हलाँकि शुरू से एक जो बात नियमित रूप से ब्लॉग्गिंग में दिख रही है ...वो है कोई न कोई विवाद ....और वाद विवाद तो एक स्वस्थ और जागरूक समाज की निशानी है .....मगर विवाद भी स्वस्थ और स्पष्ट अर्थों में हो तो सार्थक होता है....इतने बड़े परिवार में मतान्तर होना स्वाभाविक है ...और जरूरी भी...मगर उद्देश्य हमेशा यही होना चाहिए की ...उससे किसी का भला हो न हो ...कम से कम बुरा नहीं हो ...और दूसरी बात जो इन दिनों बहुत ज्यादा देखने में आ रही है ..वो हिंदी ब्लॉग्गिंग पर ..खुद हिंदी ब्लोग्गेर्स के द्वारा ही ..लगातार प्रश्नचिन्ह लगाना ....बात गंभीर है ..और दुखद ये है की प्रवृत्ति बनती जा रही है .....खैर ...इस विषय पर तो मैं अपने दुसरे ब्लॉग पर विस्तार से लिखने का प्रयास करूँगा ..फिलहाल तो आप आज की चिट्ठाचर्चा का आनंद लीजिये ..
यहाँ दिल्ली में पिछले तीन दिनों की लगातार बारिश ने मौसम में थोड़ी सी ठंडक ला दी है ..जबकि ब्लॉग जगत आज काफी गर्मागर्म लग रहा है ...देखिये .....
राज भाई कहते हैं , बस अच्छा लिखते जाओ यार,
टिपण्णी मिले बिलकुल कम , या मिले बेशुमार
विनय पत्रिका में साहित्य पर कुछ है कहा गया,
हमसे तो बिना पढ़े , बिलकुल भी न रहा गया
प्रवीण जी को उनकी बात का, दिया संगीता जी ने जवाब ,
ये पूछ कर कि ,क्यूँ की गयी उनकी छवि खराब
ब्लॉग बुखार से परेशान हैं, बिलकुल मत घबराइये,
अपने चिट्ठे का मुफ्त हेल्थ चेकअप , यहाँ पर करवाइए
ब्लॉग्गिंग में हो रही गाली गलौज का क्या हुआ परिणाम ,
रोमन में की टिपण्णी , हो गया काम तमाम
कोई कहता है बादशाह, कोई कहें हमें डॉन,
अमरीकीयों ने फिर भी पूछा ,आप हैं कौन
इंसानों के पढ़ लिए अब पढिये किस्से भूत के,
हाय क्या लिखा है जालिम, दिल ले गए लूट के
स्वप्न लोक में घुमते हुए , पहुंचे कहाँ से कहाँ ,
जाओ जहां मर्जी चाहे, मगर रहो हमेशा यहाँ
डाकखाने ने अपने सचिन से पूछे हैं कुछ सवाल ,
अरे क्रिकेट के नहीं, पोस्ट के, कैसा हुआ कमाल
प्रधानमंत्री के भाषण में ,न्यायव्यवस्था पर कुछ कहा गया,
देखिये तीसरे खंभे पर , इस बारे में क्या लिखा गया
राजीव भाई को हंसते हंसते , सबने इतना प्यार दिया,
आज उनके ब्लॉग पोस्ट ने सौ का आंकडा पार किया
डाक्टर साहब ने जाकिर साहब को क्या खूब है समझाया,
धर्म और आस्था का अब मतलब समझ में आया
ताऊ जी की पहेली अबकी जीते सुशील कुमार .
मेरिट लिस्ट आ गया जी अबकी नाम हमार
पांच पंक्तियाँ लिख के ये चुप्पी किसने ओढी ,
आप पढ़ के देखिये , ये चुप्पी किसने तोडी
चलती रहे ये जिन्दगी, अलविदा मत कहा करो,
नहीं कहेंगे जी, कभी, आप यूँ ही लिखा करो
लविज़ा की मम्मी को कैसा अनोखा आईडिया आया,
आपम खुद ही देखिये, उसने कैसे इनदेपेंदेंस डे मनाया
आज की चर्चा ..यहीं पर समाप्त करते हैं ...
फ़ॉलोअर
रविवार, 16 अगस्त 2009
कहीं जारी बहस ,कहीं पर द्वंद , आप तो पढिये , चर्चा के ये छंद
शुक्रवार, 14 अगस्त 2009
जय कन्हैया लाल की, पोस्टें हैं कमाल की (चिट्ठी चर्चा )
आप सबको जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई और मुबारकबाद ...इस अवसर पर ना जाने क्यूँ बस एक बात मष्तिष्क में घूम रही है...हम हर साल इन पर्व त्योहारों को तो खूब धूम धाम से मनाते हैं ..कृष्ण को, उनके हर रूप को ....सबको याद करते हैं, उनकी पूजा अर्चना करते हैं ....मगर कृष्ण जीवन की ..कृष्ण के गीता उपदेश की ..गीता के दर्शन की ..याद शायद ही कभी याद आती हो ...खैर ...
आज की चर्चा का लुत्फ़ लीजिये .....
न पढिये , न पसंद कीजिये , और न ही टिपियाइये ,
जन्माष्टमी पर प्रभु के दर्शन कर के आइये
रुकने को किसने कहा , आगे बढ़ते जाइए,
दर्शन तो हो गए, अब कृष्ण लीला , नोश फरमाइए
सबने अपना समय आज इसी में खर्चा है,
चहुँ और नंदलाल की ही तो चर्चा है..
या तो कृष्ण हैं छाये आज , या छाई हुई तकरार ,
आप निकाले खुद ही, रही सार्थक , या हुई बेकार
तिरंगे के कोड को लेकर कुछ ऐसे उठा विवाद,
आप खुद ही देखिये , क्या हुआ इसके बाद
इधर चल रहा वाद विवाद , उधर पकड़ में आया चोर,
पकडो ,पकडो ,माफी मंगवाओ , सब और यही था शोर.
कुछ यादें, कुछ लहरें, उनकी गिनती , मैं और तुम ,
आप भी पढिये मन से , अपने होश कीजिये गुम
ताऊ की पिक्चर का रिलीज हुआ पहला एपिसोड
गब्बर ने ठाकुर से मांग कर गन कर लिया लोड
इक रोमांटिक सी जर्नी , जिसे कहते हैं सफ़र
अनिल भाई की कलम में देखिये कितना है असर
क्यूँ इधर उधर इतना रहे हैं भटक ,
देखिये इस पोस्ट में माँ की रोटियों की महक
ब्लॉगजगत का नन्हा ब्लॉगर , कभी बैठता नहीं बेकार,
आज कर दिया एक बार फिर से टेलीफोन का आविष्कार
वो कह रहे हैं , उसे इल्म नहीं मेरे फोन काल का,
आप खुद ही पढिये , क्या लिखा है , कमाल का ,
इस ब्लॉग के लेखक हैं शब्दों के खिलाडी ,
आज जानिए क्या होता है जोड़तोड़ ,किसे कहते हैं जुगाड़ी
शुकल जी अभी अभी ,अपने इश्टाईल में चर्चियाये हैं,
आप भी देखिये, किस किस को लटकाए हैं ...
एक साबुन से हुई इन्हें अटैचमेंट कितनी इमोशनल ,
एकदम निजी अनुभव हैं, नहीं है प्रोफेशनल
आजादी की संध्या पर स्वतन्त्रता संघर्ष में महिलाओं की भूमिका जानिए,
इनके लिखे का माना है लोहा , पढिये , और आप भी मानिए
पोस्ट ये समर्पित है, वतन के रखवालों को,
शत शत नमन , आजादी के मतवालों को
का का तो कह दिए ,पांडे जी, बुजुर्गियत के बहाने से ,
कौन नहीं दीवाना हुआ , उनके इस फ़साने से
वो कुछ भी कह दें , उसमें होती है कुछ बात ,
आज फिर पहुँची है वो, उसी अदा के साथ
इस देश में न जाने कैसी बन रही परिपाटी ,
निर्दोष पर ही पुलिस भी भांज रही है लाठी
मिसर जी ने भी स्वाईन फ्लू को समर्पित की एक पोस्ट ,
कह रहे ई ससुरे मेहमान का,मौसमवा है जी होस्ट
चलिए आज के लिए इतना ही ..आजादी की सालगिरह पर आप सबको बधाई ...
आज की चर्चा का लुत्फ़ लीजिये .....
न पढिये , न पसंद कीजिये , और न ही टिपियाइये ,
जन्माष्टमी पर प्रभु के दर्शन कर के आइये
रुकने को किसने कहा , आगे बढ़ते जाइए,
दर्शन तो हो गए, अब कृष्ण लीला , नोश फरमाइए
सबने अपना समय आज इसी में खर्चा है,
चहुँ और नंदलाल की ही तो चर्चा है..
या तो कृष्ण हैं छाये आज , या छाई हुई तकरार ,
आप निकाले खुद ही, रही सार्थक , या हुई बेकार
तिरंगे के कोड को लेकर कुछ ऐसे उठा विवाद,
आप खुद ही देखिये , क्या हुआ इसके बाद
इधर चल रहा वाद विवाद , उधर पकड़ में आया चोर,
पकडो ,पकडो ,माफी मंगवाओ , सब और यही था शोर.
कुछ यादें, कुछ लहरें, उनकी गिनती , मैं और तुम ,
आप भी पढिये मन से , अपने होश कीजिये गुम
ताऊ की पिक्चर का रिलीज हुआ पहला एपिसोड
गब्बर ने ठाकुर से मांग कर गन कर लिया लोड
इक रोमांटिक सी जर्नी , जिसे कहते हैं सफ़र
अनिल भाई की कलम में देखिये कितना है असर
क्यूँ इधर उधर इतना रहे हैं भटक ,
देखिये इस पोस्ट में माँ की रोटियों की महक
ब्लॉगजगत का नन्हा ब्लॉगर , कभी बैठता नहीं बेकार,
आज कर दिया एक बार फिर से टेलीफोन का आविष्कार
वो कह रहे हैं , उसे इल्म नहीं मेरे फोन काल का,
आप खुद ही पढिये , क्या लिखा है , कमाल का ,
इस ब्लॉग के लेखक हैं शब्दों के खिलाडी ,
आज जानिए क्या होता है जोड़तोड़ ,किसे कहते हैं जुगाड़ी
शुकल जी अभी अभी ,अपने इश्टाईल में चर्चियाये हैं,
आप भी देखिये, किस किस को लटकाए हैं ...
एक साबुन से हुई इन्हें अटैचमेंट कितनी इमोशनल ,
एकदम निजी अनुभव हैं, नहीं है प्रोफेशनल
आजादी की संध्या पर स्वतन्त्रता संघर्ष में महिलाओं की भूमिका जानिए,
इनके लिखे का माना है लोहा , पढिये , और आप भी मानिए
पोस्ट ये समर्पित है, वतन के रखवालों को,
शत शत नमन , आजादी के मतवालों को
का का तो कह दिए ,पांडे जी, बुजुर्गियत के बहाने से ,
कौन नहीं दीवाना हुआ , उनके इस फ़साने से
वो कुछ भी कह दें , उसमें होती है कुछ बात ,
आज फिर पहुँची है वो, उसी अदा के साथ
इस देश में न जाने कैसी बन रही परिपाटी ,
निर्दोष पर ही पुलिस भी भांज रही है लाठी
मिसर जी ने भी स्वाईन फ्लू को समर्पित की एक पोस्ट ,
कह रहे ई ससुरे मेहमान का,मौसमवा है जी होस्ट
चलिए आज के लिए इतना ही ..आजादी की सालगिरह पर आप सबको बधाई ...
बुधवार, 12 अगस्त 2009
चिट्ठी चर्चा वाली , हमने फिरसे डाली
देश में स्वाइन फ्लू का कहर फैलता जा रहा है....स्कूल , कॉलेज ,सिनेमा, दफ्तर ..सब बंद किये जा रहे हैं...बस एक बात समझ में नहीं आती की ...जब कुछ समय पहले से ही इसकी प्रसार और आक्रमण की खबरें थी तो ..सरकार , स्वास्थ्याजागत ,,,क्यूँ नहीं ...पहले से एहतियात बरत कर ..इसके लिए खुद और जनमानस को तैयार कर सकी....जो भी हो अब तो इश्वर से एक ही प्रार्थना है की ..जल्दी ही ये हालत काबू में आ जाएँ ....
आज की चर्चा आपके लिए पेश है ....
निंदा की जाए चीन की , या दिया जाए धन्वाद ,
इसका फैसला कीजिये , ये पोस्ट पढने के बाद
इन तरही गज़लों को पढिये , आँखें तर कीजिये,
पसंद आयें तो टिप्प्न्नी से पोस्ट को भर दीजिये
शब्दावली में आज अर्थ जानिए अभिवादन का,
दोगुना हो जाएगा , भाषा के रसास्वादन का
तोफा बन गया सोफा , किसको हुआ कबूल ,
पढिये -हंसिये, जो हँसना गए हैं भूल
ब्लॉगजगत की पहली पिक्चर हो रही है रिलीज
ताऊ जी की शोले का टिकट अभी से ले लीजिये प्लीज
वंडरफुल लाईफ है , दुनिया हुई निगोड़ी ,
डाक्टर साहब अपने अंदाज में जो न कह जाएं थोडी
बिना पढ़े ही कैसे पसंद मिली, मनीषा ने किया सवाल
अलबेला जी की साफगोई ने , फिर से किया कमाल
छोटे विवेक जी आज है जनम दिन, आशीष दीजिये,
स्वप्नलोक के नौनिहालों से आप भी मिलिए
इनकी नींद को कौन उड़ा के ले गए ,
सुंदर सी पोस्ट में वे , सबको, बहा के ले गए
थोडा सा ज्ञान पाइए , थोडा सा मनोरंजन ,
आ रहा गूगल का नया सर्च इंजन ..
राष्ट्रकवि और हिंदी के ठाठ देखिये ,
अमर बाबु ने लगाई कैसी वाट देखिये..
शब्दशिखर में वन्देमातरम और मुस्लिम समाज है,
रोज की तरह , फिर से इक सार्थक पोस्ट आज है
क्या है लड़की , मीनू जी बता रही हैं,
समाज को सच का आईना दिखा रही हैं
फटाफट पहुँचिये , आप भी लीजिये इनको पहचान ,
अरे नकदी की भी व्यवस्था है ,इनाम में श्रीमान
कंप्यूटर शब्दावली को बतलाता ब्लॉग ये अनोखा ,
क्यूँ नहीं पहुंचे अब तक , किसने है रोका
कुश भाई ने चर्चा करके नाम रख दिया चर्चु,
बधाई हो कुश मिया, सुना आप बन गए चाचू
हमने पूछा आदि से , और क्या कर रहे हो भाई,
अले अंकल आप भी देखो , खिलोने की कैसी बैंड बजाई
स्वाइन फ्लू की खबर से मनोज जी बोले बाप रे बाप,
इसके अलावा क्या क्या कहा , खुद पढ़ लीजिये आप..
दो बातें एहसास की तन्हाई में कीजिये
मैं ज्यादा क्या कहूँ , आप ही पढ़ लीजिये
अच्छा जी ...राम राम...अपना और अपनों का इस फ्लू के कहर में ध्यान रखिये ....
आज की चर्चा आपके लिए पेश है ....
निंदा की जाए चीन की , या दिया जाए धन्वाद ,
इसका फैसला कीजिये , ये पोस्ट पढने के बाद
इन तरही गज़लों को पढिये , आँखें तर कीजिये,
पसंद आयें तो टिप्प्न्नी से पोस्ट को भर दीजिये
शब्दावली में आज अर्थ जानिए अभिवादन का,
दोगुना हो जाएगा , भाषा के रसास्वादन का
तोफा बन गया सोफा , किसको हुआ कबूल ,
पढिये -हंसिये, जो हँसना गए हैं भूल
ब्लॉगजगत की पहली पिक्चर हो रही है रिलीज
ताऊ जी की शोले का टिकट अभी से ले लीजिये प्लीज
वंडरफुल लाईफ है , दुनिया हुई निगोड़ी ,
डाक्टर साहब अपने अंदाज में जो न कह जाएं थोडी
बिना पढ़े ही कैसे पसंद मिली, मनीषा ने किया सवाल
अलबेला जी की साफगोई ने , फिर से किया कमाल
छोटे विवेक जी आज है जनम दिन, आशीष दीजिये,
स्वप्नलोक के नौनिहालों से आप भी मिलिए
इनकी नींद को कौन उड़ा के ले गए ,
सुंदर सी पोस्ट में वे , सबको, बहा के ले गए
थोडा सा ज्ञान पाइए , थोडा सा मनोरंजन ,
आ रहा गूगल का नया सर्च इंजन ..
