से पाकिस्तान का गद्दी पर बैठा एको बार शर्ट-पैंट का बटन आ चैन भी नहीं खोला ई डर से कि कहीं कोई लपक के आउउर न पहन ले॥ हो सकता है ओकर मोन नहीं ओक्ताया होगा तईयो खुजली-नोच्नी हो गया होगा। आ फेर ई हो त है कि सोचा होगा कि लोग सब जबरदस्ती बर्दी उतार के नंगते कर दे ओ से पहले खुदे उतार दो।"
हाँ भैया, सही कह रहे हैं, मुदा खबर में ई न बताया कि बर्दी उतारे के बाद का पहनेगा?
हाँ रे, बजरंगी ई बात त हिये है। मुदा का पहन सकता है बर्दी के बाद। हमरे ख्याल से त धोती-कुर्ता पहन लेगा।"
आयं, ई का कह रहेद हैं झोल्तान्मा भैया, धोती कहे लूंगी काहे नहीं ?
"रे बज्रंगीय, लुंगी कईसे पहनेगा आब, सुनले ना था कि पाकिस्तान का सब मौलवी-इमाम सब गोस्सायल है ओकरा से, आ फेर बर्दी के गरम आ कड़क कपडा पहने के बाद धोती कुर्ता के मोलायम कपडा आराम भी त देगा।
एगो बात आउउर हमरे त लगता है कि जल्दी ओकरा नाम जनरल मुश से जनरल फुश होई जायेगा.
हम कहे, " हाँ त ठीके सूना होगा, का करेगा,। पिछला छियालिश बरस से ओही बर्दी पहन के घूम रहा है।
आ जब से पाकिस्तान का गद्दी पर बैठा एको बार शर्ट-पैंट का बटन आ चैन भी नहीं खोला ई डर से कि कहीं कोई लपक के आउउर न पहन ले॥ हो सकता है ओकर मोन नहीं ओक्ताया होगा तईयो खुजली-नोच्नी हो गया होगा। आ फेर ई हो त है कि सोचा होगा कि लोग सब जबरदस्ती बर्दी उतार के नंगते कर दे ओ से पहले खुदे उतार दो।"
हाँ भैया, सही कह रहे हैं, मुदा खबर में ई न बताया कि बर्दी उतारे के बाद का पहनेगा?
हाँ रे, बजरंगी ई बात त हिये है। मुदा का पहन सकता है बर्दी के बाद। हमरे ख्याल से त धोती-कुर्ता पहन लेगा।"
आयं, ई का कह रहेद हैं झोल्तान्मा भैया, धोती कहे लूंगी काहे नहीं ?
"रे बज्रंगीय, लुंगी कईसे पहनेगा आब, सुनले ना था कि पाकिस्तान का सब मौलवी-इमाम सब गोस्सायल है ओकरा से, आ फेर बर्दी के गरम आ कड़क कपडा पहने के बाद धोती कुर्ता के मोलायम कपडा आराम भी त देगा।
एगो बात आउउर हमरे त लगता है कि जल्दी ओकरा नाम जनरल मुश से जनरल फुश होई जायेगा.
