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गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

तो क्या बीते जमाने की बात हुई ब्लॉग लेखन

 







पिछले काफी समय से एक व्हाट्स एप समूह से जुड़ा हुआ हूँ जो अपने ही ब्लॉगर मित्र बंधुओं ने बनाया था और उसमें  सौ से अधिक संख्या में ब्लॉगर साथी न सिर्फ जुड़े हुए हैं बल्कि नियमित रूप से कुछ न कुछ साझा भी करते हैं , हाँ ये देख कर अब हैरानी या हताशा भी नहीं होती कि साल भर में भी कोई इक्का दुक्का पोस्ट , सिर्फ ब्लॉग पोस्ट लिखी और साझा की जाती तो और भी आनंद आता लेकिन अब ब्लॉग लेखन वो भी हिंदी ब्लॉग लेखन भी अन्य माध्यमों के आने से आउट डेटेड हो गया है क्या ??






क्या कोई भी सच में ही ब्लॉग लेखन नहीं कर रहा , पहली नज़र में देखें तो लगता तो ऐसा ही है , लेकिन जब मैं ब्लॉगर के अपनी पसंद के ब्लॉग पठन की सूची देखता हूँ तो पाता हूँ कि कोई तो है , बल्कि कई लोग हैं जो आज भी अब भी कभी नियमित अनियमित होकर या गाहे बेगाहे ही लिखते जरूर हैं।  

लिखने की बात से याद आया कि इन दिनों जापान कोरिया समेत कई देशों में लिखने पढ़ने और विशेषकर हाथ से लिखने पर दोबारा जोर देने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं।  असल में टाइपिंग , कंप्यूटर और मोबाइल तकनीक ने  आपसी सम्प्रेषण में लिखने की जगह टाइप करने या सिर्फ बोलने तक सीमित कर दिया है। 

इन देशों के शिक्षाविदों का ये भी मानना है कि आज भी दुनिया भर में पुस्तकों , ग्रंथो, , अखबारों और पत्रिकाओं का एक बहुत ही व्यापक प्रसार और प्रभाव है जिसे बचाए और बनाए रखने के लिए जरूरी है कि लोग लिखें और खूब लिखें और इसके लिए वे किसी भी यंत्र या तकनीक के मोहताज न बन कर रह जाएं।  

सरकारी दफ्तरों , और अन्य संस्थानों में तो अब हाथ से लिखने , रजिस्टर में दाखिला करने आदि की परम्परा कम्प्यूटरीकरण के बाद से बिलकुल ही समाप्त हो गई है या धीरे धीरे होती जा रही है , अलबत्ता बैंक के कई फ़ार्म और किताबों की पांडुलिपि अब भी बहुत लोग हाथ से ही लिख लेते हैं लेकिन देखना है कब तक।  


मैं खुद अपने किसी भी ब्लॉग पर पिछले एक साल से लगभग न के बराबर ही कुछ भी लिख पाया , और आप ?????


शनिवार, 8 जुलाई 2017

मन खुद का मस्त रहने दो .....



बहती नदी के संग तू बहता जा ,
मन तू अपने मन की कहता जा ,
न रोक किसी को ,न टोक किसी को,
थोडा वो झेल रहे ,थोडा तू भी सहता जा ..

वर्तमान में सोशल नेट्वर्किंग साईट्स पर ,उपस्थति बनाए रखने , किसी भी वाद विवाद में पड़ने , तर्क कुतर्क के फेर में समय खराब करने से बहुत बेहतर यही है , कि हम आप जिस भी विषय अपर लिखें , वैसे , जैसा कि मित्र और तकनीक गुरु पाबला जी अक्सर कहा करते थे कि , धर्म और राजनीति दो ऐसे विषय हैं जिनपर वे लिखना कभी नहीं पसंद करते , इन दोनों ही विषय का यूं तो हमेशा से ही विमर्श में विवाद का लाजिमी होना जैसा है , किन्तु वर्तमान में तो स्थति इतनी विकट हो चुकी है कि लगता है मानो