राष्ट्रकवि और हिंदी के ठाठ देखिये ,
अमर बाबु ने लगाई कैसी वाट देखिये..
शब्दशिखर में वन्देमातरम और मुस्लिम समाज है,
रोज की तरह , फिर से इक सार्थक पोस्ट आज है
क्या है लड़की , मीनू जी बता रही हैं,
समाज को सच का आईना दिखा रही हैं
फटाफट पहुँचिये , आप भी लीजिये इनको पहचान ,
अरे नकदी की भी व्यवस्था है ,इनाम में श्रीमान
कंप्यूटर शब्दावली को बतलाता ब्लॉग ये अनोखा ,
क्यूँ नहीं पहुंचे अब तक , किसने है रोका
कुश भाई ने चर्चा करके नाम रख दिया चर्चु,
बधाई हो कुश मिया, सुना आप बन गए चाचू
हमने पूछा आदि से , और क्या कर रहे हो भाई,
अले अंकल आप भी देखो , खिलोने की कैसी बैंड बजाई
स्वाइन फ्लू की खबर से मनोज जी बोले बाप रे बाप,
इसके अलावा क्या क्या कहा , खुद पढ़ लीजिये आप..
दो बातें एहसास की तन्हाई में कीजिये
मैं ज्यादा क्या कहूँ , आप ही पढ़ लीजिये
अच्छा जी ...राम राम...अपना और अपनों का इस फ्लू के कहर में ध्यान रखिये ....
मंगलवार, 11 अगस्त 2009
चिट्ठाचर्चा में जो हुआ ये अन्तराल, नेट कनेक्शन ने किया था बेहाल
जी हाँ ,...इरादा तो यही था ..की जब वापसी करेंगे....इस चिट्ठे पर चर्चा की तो कोशिश करेंगे की ..जल्दी से अन्तराल ना आये...और होता भी ऐसा ..मगर हमारे इस इरादे की खबर ..कमबख्त हमारे नेट कनेक्शन वाले को नहीं थी शायद..मुआ लगा नखरे दिखाने ..जब देखो ..डिस्कनेक्टेड...एक दिन दो दिन...एक ब्लॉगर को दो दिनों तक ..ब्लोगों को लिखने-पढने, टीपने जैसे मौलिक अरे नहीं नैटिक अधिकार ..अरे नेट से जुड़े अधिकार भाई .....से वंचित रहे तो काहे का पंद्रह अगस्त जी..हमने भी ..आखिरकार ..उसे फाईनल अल्टीमेटम दे ही दिया..साथ ही ताकीद कर दी की बेटा आज के आज यदि ..हमारा समबन्ध ब्लॉगजगत से स्थापित नहीं हुआ ..तो .उनसे तो कल को हो ही जाएगा ..मगर तुमसे न होगा..जान लो...खैर जैसे तैसे ...गाडी पटरी पर आ गयी....तो लीजिये हाजिर है ..हमारे अंदाज वाली चिट्ठी चर्चा ...
अभी हाल ही में पी डी बाबु गए घूमने पटना,
कैसे बना दोस्त पत्रकार , पढिये अद्भुत घटना
यदि ब्लॉग्गिंग की किसी भी समस्या से आप हैं परेशान,
इस क्लीनिक में हर रोग का होता है निदान
इस पोस्ट को पढ़ के आप हो जायेंगे हैरान,
अरहर की जीवनी का अद्भुत किया बखान
एक साल पूरे हुए इनके ...कैसे आये मन में भाव ...
किलो भर बधाई दें , ..टिप्प्न्नी एक पाव
अखबारों में हिंदी का मालिक भगवान् है...
नीचे वालों की हरकत से पाठक परेशान है ..
भाटिया जी को मातृशोक हुआ , दुःख बड़ा है भारी,
मुझे भी याद आ गयी ,अपनी माता प्यारी
सोसायटी को नहीं है दिक्कत ,,हाशमी को मिला मकान ,
बात से कैसे बनती है बतंगड़ ..आप लीजिये जान
आलसी के चिट्ठे पर बाऊ कथा है जारी ..
गिरिजेश जी की शैली , साहित्य जगत पर भारी
शुकल जी ने चर्चा कर दी, कहते हैं जैसी तैसी .
हमसे पूछिए तो हमें चाहिए रोज चर्चा ऐसी
नीतिश कुमार भी कट्टा निकले , नहीं तोप का गोला ,
ये तो उसका सच है भाई, मैंने कुछ नहीं बोला ...
राखी सावंत की पंचवर्षीय योजना का यहाँ पढिये संवाद ,
हाय राखी तूने कर दिया , किस किस को बर्बाद
पूछ रहे हैं मोहन जी मन से , अंधा प्यार है या इंसान,
हम तो दोनों श्रेणी में आ गए, क्या उत्तर दें श्रीमान
मुन्ना भाई, पिक्चर नहीं जी. इस पोस्ट का मजा लीजिये..
अरे हुजूर कभी कभी तो आप भी हँसा कीजिये
इसको पढिये , ये मत सोचिये , सिर्फ दो हजार का किस्सा है ,
आज न जाने कितने लोगों के यही जीवन का हिस्सा है
आज अदा ने लिखा कैसी सौलिड पोस्ट रे बाप,
क्या भाषा , क्या शैली , खुद देखिये आप....
सुना है किसान भी ब्लॉग लिखने लगे हैं,
अजी लिखने क्या , वे तो छपने लगे हैं
पंद्रह अगस्त के मौके पर बेरोजगार ने एक अनोखी पोस्ट कर दी पेश,
गुस्से में कहते हैं ..ये हाल रहा तो , इक दिन भाड़ में जाएगा देश
अच्छा जी अब ख़त्म करें बहुत हुई अब रात ....
इतना वादा करते हैं , अब रोज रहेंगे साथ ......
अभी हाल ही में पी डी बाबु गए घूमने पटना,
कैसे बना दोस्त पत्रकार , पढिये अद्भुत घटना
यदि ब्लॉग्गिंग की किसी भी समस्या से आप हैं परेशान,
इस क्लीनिक में हर रोग का होता है निदान
इस पोस्ट को पढ़ के आप हो जायेंगे हैरान,
अरहर की जीवनी का अद्भुत किया बखान
एक साल पूरे हुए इनके ...कैसे आये मन में भाव ...
किलो भर बधाई दें , ..टिप्प्न्नी एक पाव
अखबारों में हिंदी का मालिक भगवान् है...
नीचे वालों की हरकत से पाठक परेशान है ..
भाटिया जी को मातृशोक हुआ , दुःख बड़ा है भारी,
मुझे भी याद आ गयी ,अपनी माता प्यारी
सोसायटी को नहीं है दिक्कत ,,हाशमी को मिला मकान ,
बात से कैसे बनती है बतंगड़ ..आप लीजिये जान
आलसी के चिट्ठे पर बाऊ कथा है जारी ..
गिरिजेश जी की शैली , साहित्य जगत पर भारी
शुकल जी ने चर्चा कर दी, कहते हैं जैसी तैसी .
हमसे पूछिए तो हमें चाहिए रोज चर्चा ऐसी
नीतिश कुमार भी कट्टा निकले , नहीं तोप का गोला ,
ये तो उसका सच है भाई, मैंने कुछ नहीं बोला ...
राखी सावंत की पंचवर्षीय योजना का यहाँ पढिये संवाद ,
हाय राखी तूने कर दिया , किस किस को बर्बाद
पूछ रहे हैं मोहन जी मन से , अंधा प्यार है या इंसान,
हम तो दोनों श्रेणी में आ गए, क्या उत्तर दें श्रीमान
मुन्ना भाई, पिक्चर नहीं जी. इस पोस्ट का मजा लीजिये..
अरे हुजूर कभी कभी तो आप भी हँसा कीजिये
इसको पढिये , ये मत सोचिये , सिर्फ दो हजार का किस्सा है ,
आज न जाने कितने लोगों के यही जीवन का हिस्सा है
आज अदा ने लिखा कैसी सौलिड पोस्ट रे बाप,
क्या भाषा , क्या शैली , खुद देखिये आप....
सुना है किसान भी ब्लॉग लिखने लगे हैं,
अजी लिखने क्या , वे तो छपने लगे हैं
पंद्रह अगस्त के मौके पर बेरोजगार ने एक अनोखी पोस्ट कर दी पेश,
गुस्से में कहते हैं ..ये हाल रहा तो , इक दिन भाड़ में जाएगा देश
अच्छा जी अब ख़त्म करें बहुत हुई अब रात ....
इतना वादा करते हैं , अब रोज रहेंगे साथ ......
शनिवार, 8 अगस्त 2009
चलो जी ,ये हफ्ता भी हो गया ख़तम ,,चिट्ठी चर्चा लेकर फिर से आ गए हम.
मेरा हमेशा ही मानना है कि..किसी भी बात को देखने के दो नजरिये होते हैं..एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक...ऐसा हो सकता है कि हमेशा ही ऐसा न होता हो..मगर अधिकांशतः तो होता ही है..और कुछ लोगों को न जाने क्यूँ ..सिर्फ नकारात्मक नज़रिया ही पसंद है..जब देखो तब एक ही रवैय्या..हो सकता है कि इस बार सामने वाला कुछ और ही कहना चाहता हो..या कि आप पहले से ही मान के चलते हैं कि ..नहीं जी ये तो वही बात है ..जैसा हम सोच रहे हैं..और एक पल को यदि मान भी लिया जाए कि सचमुच ही गलत है...तो उसके विरोध के भी कई रास्ते हैं...हर वक्त हाथों में पत्थर लेकर बैठे रहना..कहाँ की इंसानियत है...मुझे लगता है कभी कभी ..मेरे लिए तो अक्सर ही फूलों से भी बात बन जाया करती है...और पत्थर भी फेंकना हो तो रेशम में लपेट लें ...देखिये कितना गहरा असर होता है...न जाने किस बात से प्रेरित होकर ये सब कह गया.
आप तो चिट्ठीचार्चा का मजा लीजिये
ब्लॉग बुखार नापने को इक नया थर्मामीटर आया,
इस अद्भुत ब्लॉग से,पाबला जी ने , फिर से लोहा मनवाया ...
सायकल चलानी की प्रथा बेशक कम हो रही आज,
बाल संसार में खुल गया सायकल का सब राज
स्त्री विमर्श में आज की बागी लड़कियों की दास्तान..
नहीं पढ़ा , तो क्या पढा....आपने श्रीमान...
ना नेकी बची , न बचा है कुँआ, दोनों हुए ख़तम,
विवेक भाई की पोस्ट से सम्मझ गए जी हम..
पंद्रह अगस्त नजदीक है, मुर्गियों का गणतंत्र देखिये,
आप भी ऐसे ही साईन बोर्ड लगा कर अपना माल बेचिए
बुलडोज़र पहुंचा घर गिराने महिला पत्रकार का,
नया तमाशा देखिये बहन जी की सरकार का
ताऊ की पहेली ने फिर सबको है घुमाया,
और उनकी रामप्यारी ने बस में है बैठाया,
दो दो बार हिंट दिए कोई काम न आया,
मैंने खुद कई बार गूगल बाबा को दौडाया
अदा की अदाकारी का फिर देखिये चमत्कार,
मुहावरों के प्रयोग से कर दी अद्भुत पोस्ट तैयार
भागिए जल्दी जल्दी , स्वाइन फ्लू है आया...
बचने-फंसने पर क्या खूब कार्टून है बनाया
आप भी अपने बीच के इन ब्लॉगर को पहचानिये,
अजी कैश इनाम की घोषणा है ,ये भी तो जानिए,,
तीसरा खम्भा पर छपा आज एक अनोखा ही विवाद है
दहेज़ लेना ही नहीं , दहेज़ देना भी अपराध है ..
वर्मा जी ने फिर लेखनी से किये हैं तीखे वार ..
कहते हैं ,उम्मीद से भी आधे हुए हैं बलात्कार ,
शुकल जी ने आज इक टुईयाँ सी चर्चा दी है बांच
झूम झूम के चर्चा में शकीरा रही है नाच
खेलगढ़ ने पोस्टों की तीसरी सेंचुरी है जमाई.
देर किस बात की दे दीजिये बधाई
आप खुद ही जानिए असली अर्थ हाथ मिलाने,
ये अच्छा मौका है, पढने और टिपियाने का
राम जी ने इस पोस्ट में पंक्तियाँ उकेरी ख़ास हैं..
जितनी बार पढिये , मिटती नहीं ये प्यास है
इन्होने अपनी डायरी के पन्नो से इक पोस्ट निकाली प्यारी,
वो तब कहते थे , हम अब , आ गयी देखो बरसात की बारी
सफ़र ठीक कटेगा पक्का , यदि साथी हो सवारी,
पत्नी के भरोसे ही , चलती रहे ये गाडी
कह रही हैं डाक्टर पूजा जी, ढल गयी इक और शाम,
आप भी पढ़ लीजिये ,दिल को मिले आराम
ये साजिश है कुछ और है ,,आप खुद कीजिये तय ,
जाइए जल्दी दूर कीजिये , इनके मन का भय ...
पोस्ट को पढिये , चिंतन -मनन को आँखें कीजिये बंद,
निर्मल जी की लेखनी का खूब लीजिये आनंद
डंके की चोट पर गूगल का इन्होने कर दिया है त्याग .
चिंगारी है सुलग उठी, अभी और फैलेगी आग..
अच्छा जी राम राम..सन्डे की सनसनाती चर्चा के साथ कल मिलते हैं...
आप तो चिट्ठीचार्चा का मजा लीजिये
ब्लॉग बुखार नापने को इक नया थर्मामीटर आया,
इस अद्भुत ब्लॉग से,पाबला जी ने , फिर से लोहा मनवाया ...
सायकल चलानी की प्रथा बेशक कम हो रही आज,
बाल संसार में खुल गया सायकल का सब राज
स्त्री विमर्श में आज की बागी लड़कियों की दास्तान..
नहीं पढ़ा , तो क्या पढा....आपने श्रीमान...
ना नेकी बची , न बचा है कुँआ, दोनों हुए ख़तम,
विवेक भाई की पोस्ट से सम्मझ गए जी हम..
पंद्रह अगस्त नजदीक है, मुर्गियों का गणतंत्र देखिये,
आप भी ऐसे ही साईन बोर्ड लगा कर अपना माल बेचिए
बुलडोज़र पहुंचा घर गिराने महिला पत्रकार का,
नया तमाशा देखिये बहन जी की सरकार का
ताऊ की पहेली ने फिर सबको है घुमाया,
और उनकी रामप्यारी ने बस में है बैठाया,
दो दो बार हिंट दिए कोई काम न आया,
मैंने खुद कई बार गूगल बाबा को दौडाया
अदा की अदाकारी का फिर देखिये चमत्कार,
मुहावरों के प्रयोग से कर दी अद्भुत पोस्ट तैयार
भागिए जल्दी जल्दी , स्वाइन फ्लू है आया...
बचने-फंसने पर क्या खूब कार्टून है बनाया
आप भी अपने बीच के इन ब्लॉगर को पहचानिये,
अजी कैश इनाम की घोषणा है ,ये भी तो जानिए,,
तीसरा खम्भा पर छपा आज एक अनोखा ही विवाद है
दहेज़ लेना ही नहीं , दहेज़ देना भी अपराध है ..
वर्मा जी ने फिर लेखनी से किये हैं तीखे वार ..
कहते हैं ,उम्मीद से भी आधे हुए हैं बलात्कार ,
शुकल जी ने आज इक टुईयाँ सी चर्चा दी है बांच
झूम झूम के चर्चा में शकीरा रही है नाच
खेलगढ़ ने पोस्टों की तीसरी सेंचुरी है जमाई.
देर किस बात की दे दीजिये बधाई
आप खुद ही जानिए असली अर्थ हाथ मिलाने,
ये अच्छा मौका है, पढने और टिपियाने का
राम जी ने इस पोस्ट में पंक्तियाँ उकेरी ख़ास हैं..
जितनी बार पढिये , मिटती नहीं ये प्यास है
इन्होने अपनी डायरी के पन्नो से इक पोस्ट निकाली प्यारी,
वो तब कहते थे , हम अब , आ गयी देखो बरसात की बारी
सफ़र ठीक कटेगा पक्का , यदि साथी हो सवारी,
पत्नी के भरोसे ही , चलती रहे ये गाडी
कह रही हैं डाक्टर पूजा जी, ढल गयी इक और शाम,
आप भी पढ़ लीजिये ,दिल को मिले आराम
ये साजिश है कुछ और है ,,आप खुद कीजिये तय ,
जाइए जल्दी दूर कीजिये , इनके मन का भय ...
पोस्ट को पढिये , चिंतन -मनन को आँखें कीजिये बंद,
निर्मल जी की लेखनी का खूब लीजिये आनंद
डंके की चोट पर गूगल का इन्होने कर दिया है त्याग .