गुरुवार, 22 नवंबर 2007
दिल्ली से मधुबनी ( का यात्रा रही )
ई बात तो हम आप लोगन को पहले ही बता दिए न थे , ई बार छट पर गडिया का मारामारी देख कर हमहूँ अपना प्रोग्रम्वा कैन्सल कर दिए थे , मुदा बीचे में घर से फ़ोन आ गया आना ही पडेगा छोटका का शादी फ़ाइनल हो गया है। हालांकि ओकर शादिया त फ़ाइनल बहुत पहले से ही था मगर कहे से पमेंत्वा का बात पुआ ना ना हुआ था सो डेत्वा लोग फ़ाइनल नहीं किया था। खैर जाना त था ही , इसलिए फटाफट सब कपडा लत्ता लेके चल दिए। ऊ शैदिया में का का हुआ ई त अगली बार आप लोगों को बिस्तार से बताएँगे ई बार त आप लोगों को खाली ई बता देते हैं कि दिल्ली से मधुबनी ( हाँ उही मधुबनी चित्रकला वाला) तक का सफर कईसन कटा।
गडिया पर चढ़ते ही चादरवा निकाल के पसर गए। खाना ऊना सब पहिले ही नेपटा दिए थे महाराज।
झाप्कियो नहीं लगा था कि आ गए टी टी सिंह," चलो रे अपना अपना टिकट सब दिखाओ "
हम धड़ दनी अपना टिकट निकाल के देखा दिए , दरअसल हमहूँ ई बार चालाकी मार के एगो दोस्त्वा के मदद से "ई-टिकेट " कटवा लिए थे।
ऊ टिकट देखते ही कूद पडा , रे ई का कगाज्वा देखा रहा है, टिकट नहीं का ई केकर लैटर है, किसी का स्टाफ है रे , बोलो ना रे"
हम कहे कि सर एही त टिकट है ई जो टिकट है ना ई "ई -टिकट "है।
आएँ , का मतलब ई टिकट , रे ई टिकट नहीं ऊ टिकट दिखाओ , नहीं है का।
अरे बड़ी मोश्किल से बैठा के उनका समझाना पड़ा कि ई टिकट का होता है।
थोडा आगे चले त रेल पुलिस आ गया, रे ई मोटरी ई बैग्वा किसका है रे , चल दिखाओ'
का दिखाओ महाराज सब खाए पिबे वाला समनवा सब खा गया ले के कहा कि ई से तोहरे समनवा का भार जादे हो रह है।
आ उसके बाद पूछिये मत कि कहाँ कहाँ का का चेक हुआ का का उतारे -खोले ।
जब मधुबनी पहुंचे त एक्दुमे ऐसन हालत था कि कोनो चलता फिरता मधुबनी पेंटिंग आ रहा हो।
बियाह का पूरा जानकारी आ विवरण अगला बार बताएँगे.
गडिया पर चढ़ते ही चादरवा निकाल के पसर गए। खाना ऊना सब पहिले ही नेपटा दिए थे महाराज।
झाप्कियो नहीं लगा था कि आ गए टी टी सिंह," चलो रे अपना अपना टिकट सब दिखाओ "
हम धड़ दनी अपना टिकट निकाल के देखा दिए , दरअसल हमहूँ ई बार चालाकी मार के एगो दोस्त्वा के मदद से "ई-टिकेट " कटवा लिए थे।
ऊ टिकट देखते ही कूद पडा , रे ई का कगाज्वा देखा रहा है, टिकट नहीं का ई केकर लैटर है, किसी का स्टाफ है रे , बोलो ना रे"
हम कहे कि सर एही त टिकट है ई जो टिकट है ना ई "ई -टिकट "है।
आएँ , का मतलब ई टिकट , रे ई टिकट नहीं ऊ टिकट दिखाओ , नहीं है का।
अरे बड़ी मोश्किल से बैठा के उनका समझाना पड़ा कि ई टिकट का होता है।
थोडा आगे चले त रेल पुलिस आ गया, रे ई मोटरी ई बैग्वा किसका है रे , चल दिखाओ'
का दिखाओ महाराज सब खाए पिबे वाला समनवा सब खा गया ले के कहा कि ई से तोहरे समनवा का भार जादे हो रह है।
आ उसके बाद पूछिये मत कि कहाँ कहाँ का का चेक हुआ का का उतारे -खोले ।
जब मधुबनी पहुंचे त एक्दुमे ऐसन हालत था कि कोनो चलता फिरता मधुबनी पेंटिंग आ रहा हो।
बियाह का पूरा जानकारी आ विवरण अगला बार बताएँगे.
गुरुवार, 15 नवंबर 2007
का औज़ार है ई मोबईल्वा ?