राजनीति के तेजाबी छीटें , अवाम की ओढी केंचुली ,बखूबी उतार रहे हैं |


और इसका एक परिणाम ये हो रहा है कि ,सभी जहर उगल रहे हैं ,सभी , हो सकता है जाने अनजाने हम भी | कथ्यों और कथनों के अर्थ और अनर्थ दोनों ही इतनी तीव्र गति से तर्क कुतर्क के सहारे , भ्रामक जानकारियों और अफवाहों के रथ पर सवार होकर सिर्फ कुछ ही क्षणों में , सब कुछ तहस नहस करके विनाश का तांडव शुरू हो जाता है | उदाहरण तलाशने के लिए ज्यादा दूर और देर तक देखने की ज़हमत नहीं उठानी पड़ेगी | तो फिर ,कहीं से ऐसे में मन के भीतर से ही एक आवाज़ आकर कहती है


दुनिया करे सिर्फ फुटौव्वल तो , उसको पस्त रहने दो ,
अपनी दुनिया में रमे रहो , मन खुद का मस्त रहने दो .....

रविवार, 2 जुलाई 2017

ब्लॉग को भी समय दिया करो ..




कुछ फुटकर नोट्स

                    चार दिन की ज़िंदगी,संभाल के खर्च किया करो,
            व्हाट्सअप ,फेसबुक,के साथ ब्लॉग को भी समय दिया करो ..

आप लौट रहे हैं न अपने अपने अंतर्जालीय डायरी को देखने , उन्हें दुरुस्त चुस्त करके महीने में कम से कम एक पोस्ट (मुझे यकीन है कि इसे साप्ताहिक और दैनिक देर नहीं लगेगी )लिखने , उपलब्ध पोस्टों को पढने और टिप्पणी करने की शुरुआत भर से . हिंदी ब्लॉग्गिंग पुनः. अपनी बुलेट ट्रेन की रफ़्तार पकड़ लेगी |


#हिन्दी_ब्लॉगिंग.....आज से देश ,और विदेश भी ,के तमाम बड़े बड़े मल्टीप्लेक्स ब्लॉग में ,कमाल कमाल की पोस्टें , कहानी , कविता , शेर , ग़ज़ल , आलेख , समाचार और सब कुछ , पाठकों के लिए , प्रदर्शन को तैयार हैं ......| और आप ,
पढ़िए .......ब्लॉग पोस्ट
लिखिए .....ब्लॉग पोस्ट
टीपीए .....ब्लॉग पोस्ट पर
और ब्लॉग्गिंग करते रहिये ...ब्लॉग्गिंग जिंदाबाद |

..ब्लॉग पोस्ट पढ़ते समय जो एक अनुभव मुझे हुआ है , वो ये कि ,ब्लॉग्गिंग की गति का मंथर होने का एक बड़ा कारण , पाठकों की उदासीनता ...और विशेषकर उन पाठकों की तो जरूर ही जो पढ़ के प्रतिक्रियाविहीन होकर निकल जाते हैं |अब जबकि सभी ब्लोगर्स का मन दोबारा से ब्लॉग लेखन में सक्रिय होने जा रहा है तो पुनः मुझे यही एहसास लग रहा है |
 
पहले की तरह , पहेली प्रतियोगिता , चित्र पहचानो प्रतियोगिता , सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता ...और जाने कैसी कैसी नई नई खुराफात किन्तु बेहद उपयोगी ब्लॉगर रचते बुनते थे और ऐसा समा बंधता था कि बस .....कल रविवार है तो शुरू हो जाइए ..दैनिक , साप्ताहिक , मासिक प्रतियोगिताएं ,..लेकर सामने आ जाइए मैदान में 


किसी को क्या कहीं , हम दोनों भी हैं ,
देखो कुछ खोए खोए
हुआ क्या ओये होए जागे जिया में
अरमान जगे जियामें अरमान ........
आपके जगे या नहीं

#हिन्दी_ब्लॉगिंग वाह , विचार कारगर रहा , सौ से अधिक ब्लॉग पोस्टें मेरे सामने हैं , सबको पढ़ डालना है , इन अवकाश के दो दिनों में || और ये सिर्फ मुझे नहीं बल्कि हमें , हम सबको मिल के करना है , कर पाएं तो गाडी पुनः पटरी पर आ जायेगी , वैसे हिन्दी #हिन्दी_ब्लॉगिंग : निर्बाध रही है , और रहेगी , आज भी खूब पोस्टें लिखी जा रही हैं,,,,
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