चिंगारी है सुलग उठी, अभी और फैलेगी आग..
अच्छा जी राम राम..सन्डे की सनसनाती चर्चा के साथ कल मिलते हैं...
मंगलवार, 4 अगस्त 2009
मंगल भवन अमंगल हारी , हे ब्लॉगर चर्चा हुई तिहारी
कुछ मौसम हमारे यहाँ कभी नहीं बदले ..मसलन बरसात ..मेरी स्मृति में आज तक कोई ऐसी बरसात नहीं गयी जब देश के किसी कोने में..... कहीं न कहीं बाढ़ ना आयी हो....अब ये मौसम की दृढ़ता है ..या हम मनुष्यों की धृष्ट ता ...ये तो स्वयं इश्वर ही जाने..बरसात का जिक्र नहीं बदलने वाले मौसमों में इसलिए किया है क्यूंकि सर्दी और गर्मी को तो अब बहुत बदलते हुए देख रहा हूँ..खासकर जब से दिवाली में गर्मी के कारण शर्ट भी भारी लग रही थी..खैर..जिस तरह कुछ मौसम कभी नहीं बदले ..उसी तरह ..अपने देश में कुछ त्य्हारों का स्वरुप भी कभी नहीं बदला ..और मुझे यकीन है की ...ये बदलेगा भी नहीं..जैसे की रक्षाबंधन ..आप सबको ..इस पवित्र दिवस पर ..इस अटूट बंधन की बहुत बहुत शुभकामना...मुझे इस दिन अपनी स्वर्गवासी दीदी की बहुत याद आती है ..और अब भी इस दिन ..पूरे दिन में कभी न कभी ..रो तो पड़ता ही हूँ...कल मेरी बिटिया भी अपने भैया को राखी बांधेगी जो उसकी पहली राखी होगी ..एक बार फिर आप सबको बधाई और शुभकामना ..अब चर्चा करते हैं ..
चिट्ठाचर्चा आज विवेक जी के रंगी हुई रंग ,
क्या कीजिये यदि विवाह के दिन टूट जाए पलंग
स्वयंवर के तुंरत बाद , ब्लॉगजगत में राखी का पहला साक्षात्कार
शेफाली जी ने लिया है ,,ख़ास आपके लिए ही सरकार...
जाने कौन कौन से दर्द समेटे फुर्सत से इत्ता लिखा होगा,
आप भी देख लीजिये , जिसने छेड़ा होगा, वो पिटा होगा
पांडे जी आज खुलमखुल्ला , अपना एड्रेस कर दिए पोस्ट ,
आप में है हिम्मत , तो जरा उनके घर पहुँच दिखाओ दोस्त
हंसते हंसते एक हॉकर ने सच्ची बात है बतलाई,
अविनाश भाई के शब्दों की देख ली गहराई
पिता हुए अवकाशप्राप्त , पुत्र ने दिया सम्मान ,
पिता पुत्र प्रेम से सजी ये पोस्ट पढिये श्रीमान
किशोर दा को याद करती अनोखी ये पोस्ट है आयी
उनको समर्पित करके राजीव जी ने है लगाई
अलबेला जी की अलबेला अंदाज सब होते हैं हैरान ,
इस पोस्ट में देखिये , कैसे खुदा , बन सकता इंसान
शास्त्री जी ने हायकू लिखा ,क्या सुर है क्या लय,
हायकू है , क्षणिकाएं, या त्रिवेणी , सब कर रहे हैं तय
राखी के स्वयंवर का अगला एपिसोड है दिखाया,
इसी बहाने इस मुद्दे का तगडा बैंड बजाया
ये नन्ही सी गुडिया देखिये कहाँ घूम कर आयी,
अपनी यात्रा की , लाविज़ा ने सुन्दर पोस्ट लगाई.
शादी के लिए जरूरी नहीं है कुण्डली को मिलाना ,
बस आपको आता हो , सबके लिए खाना पकाना
उनकी ये लेखनी दिल को लुभाने लगी है ,
वो कहते हैं गजलें थपकी दे सुलाने लगी हैं
संजय जी पूछ रहे ..टैक्स काहे हो भरते ,
पढ़ कर यही लगा ,,सब हैं गलती करते
ये कह रहे हैं ब्लॉग्गिंग से लाखों -करोडों कमाइए ,
जो कमा रहे हैं , हमारा हिस्सा भी दिलवाइये
दस पंक्तियों में अद्भुत रिश्तों की परिभाषा ,
पसंद ये पोस्ट आयेगी , हमको है ये आशा
जानिए श्यामल जी क्या है आकांक्षा ,
पढिये-टिपिये , आपसे यही है अपेक्षा
इनकी गुजारिश है इनकी पीठ को दिवार ना बनाया जाए
इसलिए जो भी लिखना है, पोस्ट पर ही टिपियाया जाये
इरफान जी आज फिर ये गजब का कार्टून बनाया,
छोडा बैंड जनरल ने , तबला है बजाया ..
जो इस पोस्ट की चर्चा दोबारा न की तो ये चर्चा रहेगी अधूरी ,
विवेक भाई ने सुबह वाली चर्चा अब कर दी है पूरी
चलिए आज के लिए इतना ही ..कल अपनी बहनो और अपने भाइयों के साथ प्यार/स्नेह/ बांटिये ......
चिट्ठाचर्चा आज विवेक जी के रंगी हुई रंग ,
क्या कीजिये यदि विवाह के दिन टूट जाए पलंग
स्वयंवर के तुंरत बाद , ब्लॉगजगत में राखी का पहला साक्षात्कार
शेफाली जी ने लिया है ,,ख़ास आपके लिए ही सरकार...
जाने कौन कौन से दर्द समेटे फुर्सत से इत्ता लिखा होगा,
आप भी देख लीजिये , जिसने छेड़ा होगा, वो पिटा होगा
पांडे जी आज खुलमखुल्ला , अपना एड्रेस कर दिए पोस्ट ,
आप में है हिम्मत , तो जरा उनके घर पहुँच दिखाओ दोस्त
हंसते हंसते एक हॉकर ने सच्ची बात है बतलाई,
अविनाश भाई के शब्दों की देख ली गहराई
पिता हुए अवकाशप्राप्त , पुत्र ने दिया सम्मान ,
पिता पुत्र प्रेम से सजी ये पोस्ट पढिये श्रीमान
किशोर दा को याद करती अनोखी ये पोस्ट है आयी
उनको समर्पित करके राजीव जी ने है लगाई
अलबेला जी की अलबेला अंदाज सब होते हैं हैरान ,
इस पोस्ट में देखिये , कैसे खुदा , बन सकता इंसान
शास्त्री जी ने हायकू लिखा ,क्या सुर है क्या लय,
हायकू है , क्षणिकाएं, या त्रिवेणी , सब कर रहे हैं तय
राखी के स्वयंवर का अगला एपिसोड है दिखाया,
इसी बहाने इस मुद्दे का तगडा बैंड बजाया
ये नन्ही सी गुडिया देखिये कहाँ घूम कर आयी,
अपनी यात्रा की , लाविज़ा ने सुन्दर पोस्ट लगाई.
शादी के लिए जरूरी नहीं है कुण्डली को मिलाना ,
बस आपको आता हो , सबके लिए खाना पकाना
उनकी ये लेखनी दिल को लुभाने लगी है ,
वो कहते हैं गजलें थपकी दे सुलाने लगी हैं
संजय जी पूछ रहे ..टैक्स काहे हो भरते ,
पढ़ कर यही लगा ,,सब हैं गलती करते
ये कह रहे हैं ब्लॉग्गिंग से लाखों -करोडों कमाइए ,
जो कमा रहे हैं , हमारा हिस्सा भी दिलवाइये
दस पंक्तियों में अद्भुत रिश्तों की परिभाषा ,
पसंद ये पोस्ट आयेगी , हमको है ये आशा
जानिए श्यामल जी क्या है आकांक्षा ,
पढिये-टिपिये , आपसे यही है अपेक्षा
इनकी गुजारिश है इनकी पीठ को दिवार ना बनाया जाए
इसलिए जो भी लिखना है, पोस्ट पर ही टिपियाया जाये
इरफान जी आज फिर ये गजब का कार्टून बनाया,
छोडा बैंड जनरल ने , तबला है बजाया ..
जो इस पोस्ट की चर्चा दोबारा न की तो ये चर्चा रहेगी अधूरी ,
विवेक भाई ने सुबह वाली चर्चा अब कर दी है पूरी
चलिए आज के लिए इतना ही ..कल अपनी बहनो और अपने भाइयों के साथ प्यार/स्नेह/ बांटिये ......
रविवार, 2 अगस्त 2009
दोस्ती डे ,पर खुश रहे सभी दोस्त : चर्चा वाली चिट्ठी फिर कर दी है पोस्ट
इस ब्लॉग पर चिट्ठों की चर्चा ..मैंने अपने अंदाज में ..सिर्फ एक प्रयोग के तौर पर शुरू किया था ....साथ ही ये भी सोचा था की ...ये एक विकल्प के रूप में ..नियमित ब्लॉग चिट्ठाचर्चा का साथ भी निभाएगा...आप सबका प्यार और समर्थन पाकर लगा ...चलो ...प्रयास ठीक दिशा में जा रहा है..मगर फिर कुछ मित्रों ने कहा ..आप समय जाया कर रहे हैं..और शायद इससे मेरी दूसरी दिशा और लेखनी प्रभावित हो रही है..और ये भी की ये महज तुकबंदी जैसा है...मैं थोडा असमंजस में पड़ गया...क्यूंकि मैं मन ही मन इस प्रयोग के साथ और भी कई प्रयोग करने की योजना पर कम शुरू कर रहा था ,...सो रुक कर सोचने पर विवश हो गया ...मगर फिर लगा ..क्या करूँ ....जो भी जैसा भी आता होगा वही तो कर पाउँगा न ..सो लीजिये फिर से आ रहा हूँ ...चिट्ठियों की चर्चा लेकर.....कुछ नयी तब्दीलियों के साथ
देखें आज कौन का का चेपा है
कुछ कवितायें हो जाएँ
कुत्तों पर रिसर्च करने में वर्मा जी ने कित्ती मेहनत है लगाई
हाय आज तो अपने कुत्ते न होने का अफ़सोस हो गया भाई
शेफाली ने टाईप टाईप की गैसों का कर दिया बखान ,
कईयों की हवा निकाल दी देखिये श्रीमान ..
इतने कम शब्दों में इतना कुछ बहुत कह नहीं पाते,
वो कहते हैं, तूफ़ान कभी मात नहीं खाते
वो कहते हैं किश्तों में भी सुख मिल जाता है,
बस पता नहीं इन्स्तौल्मेंट कितना आता है
अब कुछ और पोस्टों पर नज़र डालते हैं
जितेन जी अपनी रूटीन का वर्णन करते हैं,
आईये उनकी ये पोस्ट पढ़ते हैं ...
अमीर धरती के गरीब लोगों का मंदी से बुरा हाल है,
आप खुद ही पढ़ के देखिये पोस्ट ये कमाल है ..
ब्लॉगजगत का ये छोटा सा ब्लॉगर है बड़ा ख़ास
देखिये आज किसको कर रहा है ,आज baul ये पास
संविधान में क्या क्या लिखा है , एक बार पढ़ के देखिये,
किताबों में जो लिखा है , उससे आगे बढ़ के देखिये
आलसी के चिट्ठे में एक लंठ केकड़े ने एंट्री मारी है,
पूरे आलस से पढिये , कथा अभी भी जारी है
ब्लॉग , ब्लॉग है या साहित्य , हम इस बात पर लड़ रहे हैं,
अखबार वाले पोस्टें चुरा कर छाप रहे हैं, लोग वही साहित्य पढ़ रहे हैं
अनिल भाई कहते हैं ,,,ख्वाब कभी मरा नहीं करते ,
पछताते हैं जो ऐसी पोस्टें , पढ़ा नहीं करते ..
कहती हैं पूजा ,यादों का इन्तजार और सही ,
लिखने का ,कहने का , अब भी है उनका अंदाज वही
इस दोस्ती दिवस पर अविनाश जी ने कुएस्चन मार्क है लगाया,
आज इस मौके पर , एक नए एंगल से उनका ये विचार है आया
उनके लिए ख़ास तौर पर निशांत जी लाये ये आज हैं,
जो अपनी पोस्टों के चोरी होने से बहुते नाराज हैं
दोस्ती दिवस पर जिनकी भी कुछ और भी पढने की है आकांक्षा ,
इनको जाकर पढ़ लीजिये , इन्होने लिखा है बहुत ही अच्छा
ताऊ जी की पहेली में कौन भाग नहीं है लेता ,
देखिये नंबर तैंतीस का कौन बना विजेता..
अब मिलिए कुछ नए चिट्ठों से
ब्लॉग जगत में देखिये ये नया दृष्टिकोण है आया,
आप खुद ही पढिये, है इन्होने क्या पढ़वाया
पढ़ते पढ़ते ये पुरानी डायरी हाथ आई है
मेरे पास नहीं ब्लॉग जगत के साथ आई है
ब्लोग्ग्गिंग में इन्होने भी अपने धर दिए हैं पैर
इनके साथ आप भी कीजिये प्रेमांचल की सैर
और अब चलते चले एक सूचना
हिंदी साहित्य मंच ने फिर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया है ,
अपनी अपनी रचना भेजने का सबको आमंत्रण दिया है ..
तो बस बंधु ..इस दोस्ती दिवस पर इतना ही इश्वर करे .इस दोस्ती जहाज दिवस (अरे फ्रेंड शिप डे) पर यही दुआ है की आपकी कश्ती और जहाज दोनों चलते रहे ..
रविवार, 19 जुलाई 2009
रविवार की छुट्टी, चर्चा खट्टी-मिट्ठी
नए अंदाज का वादा था ,,पूरा भी इरादा था,
मगर आज नहीं हो पाया, काम बहुत ही ज्यादा था,
आशा है आप माफ़ करेंगे, मेरे साथ इन्साफ करेंगे,
जिस खुशी से पढ़ते थे , उसे मजे फिर आप पढेंगे ...
तो लीजिये न देर किस बात की है
ब्लॉग्गिंग जितना आसान दिखती है, उतनी होती नहीं आसान,
एक साल पूरा होने पर समझ में आया श्रीमान..
ब्लॉग साहित्य है , साहित्य ब्लॉग है, मुद्दा नहीं पीछे छूटा,
आज देखिये इस मुद्दे पर इन्होने कितना कंप्यूटर कूटा ..
रायपुर ब्लॉगर सम्मलेन में इत्ता सब कुछ सीखा ,
इस बार ताऊ की पहेली को अनिल भाई ने जीता .
दिल्ली की ब्लू लाइन में दो लडकियां चढी ,
इमानदारी और बेवकूफी की दास्ताँ है पढ़ी
सुना है रात को चाँद इनके घर आता है,
जो भी हो , हमें उनका ये अंदाज लुभाता है
आज विवेक भाई ने इक पैरोडी है बनायी ,हमें तो उसमें दिख गयी जमाने की सच्चाई
दिल से उनकी याद न जाए तो क्या करें,
कभी कभी ऐसी ही रोमांटिक पोस्ट लिखा करें
ब्लॉगर सम्मलेन राजधानी में सूचना है लगवाई,
अपनी सहमति..फटाफट , हमको दे दें भाई ...
टी वी पर पहली तारीख की कथा देखिये,
मगर असलीयत में होता है क्या देखिये
बिना किसी कारण के ,उन्होंने कितना कुछ कह दिया ,
आप भी देखिये किस किस ने पढ़ लिया
एक घरघुसना ऐसा जो बीवी का मुंह ताके,
बिल्कुल ताजा पोस्ट है, अभी पढ़ लो जाके,
गुल्लक में आज किस्सा है आलू, मिर्ची चाय का ,
पढ़ते पढ़ते मुंह का अच्छा बन गया जायका
खोया हुआ उनका मिल गया वापस ये मोबाईल ,
सैमसंग का था ये , या था मुंबई का इश्टाईल
देखिये टूटता हुआ तारा कैसा दिखता है,
ऐसा नजारा देखने को बड़ी मुश्किल से मिलता है
लीजिये आज फिर,कुछ अलग सा , कुछ ख़ास मिला है,
पाबला जी के ब्लॉग को भी कंगारू उनिवर्सिति में दाखिला मिला है
कल से नया हफ्ता शुरू है होने वाला ,
इस सप्ताह चर्चा का अंदाज होगा निराला
इसी वाडे के साथ ..राम राम
मगर आज नहीं हो पाया, काम बहुत ही ज्यादा था,
आशा है आप माफ़ करेंगे, मेरे साथ इन्साफ करेंगे,
जिस खुशी से पढ़ते थे , उसे मजे फिर आप पढेंगे ...
