जैसा कि आप सबको बताया था कि आज ही पारिवारिक कार्यक्रम के तहत जालंधर , होशियारपुर पहुंचा हूं और कल से अमृतसर स्वर्ण मंदिर , जालियांवाला बाग की तैयारी है ..मगर वो ब्लॉगर ही क्या जो ..मेहमान होने के बावजूद भी ..मेजबान के घर से एक पोस्ट न ठेल दे । आज समय कम है इसलिए ..फ़िलहाल पीजीए ..दो बूंद जिंदगी के__________________________________________________लाल शर्ट ....पीली निक्करएक जहाज का कैप्टन अपने जहाज पर घूम रहा था , तभी उसकी जहाज का एक नाविक सेनानी दौडता हुआ आया कहा ," सर दुश्मन देश का जहाज आ रहा है "कैप्टन "जाओ मेरी लाल रंग की शर्ट ले कर आओ जल्दी "कुछ देर में सेनानी व शर्ट पहन लेता है । दुशमनों के साथ टकराव में भारी गोलियां चलती हैं । लडाई खत्म होने के बाद सेनानी पूछता है , सर आपकी लाल शर्ट पहनने का मतलब ?कैप्टन ..देखो मैं नहीं चाहता था कि यदि लडाई के दौरान मुझे गोली लगने से निकले खून को देख कर सेना का मनोबल गिरे इसलिए ......तभी दौडता हुआ दूसरा सेनानी आया ....सर दुशमन की एक बहुत बडी पलटन और लगभग पूरी नौसेना ही इस तरफ़ आ रही है .....कैप्टन , थोडी देर सोचने के बाद ," अरे देखते क्या हो इस बार मेरी पीली निक्कर ले कर आओ जल्दी "____________________________________________________________________तेरी मां को बताती हूंलडका :- सुनिए क्या आप अपनी डेयरी मिल्क का एक बाईट मुझे देंगी ..लडकी :-क्या मैं आपको जानती हूंलडका :- नहीं , लेकिन मेरी मां कहती है कोई भी शुभ काम करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिएलडकी उसे एक बाईट देते हुए पूछती है , " वैसे कौन सा शुभकाम करने जा रहे है आप ?लडका : सोच रहा हूं , आपको घर छोड दूं......लडकी ......कुछ देर बाद , " ये पहले पकड सौ का नोट और जाकर बाल कटवाओ डूड ...बस स्टॉप पे खुद खडा है और मुझे छोडने की बात कर रहा है , अभी तेरी मूंछे आई नहीं है ठीक से और चला है मुझे छोडने के लिए , पटाने के लिए , एक टुकडा दे दिया तो सर पे चढ गया है ..ऐसा कर तू मुझे अपने घर ही ले चल , तेरी मां को बताती हूं कि कितने शुभ काम करता रहता है तू ..?____________________________________________________________सरकार जिसके पांच बच्चों होंगे उसे घर देगी ।लपटन जी के तीन थे , उन्होंने फ़ौरन ही अपनी बहुरिया ....झोरहटनिया से कहा , " पडोस के दो भी मेरे ही हैं , मैं ले आता हूं ।लपटन जी दौड के दो बच्चे ले आए, और झोरहटनिया से कहा , लो ये रहे दोनों , वो तीनों कहां हैंझोरहटनिया , " उन्हें तो वे ले गए जिनके वे थे "____________________________________________________________________समझसमझ तो तू गया ही होगाएक लाला जी जिस रास्ते से गुजरते थे उस रास्ते पर एक पोपट जी महाराज अपनी भविष्य बताने की दुकान लगाए रहते थे , पोपट तोता जैसे ही लाला जी को देखता , उन्हें जी भर के गालियां निकालता ..हरामी , कमीने ..तेरी.........। लाला जी ने गौर किया तो पाया कि वो पोपट सिर्फ़ उन्हें गाली देता था । लाला जी ने पोपट महाराज से इसकी शिकायत कर दी , पोपट महाराज ने लाला जी कहा मैं समझा दूंगा अब नहीं बकेगा ।अगले दिन वो लाला जी फ़िर वहीं से गुजरे , देखा तो तोता कुछ भी नहीं बोला , वे बडे प्रसन्न हुए ..थोडा आगे बढकर , मुड कर पोपट की तरफ़ देखा तो पोपट बोला , "हें हें हें .....अबे समझ तओ तू गया ही होगा कि ..........""____________________________________________________________________पत्नी पति का प्यारपत्नी : पिछली बार मेरे जन्मदिन पर आपने कितना खूबसूरत लोहे का बडा पलंग दिया था ...इस बार क्या दे रहो हो ??