"देखो भैया ई नायका मोबाईल लिए हैं। का कलर है, का फीचर है । " झबरू ख़ुशी से झूमते हुए हमसे कहिस।
हमरा त पहिले से ही ओकर पर नज़र पडल था सो रहा नहीं गया, " रे झाबरुआ , तनिक खोल के दिखाओ बताओ। ई त एकदम छोटकी गो टी वी लग रहा है रे"
"टी वी , अरे झोल्तानमा भैया ई त टी वी के भी बाप है। आवा हम बताते हैं एकर खुबिया । ई देखौ ई रहियो है सब ऐफाम चैनैल्वा पकड़ लेट है। ई है ऍम पी थ्री , माने भुझो त छोट-मोट गो टेप रेकर्देर हो। ई है कैमरा ;फोटो किचे खातिर। आ जानत हो इमें कोनो रील -फील डाले का जरूरत नहीं है। ई है वीदेओ रिकार्डिंग। आरे एही से त पिछला महीना में ऊ पण्डे जी के लड़कियां वाला ऍम ऍम अस कानदवा नहीं हुआ था । आ ई है एकदम लेटेस्ट कोनो पिक्चुर सिनेमा लोड कर के मज़ा ला। झोल्तान्मा भैया कोनो सिनेमा -ई टाइप चाहे ऊ टाइप"
जैसे -जैसे झाब्रुआ बताते जा रहा था हमरे चेहरा का चमक बढ़ते ही जा रहा था। मुदा फेर हमका कुछ याद आया । अरे झाबरुआ रे ई त ना बताया कि ई से बतियाया कैसे जाता है रे,रे मोबाईल त बतियावे खातिर न होता है?
झोल्तानमा भैया ऊ हमका नहीं पता । ओइसे भी आजकल मोबाईल से सुब बतियुआते कम हैं aaur dosar kaam jaade hotaa hain.हाँ सुने हैं कि mobaaeelwa में कोनो kaarad lagtaa hai batiyawe khaatir.
अच्छा झाब्रुआ je हमरे राशन kaarad से काम chaltau त ले जाओ।
अरे नहीं bhaiyaa ee baatava kaa kamaal ke auzaar hai ee mobaaeelwaa?
हमरा त पहिले से ही ओकर पर नज़र पडल था सो रहा नहीं गया, " रे झाबरुआ , तनिक खोल के दिखाओ बताओ। ई त एकदम छोटकी गो टी वी लग रहा है रे"
"टी वी , अरे झोल्तानमा भैया ई त टी वी के भी बाप है। आवा हम बताते हैं एकर खुबिया । ई देखौ ई रहियो है सब ऐफाम चैनैल्वा पकड़ लेट है। ई है ऍम पी थ्री , माने भुझो त छोट-मोट गो टेप रेकर्देर हो। ई है कैमरा ;फोटो किचे खातिर। आ जानत हो इमें कोनो रील -फील डाले का जरूरत नहीं है। ई है वीदेओ रिकार्डिंग। आरे एही से त पिछला महीना में ऊ पण्डे जी के लड़कियां वाला ऍम ऍम अस कानदवा नहीं हुआ था । आ ई है एकदम लेटेस्ट कोनो पिक्चुर सिनेमा लोड कर के मज़ा ला। झोल्तान्मा भैया कोनो सिनेमा -ई टाइप चाहे ऊ टाइप"
जैसे -जैसे झाब्रुआ बताते जा रहा था हमरे चेहरा का चमक बढ़ते ही जा रहा था। मुदा फेर हमका कुछ याद आया । अरे झाबरुआ रे ई त ना बताया कि ई से बतियाया कैसे जाता है रे,रे मोबाईल त बतियावे खातिर न होता है?
झोल्तानमा भैया ऊ हमका नहीं पता । ओइसे भी आजकल मोबाईल से सुब बतियुआते कम हैं aaur dosar kaam jaade hotaa hain.हाँ सुने हैं कि mobaaeelwa में कोनो kaarad lagtaa hai batiyawe khaatir.
अच्छा झाब्रुआ je हमरे राशन kaarad से काम chaltau त ले जाओ।
अरे नहीं bhaiyaa ee baatava kaa kamaal ke auzaar hai ee mobaaeelwaa?