तो लीजिये न देर किस बात की है
ब्लॉग्गिंग जितना आसान दिखती है, उतनी होती नहीं आसान,
एक साल पूरा होने पर समझ में आया श्रीमान..
ब्लॉग साहित्य है , साहित्य ब्लॉग है, मुद्दा नहीं पीछे छूटा,
आज देखिये इस मुद्दे पर इन्होने कितना कंप्यूटर कूटा ..
रायपुर ब्लॉगर सम्मलेन में इत्ता सब कुछ सीखा ,
इस बार ताऊ की पहेली को अनिल भाई ने जीता .
दिल्ली की ब्लू लाइन में दो लडकियां चढी ,
इमानदारी और बेवकूफी की दास्ताँ है पढ़ी
सुना है रात को चाँद इनके घर आता है,
जो भी हो , हमें उनका ये अंदाज लुभाता है
आज विवेक भाई ने इक पैरोडी है बनायी ,हमें तो उसमें दिख गयी जमाने की सच्चाई
दिल से उनकी याद न जाए तो क्या करें,
कभी कभी ऐसी ही रोमांटिक पोस्ट लिखा करें
ब्लॉगर सम्मलेन राजधानी में सूचना है लगवाई,
अपनी सहमति..फटाफट , हमको दे दें भाई ...
टी वी पर पहली तारीख की कथा देखिये,
मगर असलीयत में होता है क्या देखिये
बिना किसी कारण के ,उन्होंने कितना कुछ कह दिया ,
आप भी देखिये किस किस ने पढ़ लिया
एक घरघुसना ऐसा जो बीवी का मुंह ताके,
बिल्कुल ताजा पोस्ट है, अभी पढ़ लो जाके,
गुल्लक में आज किस्सा है आलू, मिर्ची चाय का ,
पढ़ते पढ़ते मुंह का अच्छा बन गया जायका
खोया हुआ उनका मिल गया वापस ये मोबाईल ,
सैमसंग का था ये , या था मुंबई का इश्टाईल
देखिये टूटता हुआ तारा कैसा दिखता है,
ऐसा नजारा देखने को बड़ी मुश्किल से मिलता है
लीजिये आज फिर,कुछ अलग सा , कुछ ख़ास मिला है,
पाबला जी के ब्लॉग को भी कंगारू उनिवर्सिति में दाखिला मिला है
कल से नया हफ्ता शुरू है होने वाला ,
इस सप्ताह चर्चा का अंदाज होगा निराला
इसी वाडे के साथ ..राम राम
शनिवार, 18 जुलाई 2009
जय हो शनि महाराज की, चर्चा हो गयी आज की.(चिट्ठी चर्चा )
आज सेटरडे , यानि कल की छुट्टी,लो जी ये हफ्ता हुआ ख़तम,
बारिश में डूबी है मुंबई, राजधानी गरम गरम,
जबसे लगे हैं चिट्ठी बाचने, लिखना हो गया कम,
लेकिन दोनों में तालमेल , जल्दी कर लेंगे हम...
तो लीजिये जी पेशे खिदमत है ,,प्रेम से हाथ जोड़ के कहिये..जय हो शनि महाराज की..
ब्लॉग-साहित्य के पीरियड में, हिमांशु जी ने अपनी हाजरी है लगाई,
इस पोस्ट में देखिये, कितनो की बात बतायी........?
विवेक भाई ने आखिरकार इन्द्र देवता को चिट्ठी ही लिख डाली,
कब खोलोगे ,शावर अपना, धरती की सारी टंकियां हो गयी खाली
गलाने और चलाने पर वर्मा जी ने क्या पोस्ट है चलायी,
आप भी देखिये , क्या कविता निकल कर आयी...
राज भाई ने ट्रेन नहीं चलने का राज लिया पूछ ,
लालू ममता बता सकते हैं, हमतो हैं कन्फूज
आप भी बच्चों को क्यूट होने की ये दवा दीजिये ,
तब तक पाबला जी के विडियो का मजा लीजिये ..
पत्नी सताए तो इन्हें ही बताएं,
उससे पहले ये पोस्ट पढ़ आयें..
शाहिद कपूर को काहे ई अवार्ड मिला है ,
तबही से पांडे जी का दिल कतना जला है
तुम आओगे दोस्त , तो ये पोस्ट भी पढोगे,
और पढ़ जो लिया तो , कमेन्ट भी करोगे..
थोडा मुस्कुराइए, टेंशन को भूलिए,
नत्तु पांडे के साथ , झूले पर झूलिए
कमाल है की नींद में जगे हुए हैं,
पोस्टें लिखने में , लगे हुए हैं...
खूबसूरत ,रिवाज है , छेड़ना लड़कियों को
आप भी देखिये अदा की इन चुटकियों को .
हाय उन्होंने कहा की ब्लॉग्गिंग की दूकान सबके बस की बात नहीं है,
हम तो पटरी पर ही .iलगा सकते हैं, भैया अपनी शौपिंग मॉल वाली औकात नहीं है.
इस गली में शोर है, प्रधानमंत्री कमजोर है,
भैया गौर से समझो, इसका राज कुछ और है
क़यामत से क़यामत तक, अरे रे रे, पिक्चर नहीं है भाई,
शब्दों के सफ़र में , इन शब्दों की बारी आयी...
लगता है फुर्सत नहीं थी शुकल रहे बहुत बिजी,
एक लाएना में चिटठा चर्चा, काम नहीं ये इजी....
ज्योतिष का खेल है, हेड है या टेल है,
भागम भाग मची है, बहुते रेलमपेल है ..
चलिए रोज रोज ऐसे पढेंगे तो बोर हो जायेंगे,
कल आपको इन नया ,अपना अंदाज दिखाएँगे..
बारिश में डूबी है मुंबई, राजधानी गरम गरम,
जबसे लगे हैं चिट्ठी बाचने, लिखना हो गया कम,
लेकिन दोनों में तालमेल , जल्दी कर लेंगे हम...
तो लीजिये जी पेशे खिदमत है ,,प्रेम से हाथ जोड़ के कहिये..जय हो शनि महाराज की..
ब्लॉग-साहित्य के पीरियड में, हिमांशु जी ने अपनी हाजरी है लगाई,
इस पोस्ट में देखिये, कितनो की बात बतायी........?
विवेक भाई ने आखिरकार इन्द्र देवता को चिट्ठी ही लिख डाली,
कब खोलोगे ,शावर अपना, धरती की सारी टंकियां हो गयी खाली
गलाने और चलाने पर वर्मा जी ने क्या पोस्ट है चलायी,
आप भी देखिये , क्या कविता निकल कर आयी...
राज भाई ने ट्रेन नहीं चलने का राज लिया पूछ ,
लालू ममता बता सकते हैं, हमतो हैं कन्फूज
आप भी बच्चों को क्यूट होने की ये दवा दीजिये ,
तब तक पाबला जी के विडियो का मजा लीजिये ..
पत्नी सताए तो इन्हें ही बताएं,
उससे पहले ये पोस्ट पढ़ आयें..
शाहिद कपूर को काहे ई अवार्ड मिला है ,
तबही से पांडे जी का दिल कतना जला है
तुम आओगे दोस्त , तो ये पोस्ट भी पढोगे,
और पढ़ जो लिया तो , कमेन्ट भी करोगे..
थोडा मुस्कुराइए, टेंशन को भूलिए,
नत्तु पांडे के साथ , झूले पर झूलिए
कमाल है की नींद में जगे हुए हैं,
पोस्टें लिखने में , लगे हुए हैं...
खूबसूरत ,रिवाज है , छेड़ना लड़कियों को
आप भी देखिये अदा की इन चुटकियों को .
हाय उन्होंने कहा की ब्लॉग्गिंग की दूकान सबके बस की बात नहीं है,
हम तो पटरी पर ही .iलगा सकते हैं, भैया अपनी शौपिंग मॉल वाली औकात नहीं है.
इस गली में शोर है, प्रधानमंत्री कमजोर है,
भैया गौर से समझो, इसका राज कुछ और है
क़यामत से क़यामत तक, अरे रे रे, पिक्चर नहीं है भाई,
शब्दों के सफ़र में , इन शब्दों की बारी आयी...
लगता है फुर्सत नहीं थी शुकल रहे बहुत बिजी,
एक लाएना में चिटठा चर्चा, काम नहीं ये इजी....
ज्योतिष का खेल है, हेड है या टेल है,
भागम भाग मची है, बहुते रेलमपेल है ..
चलिए रोज रोज ऐसे पढेंगे तो बोर हो जायेंगे,
कल आपको इन नया ,अपना अंदाज दिखाएँगे..
शुक्रवार, 17 जुलाई 2009
ब्लोगों को पढने का ठेका उठाया है, चिट्ठों की चर्चा का , कुरियर फिर आया है..
पिछले कुछ समय से ,ब्लॉग्गिंग में मच रहा ये शोर है,
कोई पढ़ नहीं रहा किसी को,बस लिखने पर जोर है....
यदि सचमुच है ऐसा तो समस्या घनघोर है ...
औरों का पता नहीं, पर आपका एक पाठक श्योर है ..
कमाल है विश्वास नहीं होता आपको...अजी लीजिये सर्टिफिकेट पेशे खिदमत है.....
अनिल जी ने मुख्यमंत्री के चमचे से मिलवाया.
एक पोस्ट में , दो थे , दोनों ने रुलाया...
आज उन्होंने जख्मों का सब राज खोल दिया,
अभिव्यक्ति ने अनोखी भाषा में बोल दिया ..
उड़नतश्तरी भी कह रही आज , बाप रे,
क्या कहा नहीं पढ़ा, ब्लॉगर अब तो जाग रे ..
इस व्यक्ति से अच्छा , बन्दर से रिश्ता बेहतर है ,
वाह अपने भी दोस्तों में, कोई लंगूर तो कोई बन्दर है
दोस्ती की देन-लेन,का इक तल्ख़ अनुभव सुनाया है,
नेकी कर और गाली सुन , नया मुहावरा बनाया है ..
नेहा जी ने, इस मुद्दे को इक अलग नज़र से देखा,
क्या हमने खींच रखी है, सचमुच ऐसी रेखा
वो कहते हैं की काश अब होश में आने ना पाएं,
अजी ब्लॉगर हैं, जाएँ तो कहाँ जाएँ..
मिश्र जी पूछ रहे हैं, का पुरुषवादी मानसिकता की परिभाषा है,
जाए आप भी बताइये, जो भी आपको ....आता है...
कॉलेज में उनका पहला दिन, नहीं हुई रैगिंग ,
आप भी पढिये , और करिए लाफिंग...
चमत्कार को आज फिर नमस्कार हो गया,
नुक्कड़ का ४२० का स्कोर , पार हो गया .
मेहेंगाई की मार बृहस्पति जी भी झेल रहे हैं.
इसे विषय पर शांतनु ये पोस्ट ठेल रहे हैं...
न्यूज़ चौबीस ने , मायावती को आईना दिखाया,
मीडिया मार्ग ने आज की पोस्ट में यही है बताया...
आप भी पहुँचिये, ताऊ के दीवाने ख़ास में,
देखिये क्या हो रहा है, रामप्यारी की अंगरेजी क्लास में
कह रही हैं रंजना, बेटी , लक्ष्मी स्वरूपा है,
सच है, इससे अनमोल रत्न नहीं कोई दूजा है ..
नोटिस बोर्ड लग गया ,तैयारी कर आइये,
या तो जाके पढ़ आइये, नहीं तो .....कर आइये ....
आप भी देखिये कौन कैसे कर रहा है सच का सामना,
सुरेश भाई ने उडेल कर रख दी हैं सबकी भावना...
कोई पढ़ नहीं रहा किसी को,बस लिखने पर जोर है....
यदि सचमुच है ऐसा तो समस्या घनघोर है ...
औरों का पता नहीं, पर आपका एक पाठक श्योर है ..
कमाल है विश्वास नहीं होता आपको...अजी लीजिये सर्टिफिकेट पेशे खिदमत है.....
अनिल जी ने मुख्यमंत्री के चमचे से मिलवाया.
एक पोस्ट में , दो थे , दोनों ने रुलाया...
आज उन्होंने जख्मों का सब राज खोल दिया,
अभिव्यक्ति ने अनोखी भाषा में बोल दिया ..
उड़नतश्तरी भी कह रही आज , बाप रे,
क्या कहा नहीं पढ़ा, ब्लॉगर अब तो जाग रे ..
इस व्यक्ति से अच्छा , बन्दर से रिश्ता बेहतर है ,
वाह अपने भी दोस्तों में, कोई लंगूर तो कोई बन्दर है
दोस्ती की देन-लेन,का इक तल्ख़ अनुभव सुनाया है,
नेकी कर और गाली सुन , नया मुहावरा बनाया है ..
नेहा जी ने, इस मुद्दे को इक अलग नज़र से देखा,
क्या हमने खींच रखी है, सचमुच ऐसी रेखा
वो कहते हैं की काश अब होश में आने ना पाएं,
अजी ब्लॉगर हैं, जाएँ तो कहाँ जाएँ..
मिश्र जी पूछ रहे हैं, का पुरुषवादी मानसिकता की परिभाषा है,
जाए आप भी बताइये, जो भी आपको ....आता है...
कॉलेज में उनका पहला दिन, नहीं हुई रैगिंग ,
आप भी पढिये , और करिए लाफिंग...
चमत्कार को आज फिर नमस्कार हो गया,
नुक्कड़ का ४२० का स्कोर , पार हो गया .
मेहेंगाई की मार बृहस्पति जी भी झेल रहे हैं.
इसे विषय पर शांतनु ये पोस्ट ठेल रहे हैं...
न्यूज़ चौबीस ने , मायावती को आईना दिखाया,
मीडिया मार्ग ने आज की पोस्ट में यही है बताया...
आप भी पहुँचिये, ताऊ के दीवाने ख़ास में,
देखिये क्या हो रहा है, रामप्यारी की अंगरेजी क्लास में
कह रही हैं रंजना, बेटी , लक्ष्मी स्वरूपा है,
सच है, इससे अनमोल रत्न नहीं कोई दूजा है ..
नोटिस बोर्ड लग गया ,तैयारी कर आइये,
या तो जाके पढ़ आइये, नहीं तो .....कर आइये ....
आप भी देखिये कौन कैसे कर रहा है सच का सामना,
सुरेश भाई ने उडेल कर रख दी हैं सबकी भावना...
बुधवार, 15 जुलाई 2009
ये चिट्ठी चर्चे वाली है, आपने आदत डाली है...
जाने किस घड़ी , था शौक ये पाला,
चिट्ठे की चर्चा को मन रहे मतवाला ,
लो फिर से कईयों का ऑपरेशन कर डाला,
बहुत मजा आ रहा है , तो फेर झेलो लाला...
लीजिये ..पढिये या ठेलिए, पर हमको झेलिये
इन्होने अपने मन का रख दिया सारा घुटन,
आज की पोस्टों में , इसका ज्यादा रहा वजन
स्वामी जी ने बतलाया, वे किसको , क्यूँ नहीं पढ़ते हैं,
आप भी देखिये, आप क्या करते, क्या नहीं करते हैं....
इस चेली ने आज पोस्टों की सेंचुरी मारी है,
इसी खुशी में , कैसी राखी सावंत की.......उतारी है ..
ब्लोग्गरों को सुधारने के लिए, कोई विजेट नहीं बनाया जाएगा,
आशीष भाई ने बताया है , कौन तरीका अपनाया जाएगा..
जब लोग हिंदी ब्लॉग्गिंग पर प्रश्न उठा रहे हैं,
इस पोस्ट में जगदीश जी , उन्हें आईना दिखा रहे हैं..
ताऊ के धंधे में, कौन कौन भागीदार हुआ है,
किसने क्या बेचा, कौन खरीददार हुआ है ..
पांच हजार में कौन सा मोबाईल आयेगा,
एक एस ऍम एस फ्री बताने वाला पायेगा..
एक अंग्रेज लेखक की टांग टूट गयी सपने में,
उसका क्या हुआ पता नहीं, मजा आ गया पढने में
इन्होने बताया , कल तीस के हो जायेंगे,
आज पोस्ट पढ़ ली, कल बधाई दे आयेंगे..
सुना है तरकी पसंद युवा, कपडे की तरह नौकरी बदल रहे हैं,
अमा हमें तो नहीं लगता, हम मंदी के दौर में चल रहे हैं..
गरीब की औकात विनय जी ने यूँ हैं दिखाई ..
समाज की नीतियों की धज्जियाँ है उडाई.
ब्लॉग में साहित्य की संभावना जतायी है,
इस विषय पर आज फिर पोस्ट आयी है .
मीनू दी को यकीन है , कल इक नयी उम्मीद ले के आयेगी,
चिट्ठाचर्चा की अनोखी शैली आपके मन को भायेगी..