पति : सोच रहा हूं कि इस बार उसमें करंट छोड दूं-------------------------------एक वयक्ति की पत्नी का अपहरण हो गया , एक दिन बाद एक डब्बा उसके घर पर आया , उसमे से एक कटी हुई उंगली निकली । थोडी देर बाद फ़ोन आया ,"देख लिया न सबूत "नहीं मुझे और सबूत चाहिए , मुंडी काट कर भेज दो--------------------------------------------------------------------------------डॉ. पति से :-आपकी पत्नी अब सिर्फ़ पांच मिनट की मेहमान हैंपति मायूसी से , " कोई बात नहीं डॉ साहब जब पच्चीस साल निकल गए तो पांच मिनट भी निकल ही जाएंगे________________________________________________________________पत्नी सुबह सुबह गुस्से में , कल तु मुझे नींद में गालियां बक रहे थेपति : नहीं नहीं तुम्हें गलतफ़हमी हुई है ?पत्नी : कैसी गलतफ़हमी ?पति : यही कि मैं उस समय नींद में था ।____________________________________________________________________होनहार विद्यार्थीविद्यार्थी :- हम कभी पढ न सके , क्योंकि पढाई सिर्फ़ दो वजह से होती है , एक शौक से दूसरा डर से ।फ़ालतू के शौक हम पालते नहीं , और डरते तो किसी के बाप से नहीं ॥_________________________________________________________________स्वादिष्टआदिवासी क्षेत्र में एक नए शिक्षक साहब की नियुक्ति हुई ।स्कूल के पहले दिन ही मा स्साब ने बच्चों से पूछा " बच्चों पिछले मा स्साब कैसे थे ?सभी बच्चों ने एक साथ जवाब दिया , " स्वादिष्ट थे "-------------------------------------------------मास्टरजी , विद्यार्थी से " कोई रोमांटिक शेर सुनाओ ॥विद्यार्थी :-मोटा मरती मोटी पे ,भूखा मरता रोटी पे ,मास्टर जी की दो बेटियां ,मैं तो मरता छोटी पे ..॥बस आज लिए ......दो बूंद जिंदगी के .....हायं ...टीपना जरूर सनम ...चाहे टाईम कितना हो कम ......ओह ये कुछ कुछ एड टाईप का हो गया ....
फ़ॉलोअर
गुरुवार, 14 अक्टूबर 2010
दो बूंद जिदगी के झाजी पिला रहे हैं , घर से बाहर हैं फ़िर भी पोस्टिया रहे हैं ......
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
4/10
जवाब देंहटाएंमनोरंजक - टाईम पास
हा हा हा ...पिली नेकर :) :)
जवाब देंहटाएंपांच बच्चे ...:):):)
काफी अच्छी रही यह दो बूँद
ब्लॉग कसम अजय भाई, आपने तो कमाल ही कर दिया। बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएं................
वर्धा सम्मेलन: कुछ खट्टा, कुछ मीठा।
….अब आप अल्पना जी से विज्ञान समाचार सुनिए।
इन दो बूंदों के लिए हमने भी मुँह कोल ही लिया!
जवाब देंहटाएंसही है अजय भाई .....लतीफे है खूब मस्त मस्त .... एकदम आप की ही तरह !
जवाब देंहटाएंबहुत जोरदार!! मजेदार पोस्ट ।आनंद आ गया।
जवाब देंहटाएंये दो बूंद तो बडी कारगर निकलीं।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी आये
www.deepti09sharma.blogspot.com
झा जी लगता है की पत्नी के रिश्तेदारों के घर गये है पत्नी का सारा गुस्सा चुटकुलों में यहाँ निकाल रहे है | झा जी ये भी चुटकुला ही था गंभीरता से मत ले लीजियेगा |
जवाब देंहटाएंसुन्दर संग्रह।
जवाब देंहटाएंमस्त हे जी आप की दो बुंद धन्यवाद
जवाब देंहटाएंmazedaar jokes...thanks.
जवाब देंहटाएंहा हा!!
जवाब देंहटाएंरोमांटिक शेर तो बहुते रोमांटिक है झा जी. :)
हे हे, पहिले सनम हटाइए...
जवाब देंहटाएं:) :)
जवाब देंहटाएंवाह , खुद भी मज़े उड़ा रहे हैं ।
जवाब देंहटाएंऔर हमें भी हंसा रहे हैं ।
हम तुमसे मुहोब्बत करके सलम....:)
जवाब देंहटाएंदुर्गा अष्टमी एवम दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम
जवाब देंहटाएंविजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
आपकी पोस्ट ब्लॉग4वार्ता पर