बुधवार, 14 नवंबर 2007
dilli में छठ पूजा
dilli में छठ पूजा,जरूर,
ई का मतलब है दूजा,
साल भर बिहारी को गरियाते हो भाई,
वोतन के चक्कर में ,
अब दे रहे हो बधाई,।
त्रैन्वा से घर जा न सके,
आउउर पूजा त करना जरूरी है,
ई काली जमुना में डुबकी लगाना,
सच कहें त बस मजबूरी है।
हे सूरज देवता, कुछ त कर ऊपाय,
या त जमुना के नदी बना द ,
या द
सबके आपण घर पहुंचाया ॥
झोल्तानमा
ई का मतलब है दूजा,
साल भर बिहारी को गरियाते हो भाई,
वोतन के चक्कर में ,
अब दे रहे हो बधाई,।
त्रैन्वा से घर जा न सके,
आउउर पूजा त करना जरूरी है,
ई काली जमुना में डुबकी लगाना,
सच कहें त बस मजबूरी है।
हे सूरज देवता, कुछ त कर ऊपाय,
या त जमुना के नदी बना द ,
या द
सबके आपण घर पहुंचाया ॥
झोल्तानमा
रविवार, 11 नवंबर 2007
बहुतों से तो हमही लोग better हैं भाई
आज अचानक ई ख्याल आया कि यार अपने लोगों के चारों तरफ कितना बवाल मचल है भाई। पाकिस्तान में देखिए त ई मुश्र्राफ्वा जब देखो अपन फौजी वर्दी को धो पोच के प्रेस कर के पहन लेता है आ बन जाता है जनरल साहब । चाहे शरीफ साहब हों कि बेनजीर बीबी कोनो का खैर नहीं है। बर्मा का भी लगभग ओही हालचाल है उहाँ भी ऊ बेचारी कमजोर सी अंग सां सू की अकेले अपना दम पर लड़ाई लड़ रही है आ पूरा वर्ल्ड का मर्दावा सब खाली तमाशा देख रहा है।
अब पड़ोसी नेपलवा को ही देखिए ना जब से लोकतंत्र लोकतंत्र खेल ऱहा है तबे से हर चौथा दिन ओकरा प्रधानमंत्री ही नया नया बन जा ऱहा है आ ई सब से बेचारा मधेशिया सब का बात सब एकदम पीछे छूटता जा रह है। बंगलादेश का त पूछिये मत वहाँ त जितना नेता अऊर नेएतानी सब थी सबको जेल्वा में ठूस दिहिस है आ कोनो पूछने वाला नहीं है। श्रीलंकन का भी हाल कोनो ठीक नहीं हैं । जब लिट्टे वाला सब गरमा गया त लड़ाई शुरू।
ऐसन में त लगता है कि हमनी लोग ही ठीक हैं भैया। बस ई ज़रा नंदीग्राम में सब ठीक होई jaye
अब पड़ोसी नेपलवा को ही देखिए ना जब से लोकतंत्र लोकतंत्र खेल ऱहा है तबे से हर चौथा दिन ओकरा प्रधानमंत्री ही नया नया बन जा ऱहा है आ ई सब से बेचारा मधेशिया सब का बात सब एकदम पीछे छूटता जा रह है। बंगलादेश का त पूछिये मत वहाँ त जितना नेता अऊर नेएतानी सब थी सबको जेल्वा में ठूस दिहिस है आ कोनो पूछने वाला नहीं है। श्रीलंकन का भी हाल कोनो ठीक नहीं हैं । जब लिट्टे वाला सब गरमा गया त लड़ाई शुरू।
ऐसन में त लगता है कि हमनी लोग ही ठीक हैं भैया। बस ई ज़रा नंदीग्राम में सब ठीक होई jaye
बुधवार, 7 नवंबर 2007
फेर शुरू बा रेल गडिया के मारामारी
हाँ भैया ई त अब एगो परमानेंट दुःख बन गया है। जैसे ही पर्व त्यौहार का मौस्म्वा आता है गडिया सब में टिकेट के खातिर मारामारी बढ़ जाता ही । पिछला साल स्थिति इतना बिगड़ गया था कि धाका मुक्की में बौहुते लोग मारा गया। बुझैबे नहीं करता है कि कोन ऊपाय किया जावे । इतना ट्रेन्वा गडिया सब चला दिया है , अऊर अब त एगो नया नियम भी बना दिया है कि" कनिया के साथ लोकान्या "वाला चक्कर नही चलेगा । माने जेकरा सब के जाना है वही सब खाली प्लातफार्मावा पर जा सकता है ।
लेकिन जान रहे हैं सब से ज्यादा कौन चीज तकलीफ देता है , ई जो लोग सब इहाँ से बड़का बडका तृंक पेटी ,बाल्टी, लोटा, कुर्सी, tebul, पंखा , आ पता नहीं का का ठूंस ठूंस के ले जाता हैं महाराज । ऐसन लगता है कि खाली इंटा पत्थर ,मिटटी सब छोड़ देता है । अरे भैया लोग्नी यार जब इहाँ से पैस्वा कमा के ले जा रहे हो त वहीं कहे नहीं खरीद लेते हो ऊ सब ।
बही हमरा त जाना हो नहीं पाया इहे सब के चक्कर में । देखिए अगला साल का होता है?