टिप्पियाँ पाने को तपस्या में लोग लगे हुए हैं
दिन तो छोडो , रात रात जगे हुए हैं....
ब्लॉग्गिंग में ताल ठोंक कर आपना हक़ जतलाया,
अभी जाकर पढ़ ले वो, जो पढ़ के नहीं है आया..
ब्लॉग्गिंग क्यूँ की जाए, आशा जी ने बतलाया,
प्रश्न बड़ा ही विकट है,अब तक कोई समझ न पाया.
ब्लॉगर की सच्ची तस्वीर , इरफान भाई ने चिपकाई ,
कहीं इक दिन , अपनी भी ऐसी हालत होगी भाई ..
अद्भुत हिंदी की शब्दावली से अपना दिमाग खोलिए,
पढिये मजे ले के,और हिंदी की जय बोलिए
मंगलवार, 14 जुलाई 2009
आज मंगलवार है , चिट्ठी भी तैयार है (चिट्ठी चर्चा )
देखिये जी, रुकावट के लिए खेद नहीं है,
इसमें कोई ख़ास भेद नहीं है,
हमें पता है की चिट्ठी ये जरूरी है,
मगर क्या करें जी, नौकरी , मजबूरी है ....
तो लीजिये ज्यादा रुकावट नहीं डालते हुए पेश है.....
नटखट इक बच्चे ने , इक पोस्ट है लगाई,
बच्चे ऐसा नहीं कहते, हो गयी कान खिंचाई ..
विवेक भैया को रीत ये अच्छी नहीं लगती है,
करते हैं जब भी चिट्ठाचर्चा फब्ती है ...
जब दो नैना कहते हैं, तो कैसी बनती है कहानी,
आप भी सुनिए, अनिल भाई की ज़ुबानी ..
मिसर जी नी घुन्नन मिलन की रोचक कथा है सुनाई,
जा कर पढ़ लो अभी के अभी, कहीं छूट ना जाए भाई....
लो जी आदि ने भी बैट थाम लिया है ,,
आप भी देखिये , आज क्या नया काम किया है ..
हिंदी चिट्ठों पर लेखों की संख्या हो गयी तीन लाख,
अरे नहीं भाई सच है ये, नहीं है कोई मजाक ..
न्यायिक इक फैसले पे, उंगली गयी है उठायी,
राजीव भाई ने मुद्दे पर इक बढिया पोस्ट चिपकाई..
आज फिर से खत्री जी अलबेली बात बतायी,
कुत्ते से भी गयी गुजरी, पति की हालत बनायी..
फिर पेपर में हुई कुछ ब्लोगों की चर्चा,
क्या आपने देख लिया छपास का ये पर्चा .
महिलाओं को अपमानित करने का नया शिगूफा गया छोडा,
उफ़ , क्या क्या नो होगा अब, जो न हो जाए थोडा ..
विनीता जी ने गाँव की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
आपकी हमारी हो गयी कुट्टा ,क्यूँ अकेले घूम के आईं.
मानसून को किसने किडनैप किया था, ये राज समझ अब आया,
कमडल से निकले नेताजी ने, सबकुछ है बतलाया..
प्रियदर्शन ने इक सोते परिवार का किस्सा यूँ बयान किया है,
लेखनी है ऐसी, सभी का ही, उधर , ध्यान गया है..
राज भाई की पहेली को इत्तों ने पहचाना,
हाय हमें तो , पहेलियों के लिए ट्यूशन पडेगा लगवाना ...
किस अदा से देखिये, विश्वास को लटका दिया है,
बहुत पढ़ रहे हैं अभी, बहुतों ने चटका दिया है ...
शरद भाई ने बहुतों का आभार किया है व्यक्त ,
जमीन से ऊपर चलता है, भूत ये कमबख्त ...
भोले और भले की जंग देखिये ,
अविनाश भाई का ये रंग देखिये ...
रश्मि जी की कविता की मिसाल देखिये,
लिखती हैं कैसा, कमाल देखिये ....
इस पोस्ट में देखिये , किसने दुनिया को छूने का प्रयास किया है,
कुछ बहुत ख़ास लोगों के लिए, काम ये ख़ास किया है ...
रूठी रूठी बरखा रानी, पाबला जी के यहाँ आ गयी है,
पोस्ट पर लगी,अद्भुत तसवीरें, सबके मन को भा गयी हैं.
ताऊ की मैगजीन, है कमाल का खजाना ,
जो पढ़े एक बार, हो जाए दीवाना ...
आप भी नदियों की रवानी देखिये,
वंदना के कलम की ज़ुबानी देखिये
अछा जी राम राम., कथा यहीं पर रुकती है,
चर्चा जो ना कर पाएं तो, ये बात हमें भी चुभती है.....
इसलिए कोशिश रहती है कि......रुकावट के लिए खेद है....न कहना पड़े...मगर यदि.......तो आप माफ़ कर देंगे..मुझे पता है ...
इसमें कोई ख़ास भेद नहीं है,
हमें पता है की चिट्ठी ये जरूरी है,
मगर क्या करें जी, नौकरी , मजबूरी है ....
तो लीजिये ज्यादा रुकावट नहीं डालते हुए पेश है.....
नटखट इक बच्चे ने , इक पोस्ट है लगाई,
बच्चे ऐसा नहीं कहते, हो गयी कान खिंचाई ..
विवेक भैया को रीत ये अच्छी नहीं लगती है,
करते हैं जब भी चिट्ठाचर्चा फब्ती है ...
जब दो नैना कहते हैं, तो कैसी बनती है कहानी,
आप भी सुनिए, अनिल भाई की ज़ुबानी ..
मिसर जी नी घुन्नन मिलन की रोचक कथा है सुनाई,
जा कर पढ़ लो अभी के अभी, कहीं छूट ना जाए भाई....
लो जी आदि ने भी बैट थाम लिया है ,,
आप भी देखिये , आज क्या नया काम किया है ..
हिंदी चिट्ठों पर लेखों की संख्या हो गयी तीन लाख,
अरे नहीं भाई सच है ये, नहीं है कोई मजाक ..
न्यायिक इक फैसले पे, उंगली गयी है उठायी,
राजीव भाई ने मुद्दे पर इक बढिया पोस्ट चिपकाई..
आज फिर से खत्री जी अलबेली बात बतायी,
कुत्ते से भी गयी गुजरी, पति की हालत बनायी..
फिर पेपर में हुई कुछ ब्लोगों की चर्चा,
क्या आपने देख लिया छपास का ये पर्चा .
महिलाओं को अपमानित करने का नया शिगूफा गया छोडा,
उफ़ , क्या क्या नो होगा अब, जो न हो जाए थोडा ..
विनीता जी ने गाँव की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
आपकी हमारी हो गयी कुट्टा ,क्यूँ अकेले घूम के आईं.
मानसून को किसने किडनैप किया था, ये राज समझ अब आया,
कमडल से निकले नेताजी ने, सबकुछ है बतलाया..
प्रियदर्शन ने इक सोते परिवार का किस्सा यूँ बयान किया है,
लेखनी है ऐसी, सभी का ही, उधर , ध्यान गया है..
राज भाई की पहेली को इत्तों ने पहचाना,
हाय हमें तो , पहेलियों के लिए ट्यूशन पडेगा लगवाना ...
किस अदा से देखिये, विश्वास को लटका दिया है,
बहुत पढ़ रहे हैं अभी, बहुतों ने चटका दिया है ...
शरद भाई ने बहुतों का आभार किया है व्यक्त ,
जमीन से ऊपर चलता है, भूत ये कमबख्त ...
भोले और भले की जंग देखिये ,
अविनाश भाई का ये रंग देखिये ...
रश्मि जी की कविता की मिसाल देखिये,
लिखती हैं कैसा, कमाल देखिये ....
इस पोस्ट में देखिये , किसने दुनिया को छूने का प्रयास किया है,
कुछ बहुत ख़ास लोगों के लिए, काम ये ख़ास किया है ...
रूठी रूठी बरखा रानी, पाबला जी के यहाँ आ गयी है,
पोस्ट पर लगी,अद्भुत तसवीरें, सबके मन को भा गयी हैं.
ताऊ की मैगजीन, है कमाल का खजाना ,
जो पढ़े एक बार, हो जाए दीवाना ...
आप भी नदियों की रवानी देखिये,
वंदना के कलम की ज़ुबानी देखिये
अछा जी राम राम., कथा यहीं पर रुकती है,
चर्चा जो ना कर पाएं तो, ये बात हमें भी चुभती है.....
इसलिए कोशिश रहती है कि......रुकावट के लिए खेद है....न कहना पड़े...मगर यदि.......तो आप माफ़ कर देंगे..मुझे पता है ...
शनिवार, 11 जुलाई 2009
सन्डे की चिट्ठी, चिट्ठी में चर्चा
शिकायत हो रही की ,
अब हम टिपियाते नहीं हैं,
सत्यानाश हो नौकरी को ,
अब तो ठीक से लिख पाते नहीं.....
उम्मीद है की मुझे थोड़ी रियायत मिल सकेगी...
बिना शीर्षक के विवेक भाई , कितना कुछ बोल गए हैं...
बहुत से मुद्दों पर, राज कई खोल गए हैं.......
ताऊ ने खंभों पर सबको है लटकाया ,
बिल्लन ने तिप्प्न्नियों के चक्कर में है फंसाया,
हुआ अफ़सोस इस बार भाग नहीं ले पाया ,
इब तो चुग गयी चिडिया खेत, के करें इब भाया
सपनो का मनोविज्ञान , खुद समय ने बताया है
इस अनोखे विषय पर एक उम्दा लेख पढ़वाया है .
संगीता जी के ब्लॉग के पाठकों की संख्या पचास हजार से बढ़ गयी है..
ज्योतिष की बातें, नए कीर्तिमान , गढ़ गयी है ....
रायगढ़ में ब्लोग्गर्स ने महफिल थी सजायी.
महफ़िल चित्रों की एल्बम, यहाँ है लगाई ..
विनीत जी कहते हैं , फसबुक में क्या है रखा ..?
क्या आपने इस पोस्ट का स्वाद है चखा ........?
हिंदी साहित्य में नया इक डॉन है आया,
कबाड़खाने में आज गया है ये फरमाया
गे के बहाने ,युवा पर चन्दन जी ने पोस्ट है लिख मारी,
आराम से पढ़ लेना, बात अभी है जारी (क्रमश है यार )
किसका नाम क्या था , दिलचस्प रहा ये किस्सा,
हमने तो पढ़ लिया, अब आप भी ले लो हिस्सा ..
उफ़, क्या आ गयी महंगाई की मस्ती ,
दाल हो गयी महंगी, और मुर्गी हुई है सस्ती .
जनसँख्या दिवस पर खत्री जी ने इक अलबेला पोस्ट लगाया,
नब्बे साल की बुजुर्ग के , कुनबे से मिलवाया ....
उन्हें मालूम था सबकुछ, फिर भी प्रेम ही चुना ,
थोड़े से शब्दों में, क्या ताना बाना बुना
ये व्यंग्य का समय है , व्यंग्य पढा कीजिये,
अरे हुजूर, कभी कभी तो , हंसा कीजिये ..
छोटी छोटी बातों पर हंसने के लिए यहाँ पर जाइए,
लतीफे पढिये और खूब मुस्कुराइए ....
नए जमाने में नए शब्द के मायने जानिए ..
कौन हैं कमीने, जरा तो पहचानिये....
आज कोई टिप्स नहीं है, इक क्वेश्चन गया है उठाया ,
टीपने का मनोविज्ञान, कौन समझ है पाया...?
रूपचंद जी हमेशा , ऐसी पोस्ट लगाते हैं,
बिन डोर ,सब खींचे चले आते हैं
शाम को देहलीज पर, कौन है ये आया,
आवाज दो हमको, उसने है कहलाया ..
इस सुन्दर पोस्ट को , चित्रों से सजाया गया है,
बच्चों का एक खूबसूरत रूप दिखाया गया है .
चलिए अब बस,,,आज कुछ और भी लिखना है ....
अब हम टिपियाते नहीं हैं,
सत्यानाश हो नौकरी को ,
अब तो ठीक से लिख पाते नहीं.....
उम्मीद है की मुझे थोड़ी रियायत मिल सकेगी...
बिना शीर्षक के विवेक भाई , कितना कुछ बोल गए हैं...
बहुत से मुद्दों पर, राज कई खोल गए हैं.......
ताऊ ने खंभों पर सबको है लटकाया ,
बिल्लन ने तिप्प्न्नियों के चक्कर में है फंसाया,
हुआ अफ़सोस इस बार भाग नहीं ले पाया ,
इब तो चुग गयी चिडिया खेत, के करें इब भाया
सपनो का मनोविज्ञान , खुद समय ने बताया है
इस अनोखे विषय पर एक उम्दा लेख पढ़वाया है .
संगीता जी के ब्लॉग के पाठकों की संख्या पचास हजार से बढ़ गयी है..
ज्योतिष की बातें, नए कीर्तिमान , गढ़ गयी है ....
रायगढ़ में ब्लोग्गर्स ने महफिल थी सजायी.
महफ़िल चित्रों की एल्बम, यहाँ है लगाई ..
विनीत जी कहते हैं , फसबुक में क्या है रखा ..?
क्या आपने इस पोस्ट का स्वाद है चखा ........?
हिंदी साहित्य में नया इक डॉन है आया,
कबाड़खाने में आज गया है ये फरमाया
गे के बहाने ,युवा पर चन्दन जी ने पोस्ट है लिख मारी,
आराम से पढ़ लेना, बात अभी है जारी (क्रमश है यार )
किसका नाम क्या था , दिलचस्प रहा ये किस्सा,
हमने तो पढ़ लिया, अब आप भी ले लो हिस्सा ..
उफ़, क्या आ गयी महंगाई की मस्ती ,
दाल हो गयी महंगी, और मुर्गी हुई है सस्ती .
जनसँख्या दिवस पर खत्री जी ने इक अलबेला पोस्ट लगाया,
नब्बे साल की बुजुर्ग के , कुनबे से मिलवाया ....
उन्हें मालूम था सबकुछ, फिर भी प्रेम ही चुना ,
थोड़े से शब्दों में, क्या ताना बाना बुना
ये व्यंग्य का समय है , व्यंग्य पढा कीजिये,
अरे हुजूर, कभी कभी तो , हंसा कीजिये ..
छोटी छोटी बातों पर हंसने के लिए यहाँ पर जाइए,
लतीफे पढिये और खूब मुस्कुराइए ....
नए जमाने में नए शब्द के मायने जानिए ..
कौन हैं कमीने, जरा तो पहचानिये....
आज कोई टिप्स नहीं है, इक क्वेश्चन गया है उठाया ,
टीपने का मनोविज्ञान, कौन समझ है पाया...?
रूपचंद जी हमेशा , ऐसी पोस्ट लगाते हैं,
बिन डोर ,सब खींचे चले आते हैं
शाम को देहलीज पर, कौन है ये आया,
आवाज दो हमको, उसने है कहलाया ..
इस सुन्दर पोस्ट को , चित्रों से सजाया गया है,
बच्चों का एक खूबसूरत रूप दिखाया गया है .
चलिए अब बस,,,आज कुछ और भी लिखना है ....
गुरुवार, 9 जुलाई 2009
झा जी इस्टाईल , चिट्ठी चर्चा का मजा लीजिये
ब्लॉग्गिंग करते हैं, तो खुल कर कहा कीजिये ,
झा जी, इस्टाईल, चिट्ठी चर्चा का मजा लीजिये...
बस एक है, अर्ज, खूब जम के लिखा कीजिये,
जितना लिखते हैं, उतना ही सबको पढा कीजिये..
यकीन मानिए बड़ा ही आनंद आता है ,तो लीजिये पेश - ए- नोश , फ़रमाएँ...
एलियन भी पीते हैं सिगरेट , ये मान लीजिये,
उनके डब्बों का अद्भुत उपयोग भी जान लीजिये ....
कुश भाई ने बारिश के बहाने खूब लिखी कहानी ,
हाय हमें कब दिखलाओगी,जलवे बरखा रानी...
इस पोस्ट पर धीरज जी ने साईं बाबा की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
हमने तो शीश नवा लिए ,,आप भी देख लो भाई ....
हफ्ते में इक ब्लॉगर से मिलवाने का ताऊ ने ठेखा उठाया है ,
इस हफ्ते देखिये, सबसे किसको मिलाया है ..
अनामी के नाम , फिर इक नयी पोस्ट है आयी,
नए एंगल से , कुछ नयी बात है बतलाई
इनायत हुई या हुई है आफत, नीरज जी फरमाते हैं,
अक्सर हंसते हंसते, सबकी बैंड बजाते हैं.....
अविनाश भाई ने अमरीकन को अजब ये सैर कराई,
हमारा घोड़ा है कार पे भारी , कमाल की तुलना भाई ..