लेकिन जान रहे हैं सब से ज्यादा कौन चीज तकलीफ देता है , ई जो लोग सब इहाँ से बड़का बडका तृंक पेटी ,बाल्टी, लोटा, कुर्सी, tebul, पंखा , आ पता नहीं का का ठूंस ठूंस के ले जाता हैं महाराज । ऐसन लगता है कि खाली इंटा पत्थर ,मिटटी सब छोड़ देता है । अरे भैया लोग्नी यार जब इहाँ से पैस्वा कमा के ले जा रहे हो त वहीं कहे नहीं खरीद लेते हो ऊ सब ।
बही हमरा त जाना हो नहीं पाया इहे सब के चक्कर में । देखिए अगला साल का होता है?
सोमवार, 5 नवंबर 2007
लूट मचल है भाई
दिव्लाई के रेलमपेल जयीसे ही बढ़त है बस पूछिये मत चारों तरफ भागम-भाग लग जावत है। हमरो बीच में एगो दोस फुनिया दिहिस , कहिस कि झोल्तान्मा भैया का कर रहे हो जाओ हात बाज़ार पहुँचो आ देखो मज़ा। हमहूँ तन्तना गए आ पहुंचे सीधा बडका बाज़ार। बाप रे बाप, पूछिये नहीं जी, इतना भीड़, खाली मुन्डी मुडी नज़र आ रहा था। अऊर सबको फेल कर रहा था , बालिका सबका नया फैशोन । महाराज एकदम लग रहा था कि मुन्ब चाहे कैसनो हो मुदा , कम कपडा पहिनने के कारण सब के सब खांटी हेरोइन लग रही थी। बुझा नहीं रहा था कि ई सब बाज़ार देखने आईल है कि ई बालिका सबन को देखे खातिर ई बाज़ार लगावल गया है।
ऐतना में आगो बोर्ड्वा पर नज़र गया। देखे त लिखल था "लूट लो "। हम कहे ई का घोटाला है भी । पहुंच गए आ वहीं खडे एगो बालिका से पूछे ए जी, ई का लिखे हैं , लूट लो , ऐसे ई सब लिखा जाता है ।"
हाँ , सर , ऐसा मौका नहीं मिलेगा , दिवाली ऑफर है , ले जाइए, सब लूट रहे हैं। एक के सात दो फ्री है । एक के पैसे में कुल तीन हो जायेंगे सर ।"
अरे ,अरे, ई का अनाप-शनाप बतिया रही हैं आप, एक के साथ दो फ्री। अऊर एक का पैसा भी काहे दें । जब लूट्बे करना है त। ई आप लोग का लूट का मतबल कुछ अऊर है का? हमरे इहाँ त लूट, डकैती ,खून,अपहरण, सबका उहे मतबल होता है जो असली में होता है । आ ई "लूट लो "बोर्ड्वा के नीचे से खुद हट ना जाइए ,शरीफ आदमी सब कंफुज़ होता है ना जी॥
मूडवा खराब हो गया त वापस लॉट आये । अब काल्हे जायेंगे तब बताएँगे।
ऐतना में आगो बोर्ड्वा पर नज़र गया। देखे त लिखल था "लूट लो "। हम कहे ई का घोटाला है भी । पहुंच गए आ वहीं खडे एगो बालिका से पूछे ए जी, ई का लिखे हैं , लूट लो , ऐसे ई सब लिखा जाता है ।"
हाँ , सर , ऐसा मौका नहीं मिलेगा , दिवाली ऑफर है , ले जाइए, सब लूट रहे हैं। एक के सात दो फ्री है । एक के पैसे में कुल तीन हो जायेंगे सर ।"
अरे ,अरे, ई का अनाप-शनाप बतिया रही हैं आप, एक के साथ दो फ्री। अऊर एक का पैसा भी काहे दें । जब लूट्बे करना है त। ई आप लोग का लूट का मतबल कुछ अऊर है का? हमरे इहाँ त लूट, डकैती ,खून,अपहरण, सबका उहे मतबल होता है जो असली में होता है । आ ई "लूट लो "बोर्ड्वा के नीचे से खुद हट ना जाइए ,शरीफ आदमी सब कंफुज़ होता है ना जी॥