बाजपेयी भी पढ़ते हैं ब्लॉग , आप भी ये जान लें ,
टिपियाते तो हो नहीं, हम कैसे मान लें ,
इन्टरनेट युग में पोस्टकार्ड के नाम ने भावुक कर दिया,
रचना बजाज ने , इस पोस्ट पर, अपना अनुभव धर दिया..
माँ साब ने अब तक की ब्लॉग रिटर्न फाईल की है,
आप देखिये कौन सी पढ़ी , कौन सी देख ली है ...?
अभी अभी हमको ई बताया गया है ,
ब्लॉग्गिंग में आदि का , पहला बर्थ दे मनाया गया है
ब्लॉग, ब्लॉग है या साहित्य , प्रश्न उछाला गया है,
मुद्दे पर शिव जी द्वारा भी बहुत कुछ डाला गया है .
मुर्दों के शहर की खूब , सैर है करवाई,
एक कविता पढ़ ली , दूसरी नजर नहीं आयी......
शास्त्री जी ने कहा सारा देश ही संडास है ,
कभी बदलेगी सूरत ये, होता नहीं विश्वास है
यदि आप भी समझते हैं , ये अधिकार है निगौडा,
पढ़ के देखिये, जबरदस्त है हथौडा ...
वो कहती हैं की ख्वाब रोज सजाया करो ,
हम तैयार हैं, गर यूँ ही लोरी आप सुनाया करो ...
किताबों के इस कोने में , जरूर जाइए,
पढने का सुख, आप भी उठाइये ......
इस पोस्ट में चीज ये खतरनाक सी है ..
आज ब्लॉगजगत को घूरती ये आँख सी है
महिलाओं ने जिन्दगी का अच्छा हल निकाला है ,
उम्र भर जुते रहने को , सबने एक बैल पाला है
झा जी, इस्टाईल, चिट्ठी चर्चा का मजा लीजिये...
बस एक है, अर्ज, खूब जम के लिखा कीजिये,
जितना लिखते हैं, उतना ही सबको पढा कीजिये..
यकीन मानिए बड़ा ही आनंद आता है ,तो लीजिये पेश - ए- नोश , फ़रमाएँ...
एलियन भी पीते हैं सिगरेट , ये मान लीजिये,
उनके डब्बों का अद्भुत उपयोग भी जान लीजिये ....
कुश भाई ने बारिश के बहाने खूब लिखी कहानी ,
हाय हमें कब दिखलाओगी,जलवे बरखा रानी...
इस पोस्ट पर धीरज जी ने साईं बाबा की सुन्दर तसवीरें हैं लगाई,
हमने तो शीश नवा लिए ,,आप भी देख लो भाई ....
हफ्ते में इक ब्लॉगर से मिलवाने का ताऊ ने ठेखा उठाया है ,
इस हफ्ते देखिये, सबसे किसको मिलाया है ..
अनामी के नाम , फिर इक नयी पोस्ट है आयी,
नए एंगल से , कुछ नयी बात है बतलाई
इनायत हुई या हुई है आफत, नीरज जी फरमाते हैं,
अक्सर हंसते हंसते, सबकी बैंड बजाते हैं.....
अविनाश भाई ने अमरीकन को अजब ये सैर कराई,
हमारा घोड़ा है कार पे भारी , कमाल की तुलना भाई ..
बाजपेयी भी पढ़ते हैं ब्लॉग , आप भी ये जान लें ,
टिपियाते तो हो नहीं, हम कैसे मान लें ,
इन्टरनेट युग में पोस्टकार्ड के नाम ने भावुक कर दिया,
रचना बजाज ने , इस पोस्ट पर, अपना अनुभव धर दिया..
माँ साब ने अब तक की ब्लॉग रिटर्न फाईल की है,
आप देखिये कौन सी पढ़ी , कौन सी देख ली है ...?
अभी अभी हमको ई बताया गया है ,
ब्लॉग्गिंग में आदि का , पहला बर्थ दे मनाया गया है
ब्लॉग, ब्लॉग है या साहित्य , प्रश्न उछाला गया है,
मुद्दे पर शिव जी द्वारा भी बहुत कुछ डाला गया है .
मुर्दों के शहर की खूब , सैर है करवाई,
एक कविता पढ़ ली , दूसरी नजर नहीं आयी......
शास्त्री जी ने कहा सारा देश ही संडास है ,
कभी बदलेगी सूरत ये, होता नहीं विश्वास है
यदि आप भी समझते हैं , ये अधिकार है निगौडा,
पढ़ के देखिये, जबरदस्त है हथौडा ...
वो कहती हैं की ख्वाब रोज सजाया करो ,
हम तैयार हैं, गर यूँ ही लोरी आप सुनाया करो ...
किताबों के इस कोने में , जरूर जाइए,
पढने का सुख, आप भी उठाइये ......
इस पोस्ट में चीज ये खतरनाक सी है ..
आज ब्लॉगजगत को घूरती ये आँख सी है
महिलाओं ने जिन्दगी का अच्छा हल निकाला है ,
उम्र भर जुते रहने को , सबने एक बैल पाला है
बुधवार, 8 जुलाई 2009
ना दाम लगे न खर्चा : लो आ गयी चिट्ठी चर्चा
बजट जब से पेश हुआ ,हमने कम कर दिया है खर्चा ,
चस्का लग गया ऐसा, रोज करें चिटठा चर्चा,
लो जी पेश किया है,,फिर से जांच लो पर्चा,
बतलाना स्वाद इसका , जो कम लगे नमक और मर्चा...
तो लीजिये ..झेलिये..
कबाड़खाने मैं कुछ और कबाड़ी आये हैं,
इस ब्लॉग पर हाथ आजमाने , कुछ और खिलाड़ी आये हैं.
हिंदी ब्लॉग टिप्स, फिर से इक कमाल का विजेट लाया है.
मीटर लगाओ देख लो, कौन पोस्ट कित्ती बार पढ़ पाया है
राज भाई की छोटी पोस्ट पढें. नहीं है वेरी laang ,
टांग तोड़ दी तुकबंदी की, ऐसी पोस्ट दी टांग
गाली- गलौज की विडीयो वाली पोस्ट का ज्ञान जी ने जिक्र किया,
अफ़सोस जताया , नहीं क्यूँ ब्लोग्वानी ने फिक्र किया.
मुर्गी ने दिया आदमी का बच्चा ,.उफ़ जाने क्या है होने वाला,
सुना है थोड़े दिन पहले उसको शायनी ने था पाला
मुबारक हो जी,खत्री जी , अपनी छतरी लेकर आ गए हैं..
अभी अभी समीर जी, बीयर बार में घुसा गए हैं..
मीडिया मार्ग में , बापू मीडिया के बीच वाकयुद्ध जारी है,
पोस्ट देखिये, तय कीजिये, कौन किस पर भारी है .
चिट्ठाचर्चा में आज विवेक भाई ,गुरु की महिमा समझाए हैं.
जैसा गजब का करते हैं,,आज भी वैसा ही चर्चियियाये हैं.
अनिल भाई ने कहा की , लाल किले में तो ऐसी तलवारें रखी हैं
उठा उठा कर देख लें , जिनकी सेहत पक्की हैं.....
बारिश में भुट्टे का यूँ मजा लीजिये...
भुट्टा तो है, पर बारिश नहीं , अब क्या कीजिये .
आई टी सेक्टर के साईड इफेक्ट , प्रशांत जी बतलाते हैं..
हम नहीं हैं उस सेक्टर से,,सो नहीं ghabraate हैं..
इस पोस्ट में बड़े काम की इक सही बात बतलाई है ,
हिंदी टिप्प्न्नी करने की , सुन्दर तरकीब सुझाई है
राज भाई को उनके पुत्तर ने फिर से कुछ समझाया ,
बिन देरी के झटपट उन्होंने , सबको है सिखलाया
दुःख पर दुःख , साहित्य जगत में यही सिलसिला जारी है ,
एक पंक्ति का ये एस ऍम एस, दिल पर बड़ा ही भारी है....
कुत्ते -बिल्ली , हो जाएँ , यदि गे, तो कौन सा कानून चाहिए,
अदा की इस पोस्ट में खुद ही पढ़ आइये ...
ताऊ की अक्ल बड़ी या भैंस, जोरों की मारा मारी है,
सबसे तेज है, बिल्लन ,वा की , जे का नाम रामप्यारी है .
कौन इनमें है बेवकूफ, तय आपको करना है ,
फटाफट पंहुंच जाओ , जिसे फ्री में भविष्यफल पढ़ना है
प्रमोशन के चक्कर में , जब फर्जी एन्काउंतर किया जाता है,
कमंडल से निकला कार्टून उसका रिजल्ट बताता है....
जैसा अद्भुत शीर्षक है इसका, अवधिया जी वैसा ही फरमाते हैं,
ना जाने की किन जंगल, पेड़ पधादों की सैर कराते हैं..
चलते चलते एक अनोखा ये भेद लीजिये,
इस ब्लॉग पर ,छ से ज्यादा पसंद नहीं बढ़ती , चाहे खुद ही देख लीजिये..
चस्का लग गया ऐसा, रोज करें चिटठा चर्चा,
लो जी पेश किया है,,फिर से जांच लो पर्चा,
बतलाना स्वाद इसका , जो कम लगे नमक और मर्चा...
तो लीजिये ..झेलिये..
कबाड़खाने मैं कुछ और कबाड़ी आये हैं,
इस ब्लॉग पर हाथ आजमाने , कुछ और खिलाड़ी आये हैं.
हिंदी ब्लॉग टिप्स, फिर से इक कमाल का विजेट लाया है.
मीटर लगाओ देख लो, कौन पोस्ट कित्ती बार पढ़ पाया है
राज भाई की छोटी पोस्ट पढें. नहीं है वेरी laang ,
टांग तोड़ दी तुकबंदी की, ऐसी पोस्ट दी टांग
गाली- गलौज की विडीयो वाली पोस्ट का ज्ञान जी ने जिक्र किया,
अफ़सोस जताया , नहीं क्यूँ ब्लोग्वानी ने फिक्र किया.
मुर्गी ने दिया आदमी का बच्चा ,.उफ़ जाने क्या है होने वाला,
सुना है थोड़े दिन पहले उसको शायनी ने था पाला
मुबारक हो जी,खत्री जी , अपनी छतरी लेकर आ गए हैं..
अभी अभी समीर जी, बीयर बार में घुसा गए हैं..
मीडिया मार्ग में , बापू मीडिया के बीच वाकयुद्ध जारी है,
पोस्ट देखिये, तय कीजिये, कौन किस पर भारी है .
चिट्ठाचर्चा में आज विवेक भाई ,गुरु की महिमा समझाए हैं.
जैसा गजब का करते हैं,,आज भी वैसा ही चर्चियियाये हैं.
अनिल भाई ने कहा की , लाल किले में तो ऐसी तलवारें रखी हैं
उठा उठा कर देख लें , जिनकी सेहत पक्की हैं.....
बारिश में भुट्टे का यूँ मजा लीजिये...
भुट्टा तो है, पर बारिश नहीं , अब क्या कीजिये .
आई टी सेक्टर के साईड इफेक्ट , प्रशांत जी बतलाते हैं..
हम नहीं हैं उस सेक्टर से,,सो नहीं ghabraate हैं..
इस पोस्ट में बड़े काम की इक सही बात बतलाई है ,
हिंदी टिप्प्न्नी करने की , सुन्दर तरकीब सुझाई है
राज भाई को उनके पुत्तर ने फिर से कुछ समझाया ,
बिन देरी के झटपट उन्होंने , सबको है सिखलाया
दुःख पर दुःख , साहित्य जगत में यही सिलसिला जारी है ,
एक पंक्ति का ये एस ऍम एस, दिल पर बड़ा ही भारी है....
कुत्ते -बिल्ली , हो जाएँ , यदि गे, तो कौन सा कानून चाहिए,
अदा की इस पोस्ट में खुद ही पढ़ आइये ...
ताऊ की अक्ल बड़ी या भैंस, जोरों की मारा मारी है,
सबसे तेज है, बिल्लन ,वा की , जे का नाम रामप्यारी है .
कौन इनमें है बेवकूफ, तय आपको करना है ,
फटाफट पंहुंच जाओ , जिसे फ्री में भविष्यफल पढ़ना है
प्रमोशन के चक्कर में , जब फर्जी एन्काउंतर किया जाता है,
कमंडल से निकला कार्टून उसका रिजल्ट बताता है....
जैसा अद्भुत शीर्षक है इसका, अवधिया जी वैसा ही फरमाते हैं,
ना जाने की किन जंगल, पेड़ पधादों की सैर कराते हैं..
चलते चलते एक अनोखा ये भेद लीजिये,
इस ब्लॉग पर ,छ से ज्यादा पसंद नहीं बढ़ती , चाहे खुद ही देख लीजिये..
सोमवार, 6 जुलाई 2009
चर्चा करके जांचेंगे , अब रोज चिट्ठिया बाचेंगे ( चिट्ठी चर्चा वाली )
इक नए प्रयोग से रहे थे खुद को जांच,
डरते डरते पहली चिट्ठी यूँ रहे थे बांच,
खूब मिली शाबाशी, चटके लगे कुल पांच,
झाजी का मन मयूर रहा ,,बिन बदली के नांच
तो सोच लिए अब ऐसे ही पोस्टवा सबको जांचेंगे,
जब भी मिला मौका, हम रोज चिट्ठिया बांचेंगे ..
तो लीजिये पेश है :-
सुरेश जी की पत्नी श्री ने , ऐसे सालगिरह मनाया,
मायके की फौज बुला लूंगी, उनको है धमकाया
नुक्कड़ ने आज ही अपना चार सौ का आंकडा पार किया,
अविनाश भाई ने फ़टाफ़ट, बधाई सन्देश तैयार किया..
विवेक भाई ने स्वप्नलोक से जाग कर बहुतों को जगाया है,
गहने कहाँ पर साफ़ कराओ, इस पोस्ट में बताया है.
उड़नतश्तरी कार में बैठी,,तगडी थी रफ़्तार ,
बीडी पीती महिला चालाक खूब रहे थे ताड़
टाईम टाईम पर , सूअर से भी कर ली आँखें चार ,
कितने मजे में,,इत्ता लम्बा सफ़र दिया गुजार .
विक्स की इस शीशी को आदि ने सैर करवाई,
इस नन्हे शैतान की, शैतानी सबके मन को भाई
पता नहीं राज भाई ने इस बार ये किसकी बुत है लगाई.
सुबह से गूगल बाबा ने भी मदद नहीं की भाई ..
धारा ३७७ पर , क्वेस्चन गया उठाया ,
डोगरा जी ने समलैंगिकता पर बधया लेख पढ़वाया
सविता भौजी को बैन किया चिंतित इतनी सरकार है.
नैय्यर साहब कह रहे..ये फ़ैल रहा कारोबार है
गे का हिंदी अनुवाद यादव जी ने बतलाया,
इस मुद्दे का परखाच्चा गजब उडाया
ताऊ जी की मंडे मैगजीन, अभी अभी छप के आयी है..
इतने ही दिन में ये ब्लॉग पत्रिका , सबके मन को भाई है
संगीता जी ने बारिश का पूरा हिसाब किताब लगया है .
चिंता करो , और चिंतन भी , इस पोस्ट में समझाया है
पशु पक्षी भी करते हैंं इलू इलू ,..मिश्र जी बतलाते हैं..
पढ़ पढ़ कर हम दाँतों तले उंगली दबाते हैं..
शहरी बाबू भी देहाती बोल से काम चलाते हैं.
आज अजित भाई ,,कुछ ऐसा ही फरमाते हैं..
मैसेज पे मैसेज.दीप्ती जी परेशान हैं.
न माँ ,न बिटिया बनना, कुछ भी नहीं आसान है .
आज अनिल भाई ने एक नया राज खोला है..
टिकट आ रहा एक और नया..कुछ ऐसा ही बोला है
इस बार एक और इनकी अदा देखिये,
बैंगन की डंठल में चिकन का मजा लीजिये..
इसी के साथ बंधू आज की चिट्ठी यहीं पर ख़तम हुई..
चख कर बता देना,,किसको कितनी हजम हुई ..
डरते डरते पहली चिट्ठी यूँ रहे थे बांच,
खूब मिली शाबाशी, चटके लगे कुल पांच,
झाजी का मन मयूर रहा ,,बिन बदली के नांच
तो सोच लिए अब ऐसे ही पोस्टवा सबको जांचेंगे,
जब भी मिला मौका, हम रोज चिट्ठिया बांचेंगे ..
तो लीजिये पेश है :-
सुरेश जी की पत्नी श्री ने , ऐसे सालगिरह मनाया,
मायके की फौज बुला लूंगी, उनको है धमकाया
नुक्कड़ ने आज ही अपना चार सौ का आंकडा पार किया,
अविनाश भाई ने फ़टाफ़ट, बधाई सन्देश तैयार किया..