मूडवा खराब हो गया त वापस लॉट आये । अब काल्हे जायेंगे तब बताएँगे।
रविवार, 4 नवंबर 2007
बिहार में त्यौहार
ओइसेय त हमरे बिहार में मुख रुप से फगुआ (होली) सरोसत्ती पूजा ,दुर्गा पूजा आ छट पूजा है। मुदा साल भर में हनी वाला सब पावन त्यौहार भी मनाएबेय करते हैं सब जैसे दिवाली, भैहाडूज, राखी, सब कुछ।
दिवाली( नहीं नहीं ,दिया-बाती कहते हैं हमरे यहाँ ) सच कहें त बिहार में ओतना तड़क-भड़क और जोरदार में नहीं मानता है बल्कि ई कहें कि छठ पूजा के जोराम्जोर महोत्सव के नीचे दब के रह जाता है।
हाँ दिया बाती में कुछ खास जरूर होता है। पहला है कि पूरा गाँव ,मोहल्ला , का लोक सब एकदम जोर शोर से
सफाई-लिपाई ,पोताई, में लग जाता है। घर ,अंगना, दालान, खादिहान, सब कुछ चमका देल जात है।
दिया बाती के दिन लक्ष्मी पूजा के बाद बढियां-बढियां, पाक-पकवान पर हाथ साफ कराल जाईत है। एगो खास बात कि ओहां ई गिफ्ट शिफ्ट का कोनो चक्कर नहीं है भी। रही बात पटाखा और बम सब फोड़ने कि त ऊ भी बहुत ज्यादे नहीं हो पाटा है। हाँ एक बात जरूर है कि रात में जब बहुत सारा डिबिया और छोटा छोटा दीप से घर अंगना जग्माता हैं ना त सच मानिए पूरा अँधेरा दूर हो जाता है। इहाँ शहर में कहाँ रहता है ओतना अँधेरा त सच में त दिवाली का असली मकसद त ओहीं पूरा होता है।
त कभी चलिए न हमरे साथ आप भी दिवाली में हमरे देश
झोलटनमाँ
दिवाली( नहीं नहीं ,दिया-बाती कहते हैं हमरे यहाँ ) सच कहें त बिहार में ओतना तड़क-भड़क और जोरदार में नहीं मानता है बल्कि ई कहें कि छठ पूजा के जोराम्जोर महोत्सव के नीचे दब के रह जाता है।
हाँ दिया बाती में कुछ खास जरूर होता है। पहला है कि पूरा गाँव ,मोहल्ला , का लोक सब एकदम जोर शोर से
सफाई-लिपाई ,पोताई, में लग जाता है। घर ,अंगना, दालान, खादिहान, सब कुछ चमका देल जात है।
दिया बाती के दिन लक्ष्मी पूजा के बाद बढियां-बढियां, पाक-पकवान पर हाथ साफ कराल जाईत है। एगो खास बात कि ओहां ई गिफ्ट शिफ्ट का कोनो चक्कर नहीं है भी। रही बात पटाखा और बम सब फोड़ने कि त ऊ भी बहुत ज्यादे नहीं हो पाटा है। हाँ एक बात जरूर है कि रात में जब बहुत सारा डिबिया और छोटा छोटा दीप से घर अंगना जग्माता हैं ना त सच मानिए पूरा अँधेरा दूर हो जाता है। इहाँ शहर में कहाँ रहता है ओतना अँधेरा त सच में त दिवाली का असली मकसद त ओहीं पूरा होता है।
त कभी चलिए न हमरे साथ आप भी दिवाली में हमरे देश
झोलटनमाँ
शनिवार, 3 नवंबर 2007
हो गया सेलेक्शन बीस- बीसिया टीम में
" jholtanma भैया , बहुत बडका खुसखबरी है । जान रहे हैं , हमारा सेलेक्शन ऊ जो बीस-बीसिया टीम है ना उसमे हो गया है । देखे ना हम कर दिए ना आपका नाम ऊँचा।"
"अबे, का कह रहा है,भुल्चुक्बा, । तेरा सेलेक्शन , वो भी क्रिकेट में ऊपर से २०-२० क्रिकेट में , क्या कह रह है पूरी बात बता। तेरा और क्रिकेट का क्या मेल ?"