विवेक भाई ने स्वप्नलोक से जाग कर बहुतों को जगाया है,
गहने कहाँ पर साफ़ कराओ, इस पोस्ट में बताया है.
उड़नतश्तरी कार में बैठी,,तगडी थी रफ़्तार ,
बीडी पीती महिला चालाक खूब रहे थे ताड़
टाईम टाईम पर , सूअर से भी कर ली आँखें चार ,
कितने मजे में,,इत्ता लम्बा सफ़र दिया गुजार .
विक्स की इस शीशी को आदि ने सैर करवाई,
इस नन्हे शैतान की, शैतानी सबके मन को भाई
पता नहीं राज भाई ने इस बार ये किसकी बुत है लगाई.
सुबह से गूगल बाबा ने भी मदद नहीं की भाई ..
धारा ३७७ पर , क्वेस्चन गया उठाया ,
डोगरा जी ने समलैंगिकता पर बधया लेख पढ़वाया
सविता भौजी को बैन किया चिंतित इतनी सरकार है.
नैय्यर साहब कह रहे..ये फ़ैल रहा कारोबार है
गे का हिंदी अनुवाद यादव जी ने बतलाया,
इस मुद्दे का परखाच्चा गजब उडाया
ताऊ जी की मंडे मैगजीन, अभी अभी छप के आयी है..
इतने ही दिन में ये ब्लॉग पत्रिका , सबके मन को भाई है
संगीता जी ने बारिश का पूरा हिसाब किताब लगया है .
चिंता करो , और चिंतन भी , इस पोस्ट में समझाया है
पशु पक्षी भी करते हैंं इलू इलू ,..मिश्र जी बतलाते हैं..
पढ़ पढ़ कर हम दाँतों तले उंगली दबाते हैं..
शहरी बाबू भी देहाती बोल से काम चलाते हैं.
आज अजित भाई ,,कुछ ऐसा ही फरमाते हैं..
मैसेज पे मैसेज.दीप्ती जी परेशान हैं.
न माँ ,न बिटिया बनना, कुछ भी नहीं आसान है .
आज अनिल भाई ने एक नया राज खोला है..
टिकट आ रहा एक और नया..कुछ ऐसा ही बोला है
इस बार एक और इनकी अदा देखिये,
बैंगन की डंठल में चिकन का मजा लीजिये..
इसी के साथ बंधू आज की चिट्ठी यहीं पर ख़तम हुई..
चख कर बता देना,,किसको कितनी हजम हुई ..
रविवार, 5 जुलाई 2009
एक चिट्ठी चर्चा वाली
बहुत दिनों से तमन्ना थी की ...हम भी कभी ऐसी चिट्ठी बांचे जिसमें सबके नाम एक छोटे छोटी पाती हो..पहले लिंक बनाना नहीं आता था..अविनाश भाई ने सीखा दिया..फिर हिम्मत नहीं हो rahee थी., फिर सोचा ..अरे चिठ्ठी ही तो है...पसंद ना आयी तो सब जवाब नहीं देंगे ...कोई बात नहीं...सो लिख कर आपके सामने रख दिया है..बताइयेगा की अगली लिखने की हिम्मत करूँ या नहीं ..जो छूट गए..उम्मीद हैं माफ़ करेंगे..
१. ताऊ जी सबको इस बार लंगर है छाकवाया,
रविकांत जी को,ताऊ ने ताज ने पहनाया ,
बिल्लन ने सबको गणित में उलझाया ,
अपनी उम्र पूछ कर सबको नाच नचाया
३.इस बर्थ डे का अनिल भाई के साथ केक खाइए
किसका है जन्मदिन , जाके देख आइये.
४.न जाने कब तक चलेगी कहानी अत्याचार की
राज भाई ने पूछा , क्या सजा हो बलात्कार की.
५.स्वयंवर की अद्भुत ये प्रथा है आयी
सुना है इक ब्लॉगर भी कतार में है भाई.
६.फुर्सत नहीं थी , फिर भी चर्चा हुई सावधानी से
इस बार की चिठ्ठी पोस्ट हुई राजधानी से
७.पाबला जी ब्लोगों को अखबारों से है मिलाया,
कौन कहाँ पर कब छपा,आज है फिर बतलाया.
८.भाई थे विक्रम और टल्ली हुए बेताल
दोनों की कथा का यहाँ पर पढिये हाल
९. इलाहाबाद की सैर को आप भी बनें बाराती
शादी के लड्डू खाइए , बन शुशांत के साथी
१०. मिलिए इस नन्ही ब्लॉगर से इसका नाम लविजा है
खुद ही जा कर देख लें , इसने क्या क्या सीखा है
११.अभिव्यक्ति के अधिकार पर ये श्रृंख्ला जारी है
पढिये इसको ध्यान से विषय बड़ा ही भारी है
१२.निन्यानवे के फेर में जिसको है पड़ना
उसके लिए जरूरी है ये पोस्ट ही पढ़ना
१४.इग्नू की डिग्री हुई अमान्य, हमने है फरमाया
ख़बरों को पढने को इक नया ब्लॉग लटकाया
१५.डाक्टर अमर ने डाक्टर दे पे राज बहुत से खोले हैं.
आप भी देखिये ..का कैसे ..ऊ बोले हैं ...
१६.कहते हैं महेंदर भाई..झूठे ये बादल छाये हैं..
आज फिर बहुत बढिया..ऊ भी चर्चियाये हैं..
और हाँ ..कुछ मेरे लिए आदेश /सुझाव/नसीहत /शिकायत हो तो कहियेगा...जरूर
१. ताऊ जी सबको इस बार लंगर है छाकवाया,
रविकांत जी को,ताऊ ने ताज ने पहनाया ,
बिल्लन ने सबको गणित में उलझाया ,
अपनी उम्र पूछ कर सबको नाच नचाया
३.इस बर्थ डे का अनिल भाई के साथ केक खाइए
किसका है जन्मदिन , जाके देख आइये.
४.न जाने कब तक चलेगी कहानी अत्याचार की
राज भाई ने पूछा , क्या सजा हो बलात्कार की.
५.स्वयंवर की अद्भुत ये प्रथा है आयी
सुना है इक ब्लॉगर भी कतार में है भाई.
६.फुर्सत नहीं थी , फिर भी चर्चा हुई सावधानी से
इस बार की चिठ्ठी पोस्ट हुई राजधानी से
७.पाबला जी ब्लोगों को अखबारों से है मिलाया,
कौन कहाँ पर कब छपा,आज है फिर बतलाया.
८.भाई थे विक्रम और टल्ली हुए बेताल
दोनों की कथा का यहाँ पर पढिये हाल
९. इलाहाबाद की सैर को आप भी बनें बाराती
शादी के लड्डू खाइए , बन शुशांत के साथी
१०. मिलिए इस नन्ही ब्लॉगर से इसका नाम लविजा है
खुद ही जा कर देख लें , इसने क्या क्या सीखा है
११.अभिव्यक्ति के अधिकार पर ये श्रृंख्ला जारी है
पढिये इसको ध्यान से विषय बड़ा ही भारी है
१२.निन्यानवे के फेर में जिसको है पड़ना
उसके लिए जरूरी है ये पोस्ट ही पढ़ना
१४.इग्नू की डिग्री हुई अमान्य, हमने है फरमाया
ख़बरों को पढने को इक नया ब्लॉग लटकाया
१५.डाक्टर अमर ने डाक्टर दे पे राज बहुत से खोले हैं.
आप भी देखिये ..का कैसे ..ऊ बोले हैं ...
१६.कहते हैं महेंदर भाई..झूठे ये बादल छाये हैं..
आज फिर बहुत बढिया..ऊ भी चर्चियाये हैं..
और हाँ ..कुछ मेरे लिए आदेश /सुझाव/नसीहत /शिकायत हो तो कहियेगा...जरूर
शुक्रवार, 3 जुलाई 2009
यूँ न धमकाना फिर कभी, हम अक्सर मुकदमों में रहते हैं.....
तुम्हें होगी आदत,
घावों को कुरेद,
उन्हें हरा करके,
देखने की,
हम दर्द ,
पी जाया करते हैं,
हम नहीं,
जख्मों में रहते हैं........
कभी धर्म, जाति,
भाषा, नर-नारी,
विचार-मतभेद,
न जाने किन-किन,
बातों से,
चलाते हो,
तुम्ही ये,
अभिव्यक्ति की दुनिया,
तुम जैसे कई ,
इन्ही भरमो में रहते हैं.........
हमारा उतना ,
बड़ा न सही,
मगर इक ,,छोटा सा ही,
नाम तो है,
हम क्यूँ छुप्पायें,
उसको., कौन सा,
तुम जैसे कुकर्मो में रहते हैं...
और हाँ .....एक आखिरी जरूरी iबात..फिर नहीं बताएँगे...
हम मानते हैं,
तुम्हारे कई रसूखवाले,
जाने किन -किन ,
महकमों में रहते हैं,
मगर हमें न,
यूँ फिर ,
धमकाना कभी,
हम भी अक्सर,
मुकदमों में रहते हैं.....
कोर्ट कचहरी वाले हैं भाई...मुकदमों में ही रहते हैं दिन भर...और ये मत पूछियेगा की धमकी कौन कैसी, क्यूँ ,,दे रहा/रही है /या दिया था ...जानने वाले जान ही जायेंगे...और ...छोडिये ....जाने दीजिये...आखिरी बार कहा है ...अब नहीं कहेंगे...और यदि ऐसा ही है की किसी न किसी से शुरुआत होगी ही ..तो हम भी तैयार हैं...ये न समझना की ..कहीं दूर चले जायेंगे....
बुधवार, 24 जून 2009
वे हिंदी में ब्लॉग्गिंग करते हैं..और हिंदी ब्लॉग्गिंग को गरियाते हैं

कुछ लोग यहाँ पर आजकल,
गजब की हिम्मत (हिमाकत )दिखा रहे हैं,
हिंदी में कर रहे हैं ब्लॉग्गिंग,
और हिंदी ब्लॉग्गिंग को ही गरिया रहे हैं,
पोस्ट , दो-चार लाइन की ठेल कर,
किसी को भड़का, किसी को उकसा रहे हैं,
लोग पढें ,पसंद करें, और टिपियाएँ भी,
सबसे यही अपेक्षा लगा रहे हैं,
टिप्पियाँ भी हाँ जी वाली तो ठीक, नहीं तो,
मोडरेशन के बहाने ,,उड़ा रहे हैं...
सिर्फ वही करते हैं, गंभीर लेखन,
ऐसा बार -बार जता रहे हैं.....
खुद की चर्चा नहीं हो कहीं, या की कोई करे आलोचना,
बस वहीं,,उबल उबल कर टिपिया रहे हैं...
समझ नहीं आता जब हिंदी ब्लॉग्गिंग इतनी ही गंदी है,
तो क्यूँ अपनी कलम यहाँ चला रहे हैं...
हमें तो उनका अंदाज पसंद न आया, जिस थाली में खाया,
खुद खा खा कर, उसी में छेद बना रहे हैं....
आप सब भी समझ गए होंगे ही,
और वो भी ,जिनके लिए इतना लिखे जा रहे हैं..
आम तौर पर मैं इस तरह की बातें नहीं लिखा करता..मगर पिछले कुछ दिनों से देख पढ़ रहा हूँ की कुछ लोग यहाँ सिर्फ नकारात्मक बातें ही कर रहे हैं..कारण वे ही बेहतर जाने.....यदि आलोचना करनी ही है...तो फिर पूरे तर्क के साथ और स्वस्थ अंदाज में कीजिये....अजी किसी पर उंगली उठाना तो सबसे आसान काम है..हो सकता है हिंदी ब्लॉग्गिंग में अभी बहुत सी कमियां हों मगर इन्हें दूर करने के लिए आसमान से कोई उतरेगा नहीं......ज्यादा नहीं कहना चाहता..मुझे हिंदी ब्लॉग्गिंग पसंद है..और इसके लिए किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं लगती....
गजब की हिम्मत (हिमाकत )दिखा रहे हैं,
हिंदी में कर रहे हैं ब्लॉग्गिंग,
और हिंदी ब्लॉग्गिंग को ही गरिया रहे हैं,
पोस्ट , दो-चार लाइन की ठेल कर,
किसी को भड़का, किसी को उकसा रहे हैं,
लोग पढें ,पसंद करें, और टिपियाएँ भी,
सबसे यही अपेक्षा लगा रहे हैं,
टिप्पियाँ भी हाँ जी वाली तो ठीक, नहीं तो,
मोडरेशन के बहाने ,,उड़ा रहे हैं...
सिर्फ वही करते हैं, गंभीर लेखन,
ऐसा बार -बार जता रहे हैं.....
खुद की चर्चा नहीं हो कहीं, या की कोई करे आलोचना,
बस वहीं,,उबल उबल कर टिपिया रहे हैं...
समझ नहीं आता जब हिंदी ब्लॉग्गिंग इतनी ही गंदी है,
तो क्यूँ अपनी कलम यहाँ चला रहे हैं...
हमें तो उनका अंदाज पसंद न आया, जिस थाली में खाया,
खुद खा खा कर, उसी में छेद बना रहे हैं....
आप सब भी समझ गए होंगे ही,
और वो भी ,जिनके लिए इतना लिखे जा रहे हैं..
आम तौर पर मैं इस तरह की बातें नहीं लिखा करता..मगर पिछले कुछ दिनों से देख पढ़ रहा हूँ की कुछ लोग यहाँ सिर्फ नकारात्मक बातें ही कर रहे हैं..कारण वे ही बेहतर जाने.....यदि आलोचना करनी ही है...तो फिर पूरे तर्क के साथ और स्वस्थ अंदाज में कीजिये....अजी किसी पर उंगली उठाना तो सबसे आसान काम है..हो सकता है हिंदी ब्लॉग्गिंग में अभी बहुत सी कमियां हों मगर इन्हें दूर करने के लिए आसमान से कोई उतरेगा नहीं......ज्यादा नहीं कहना चाहता..मुझे हिंदी ब्लॉग्गिंग पसंद है..और इसके लिए किसी के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं लगती....
बुधवार, 17 जून 2009
अच्छा जी घूम के आते हैं......

भाई पिछले कई दिनों से देख रहा था की कोई न कोई पोस्ट इस गर्मी में ऐसी आ ही रही थी जो आँखों और मन को सुकून पहुंचा रही थी..कोई बर्फ के पहाड़ दिखा रहा था तो कोई हरियाली ...यार कब तक बर्दाश्त करते....मन पिनक गया...और हमने भी बना लिए प्रोग्राम..वैसे भी श्रीमाती जी जब भी ..कोई सुन्दर दृश्य सिनेमा में देखती , और मेरे ये कहने की देर नहीं हुई...बड़ी ही सुन्दर जगह है..बिक्लुल अद्भुत और मनोरम...पत्नी जी बिदक कर तुरत मनोरमा बन जाती ..और शुरू हो जाती ..हमें कहीं घुमाते-फिरते भी हो.(दरअसल , जोश जोश में हमन श्रीमती जी को बता दिया था की अपने कुंवारे समय में हमने देश के सत्तर शहरों में घुमाई फिराई कर राखी है...)बस लगे रहते हो अपने इस कम्यूटर के साथ...किसी दिन सारा गुस्सा इसी पर निकलेगा ..इसे तो वाशिंग मशीन में धो दूंगी...
मैंने सोचा की सचमुच ही ऐसा हो..इससे पहले ही कार्यकम बना लिया..सो अब चलते हैं...डलहौजी..चम्बा .खजियार..पंचदिवसीय दौरा है..वापसी आने पर दो तीन पोस्टों का जुगाड़ भी हो जाएगा..उन्ही फोटुओं में अपनी श्रीमती जी..अपने पुत्तर लाल श्री गोलू जी और बिटिया रानी बुलबुल से आपको मिलवायेंगे...
आप जो मन करे लिखिए टिपियाइये..हम मोबाईल पर पढेंगे...अरे नहीं लैपटॉप नहीं जा रहा हम नहीं चाहते की कल को खबर मिले की एक लैपटॉप की लाश डलहौजी की घाटियों में पायी गयी..
शनिवार, 13 जून 2009
अफज़ल की पेंशन तय...कसाब ने भी मांग की

मुझे तो पहले ही पता था की इस बार जय हो जय हो ..करके सरकार बनी है तो कुछ न जय तो जरूर ही करेगी ..भाई लोगों जो भी अफज़ल और कसाब की सजा और फाँसी को लेकर चिंता में थे .उन्हें अब दुबले होने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है..वे अगले पच्चीस सालों तक मज़े में इस मुद्दे पर ब्लॉग पोस्ट ठेल सकते हैं..