हैं हैं, ऐसन बात कहे करते हो jholtanma भैया ।मेल त ऊ मंदिरा बेदी का भी कहाँ था क्रिकेट से आप ही बताइये त ।फिर हम प्रैक्टिस और मेह्नातो त कम नहीं ना किये थी ई पिछला बाला worldcup में ।
अमा पिछले worldcup में कहे की प्रक्तिस कर ली तू ने पूरी बात बता भुल्चुक्बेय॥
" बात ए है झोल्तान्मा भैया, कि पिछले worldcup में हम पूरा ध्यान्वा लगा कर देखे थे , एक एक स्टेप गौर से देखे आउउर सीखे थे कि किस्से चौका -छक्का लगते ही ऊ में आउउर ऊ लडिका सब एकदम धमाल नाचे लगता था। बस हम त तभी फ़ाइनल कर लिए कि एक दिन ई नचनिया टीम में हम जरूर शामिल होई जायेंगे। फिर जब अपना इहाँ बीस -बीसिया मैच हुआ त नाचानियाँ सब एकदम बेकार था। जान रहे हैं तभी हमको चांस दिया आ हो गया हमरा सेलेक्शन॥
अब देखियेगा , जब हम आ हमर टीम अपना परफॉर्मेंस देगी। अचा jholtanma भैया प्रणाम.
"अबे, का कह रहा है,भुल्चुक्बा, । तेरा सेलेक्शन , वो भी क्रिकेट में ऊपर से २०-२० क्रिकेट में , क्या कह रह है पूरी बात बता। तेरा और क्रिकेट का क्या मेल ?"
हैं हैं, ऐसन बात कहे करते हो jholtanma भैया ।मेल त ऊ मंदिरा बेदी का भी कहाँ था क्रिकेट से आप ही बताइये त ।फिर हम प्रैक्टिस और मेह्नातो त कम नहीं ना किये थी ई पिछला बाला worldcup में ।
अमा पिछले worldcup में कहे की प्रक्तिस कर ली तू ने पूरी बात बता भुल्चुक्बेय॥
" बात ए है झोल्तान्मा भैया, कि पिछले worldcup में हम पूरा ध्यान्वा लगा कर देखे थे , एक एक स्टेप गौर से देखे आउउर सीखे थे कि किस्से चौका -छक्का लगते ही ऊ में आउउर ऊ लडिका सब एकदम धमाल नाचे लगता था। बस हम त तभी फ़ाइनल कर लिए कि एक दिन ई नचनिया टीम में हम जरूर शामिल होई जायेंगे। फिर जब अपना इहाँ बीस -बीसिया मैच हुआ त नाचानियाँ सब एकदम बेकार था। जान रहे हैं तभी हमको चांस दिया आ हो गया हमरा सेलेक्शन॥
अब देखियेगा , जब हम आ हमर टीम अपना परफॉर्मेंस देगी। अचा jholtanma भैया प्रणाम.
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