चलिए पहले ये बताता हूँ की माजरा क्या है..आज प्रकाशित खबर के अनुसार..नए कानून मंत्री (वीरप्पा ,यार ये नाम कुछ सुना सुना सा लगता है ..अरे नहीं उसमें तो न लगा था ) ने मजबूरी जाहिर करते हुए बताया है की जब तक राष्ट्रपति के पास अफज़ल की दया याचिका लंबित है ....तब तक उसे फांसी पर नहीं चढाया जा सकता. ..और अब लंबित याचिकाओं की भी सुन लीजिये...राष्ट्रपती के पास अभी कुल अट्ठाईस याचिकाएं लंबित हैं....जिनका निस्तारण होने में कम से कम पच्चीस साल लग सकते हैं...कम से कम है ये समय....तो इस हिसाब से अपने अफज़ल miyan तो yaheen buddhe हो जायेंगे ....ऐसे में bhaarteey परम्परा के अनुरूप उनके लिए पेंशन की भी व्यवस्था होनी ही चाहिए..देखिये देखिये ....अब इसका विरोध तो नहीं ही करिए..आखिर उसने आपना पूरा जीवन देश में लगा दिया जी....इतना तो उसका हक़ बनता है...हाँ एमाउंट कितना होगा ये अभी तय नहीं हुआ है....मगर सब कुछ मंदी के ऊपर निर्भर करता है..
इस सारे मुद्दे को देखते और समझते हुए कसाब (क्या समझ रहे हैं आप...अजी कसाब सब कुछ ठीक से समझे इसीलिए तो सरकार ने उसे एक काबिल वकील भी मुहैया कराया है ...और वो अब पहले से ज्यादा समझदार है ) ने भी अविलम्ब ही अपने लिए भी सरकार से कुछ सोचने की मांग की है. उसका कहना है की अफज़ल भैया के लिए तो बुजुर्गी पेंशन तय ही की जा चुकी है..लगभग ..का क्या मतलब है जी..पक्का ही समझें....मगर वो तो अभी बच्चा है ..सो उसके बालिग़ होने तक बच्चों की कोई इंश्योरेंस पालिसी ही करवा दो..और बालिग़ होने पर जीपीईफ़ ..पीपीईफ़ वैगेरह का इंतजाम कर दिया जाए..किसी भी तरह के बोंड से उसने साफ़ मन किया है..मंदी के दौर को देखते हुए उसकी चिंता स्वाभाविक ही लगती है...मौजूदा समय में मुझे तो उसकी मांगें बिलकुल जायज़ लगी...हालांकि मेरा तो विचार था की सरकार को नया वेतन आयोग लागू करते समय ही इन अफज़ल ..कसाब ..और बहुत से ..जो अभी आने वाले हैं ..उनके कल्याण के लिए कोई ठोस नीती बनानी चाहिए थी..
सुना है की इस खबर का अन्तराष्ट्रीय फांसी वेटिंग मुजरिम्स असोसीयेशन ने स्वागत किया है..और मांग की है की उन्हें पूरे विश्व में भारत की न्याय व्यवस्था पर सबसे ज्यादा भरोसा हो गया है ..विशेषकर सबने एक ख़ास आग्रह किया है की उन सबकी अंतिम याचिका भारत के राष्ट्रपति के पास ही भेजी जाए..इसके लिए वे अपने अपने देश से एक एक राष्ट्रपति भी भेज सकते हैं...(यहाँ राष्ट्रपति के पास ज्यादा पेंडिंग न बढ़ जाए इसलिए. )
गुरुवार, 11 जून 2009
महाराष्ट्र में भी भारतीय प्रताडित किये गए.....

ऐसा लग रहा है की विश्व सचमुच एक गाँव का रूप ले चुका है...देखिये न ..घटना कहीं और होती है और प्रतिघटना कहीं और..अभी कुछ समय पहले ही बाहर किसी सिख गुरु पर हमले के विरोध में कैसे पूरा पंजाब सुलग उठा था....वो तो शुक्र है की मामला जल्दी शांत हो गया...आजकल भारतीयों पर हमले की घटनाएं बहुत बढ़ गयी हैं...अरे नहीं नहीं मैं उन नेताओं की बात नहीं कर रहा हूँ जो चुनाव के दुरान जूते के हमले का शिकार हुए थे., सच कहूँ तो तो न तो वो हमला था और न वे नेता लोग भारतीय जैसे थे..खैर,
तो बात हो रही थी की इन दिनों हमारे बच्चे जो बाहर जा कर पढ़ना चाह रहे थे ...कमबख्त गोरों ने पता नहीं कौन सी निकाली है.....सुना एक कारण तो ये भी बताया जा रहा है की जबसे आमिर ने लगान में गोरों की टीम को हरा दिया तब से वे बेचारे
कोई भीमैच नहीं जीत पा रहे हैं..चलिए छोडिये उस मुद्दे पर फिर बात करेंगे...फ़िलहाल तो चिंताजनक खबर ये है की कुछ भारतीयों पर महाराष्ट्र में भी मानसिक हमले किये गए हैं...पूरी खबर ..आज के दैनिक जागरण में पढें...दरअसल वहाँ के पुणे आई आई टी संस्थान में साकछात्कार देने गए बिहारी (क्यों वे भारतीय नहीं हैं क्या, आप क्यूँ चौंके )विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताडित किया गया ..उनसे पूछा गया की बिहार देश की अपराध राज्धाने क्यूँ और कैसे बनी....बताइये भला ..अरे ये तो लालू जी पासवान जी ..और भी जितने जी हैं....उनसे ही पोछना चाइये था न...
विद्यार्थियों से कहा गया की यहाँ महाराष्ट्र में जितने अपराध होते हैं ...वे बिहारी करते हैं......बताइए भला...मुझे तभी जाकर पता चला की ..दाउद इब्राहीम...अरुण गावली. हाजी मस्तान..और राज ठाकरे लोग बिहारी हैं.....मैं तो उन्हें महाराष्ट्र का ही समझ रहा था अब तक.......सुना है नीतिश जी ने पूरी गंभीरता से ये मसला उठाया है..अब ये पता नहीं की उन्होंने आस्ट्रेलिया बात की है या.....नहीं नहीं यार ...भारत में कोई भारतीय को क्यूँ.......अच्छा ऐसा हुआ है....लोगों की मानसिकता कितनी आस्ट्रेलियन हो गयी है.....नई.....
सोमवार, 8 जून 2009
ब्लू लाइन बसें सेना में शामिल :सेना के लिए गर्व का दिन

न जाने कितने वर्षों से मैं इस घड़ी की प्रतीक्षा कर रहा था ..और ब्लॉग्गिंग के अपने शुरुआती दिनों में भी ये बात मैंने अपनी एक पोस्ट में जाहिर की थी..और आखिरकार आज वो दिन आ ही गया...आज ही अपने विश्वस्त ( जिन पर मुझे कभी भी विश्वास नहीं रहा ) सूत्रों से पता चला की ..सेना ने दिल्ली की ब्लू लाइन बसों के लगातार बढ़ते सटीक परिणाम और अचूक मारक क्षमता ...को मानते और समझते हुए ...आखिरकार उसे सेना के इन्फैन्ट्री में शामिल करने का निर्णय ले ही लिया...हालांकि अभी ये तय बहिन हुआ है की ये नयी बसें...जिन्हें नए मारक अस्त्र के रूप में सेना में शामिल किया गया है ..वे बोफोर्स तोप का स्थान लेंगी या नहीं ...मगर इतना तो तय है की आने वाले समय में ब्लू लाइन बसें..लोगों को मारने और कुचलने की अद्भुत क्षमता के बदौलत ...अन्य सभी तोप और अन्य मारक वाहनों को कड़ी टक्कर देगी...
दरअसल सेना का नजर तभी से इस अचूक मारक वाहन पर लगी हुई थी जब से वे देख रहे थे .....की सरकार और पुलिस के इतने पहरे..नियमों और कानूनों के बावजूद ये वाहन लगातार अपनी मारक क्षमता को बढ़ा रहा था .....और तो और उन्हें इस वाहन का ये गुण भी विशेष रूप से पसंद आया था की ये अपने लक्ष्य में किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं करता....आदमी क्या. स्कूटर कर. कार क्या...सब को एक ही नजर से लक्ष्य बना लेता है....वेतन आयोग के लागु होने के समय जब सेना ने सरकार के सामने अपनी मांगें राखी थी तभी ये भी कहा था की इन बसों को भी सेना में शामिल किया जाए..
मगर जनसँख्या नियंत्रण विभाग ने ये कहते हुए आपत्ति की , की इन बसों ने पिछले दिनों में उनकेअभियान को बड़ी सफलता दिलाई है.......लेकिन आखिरकार उन्हें मना ही लिया गया......
सेना ने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा की पहली बार देश में बने किसी मारक वाहन को अपनी सेना में शामिल करके उन्हें अभूतपूर्व गर्व का एहसास हो रहा है....सेना को हमारी भी शुभकामनायें...
(ऐसी ही एक पोस्ट मैंने अपने शुरआती दिनों में लिखी थी ...मगर आज भी सामयिक लगी सो लिख दी....)
शनिवार, 6 जून 2009
सावधान....यहाँ सौ का नोट दस में बदल जाता है.....

जी हाँ, आप सोच रहे होंगे कि अब तक तो यही सुन और देख रहे थे कि , कोई पैसे ले कर उसे दुगुना और तिगुना कर देता है ......मगर ये कौन सी अनोखी स्कीम आ गयी है जहां सौ का नोट सीधे दस रुपये के नोट में बदल जाता है.....यकीन नहीं हो रहा ...तो खुद ही देख लीजिये.....
जी ...बिलकुल ठीक समझे आप ये अनोखी स्कीम इन दिनों भारतीय रेलवे के टिकेट काउंटर पर खूब मजे में चलाई जा रही है....ख़ास कर उन स्टेशनों पर जहां लोगों की भीड़ बहुत ज्यादा है....ऐसे में राजधानी दिल्ली में तो पूछिए मत......गरीब, मजदूर, अनपढ़, और बहुत से लोग जो अचानक घर जाने (मेरा मतलब अपने मूल प्रदेशों ) का कार्यक्रम बना लेते हैं....स्टेशन पहुँच कर टिकेट की लाइन में लग जाते हैं.....घंटे दों घंटे बाद जब नंबर आता है तो जैसे ही काउंटर के अन्दर पैसे पकडाते हैं.....आवाज आती है......भाई ये क्या दे रहे हो.....वो कुछ समझे इससे पहले ही उसके सौ के नोट के बदले दस का नोट वापस देकर कहा जाता है पैसे कम हैं......लोग अक्सर पैसे गिरने के दर से नोटों को लपेट कर या मोड़ कर काउंटर में डालते हैं....और बस यही से कमाल कर देते हैं स्कीम वाले......अभी कल ही एक महिला काउंटर क्लर्क को विजिलेंस वालों ने रँगे हाथों यही कलाकारी करते पकड़ लिया ....इन महिला के खिलाफ कई दिनों से शिकायत आ रही थी...चूँकि लोगों को ट्रेन पकड़ने की जल्दी होती है इसलिए वे झगडे में पड़ने की जगह दूसरा नोट पकडाना ही बेहतर समझते हैं......फिर लाइन में लगे अन्य लोग भी उसे वहाँ ज्यादा देर तक नहीं रुकने नहीं देते.....
यदि आप भी किसी ऐसी स्थिति में पड़ते हैं तो मेरी तरफ से दों सलाह.....हमेशा नोट को खोल कर पक्दाइये...जिससे काउंटर के अन्दर कलाकारी करने वालों को मौका न मिले....यदि फिर भी ऐसा हो ही जाए तो,,,समय हो तो खुद अन्यथा जो भी आपको छोड़ने आये हों.....उस काउंटर के कलाकार की शिकायत....वो भी लिखित में....(हालाँकि इसके लिए शिकायत पुस्तिका मिलना भी किसी चमत्कार से कम नहीं होगा आपके लिए )जरूर करें....इससे किसी न किसी दिन उस रेलवे के कलाकार का नाम जरूर रोशन होगा....
कमाल है रेलवे की इतनी तन्क्वाह और ओवर टाईम के बावजूद ये स्कीम......सौ रुपये दों....दस का लो.....
शुक्रवार, 5 जून 2009
सुना है...पर्यावरण दिवस पर.....
पर्यावरण दिवस को, छोटे में, कुछ यूँ, मनाया हमने, उन्होंने किये वादे, दोहराए संकल्प, बस सच, दिखाया हमने, सुना है , इक कार, सबको , सस्ते में मिलेगी, धुंआ तो , वो भी छोडेगी, आखिर , सड़क पर चलेगी, सुना है,कोरिया ने, कूलर से सस्ता, ऐसी बनाया है, सी ऍफ़ सी, गैस न निकले, क्या कोई ऐसा, यन्त्र लगाया है...? सुना है, इको संतुलन को, अमरीका भी तैयार है, ढूंढ रहा है सी आई ए, उसे जो , पर्यावरण, असनतुलन का, जिम्मेदार है.....
और जैसे ही वो मिल जाएगा... हम उसे पकड़ कर सभी प्रदूशानो से मुक्त हो जायेंगे...आप भी तलाश जारी रखें.....
रविवार, 31 मई 2009
यूँ ना बुझेगा धुंआ ....

तम्बाकू निषेध दिवस पर हरेक वर्ष की तरह कुछ नया पुराना तो होगा ही. इस बार सरकार ने नए कानून के अनुसार सभी तम्बाकू पदार्थों के ऊपर खतरे के निशाँ युक्त चिन्ह को अनिवार्य कर दिया है. तो क्या इससे सचमुच इससे कुछ फर्क पड़ जायेगा... वैधानिक चेतावनी , कि तम्बाकू का सेवन आपके स्वास्थय के लिए हानिकारक है , तो न जाने कब से छापा दिख रहा है. अभी पिछले वर्षों में सरकार ने सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था, तो क्या उससे कोई बड़ा परिवर्तन आया....नहीं कदापि नहीं....
दरअसल सरकार अपनी मजबूरी , जो कि इन दिवसों पर उसे निभानी पड़ती है, के अनुरूप हर साल कुछ औपचारिक रूप से करती ही है और फिर उसे हर दुसरे प्रयासों की तरह भूल जाती है. न ही समस्या के प्रति गंभीर है न ही संजीदा. आगे बढ़ने से पहले कुछ बातें कहना चाहूँगा जो शायद यहाँ समीचीन हों. कुछ वर्षों पहले जापान में ऐसे ही धूम्रपान निषेध को लागू किया गया. आप शायद यकीन न करें, मगर सच यही है कि सिर्फ पचास दिनों के भीतर , धुम्रपान करने वाले कुल लोगों में से लगभग चौसंठ प्रतिशत लोगों पर सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने के लिए जुरमाना लगा दिया गया. आज वहाँ ऐसी व्यवस्था है कि जगह जगह पर एक मोबाईल वें घूमती है, या उपलब्ध रहती है. जिनमें बैठ कर ही लोग धूम्रपान कर सकते हैं...चलिए एक और जगह की बात करते हैं. भूटान विश्व का वो पहला देश था जहां पर राष्ट्रीय स्तर पर धुम्रपान निषेध लागू कर दिया गया. मगर वहाँ अपने देश की तरह रातों रात कुछ नहीं किया गया . पहले दों वर्षों तक धुम्रपान से सम्बंधित सभी पहलुओं पर विचार किया गया , उन उद्योगों में लगे लोगों के लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यस्था की गए तब जाकर इसे लागू किया गया...इस तरह सफल होते हैं ये निषेध.....
चलते चलते एक बात और, मेरा एक मित्र जो खुद भी धूम्रपान करता था, ने मुझे बताया कि एक निर्दोष नामक सिगरेट आती है.. जो न सिर्फ कम हानिकारक है , बल्कि यदि उसका ही सेवन किया जाए तो धुम्रपान की आदत धीरे धीरे छोट जाती है.............वैसे मेरे ख्याल से तो आज के दिन जम कर उन लोगों पर जुरमाना lagayaa जाए जो धुम्रपान करते हैं ...ताकि उन्हें कुछ तो दंड मिले....
शनिवार, 9 मई 2009
लो जी हमारा भी हो गया छतीस का आंकडा

चलो बता दिया आपको,
आज है अपना भी बर डे.....,
जो भी हो फुर्सत में,
हमें भी विश कर दे.....
ये तो इक इशारा है,
आपके इस कनीस का,
गिनते गिनते अपना भी,
आज आंकडा हुआ छतीस का...
हो गया ख़त्म बचपन अपना,
अब साठ तक जवानी रहेगी॥
इसके बाद का क्या कहें...,
इतिहास रहेगा, कहानी रहेगी.....
और हाँ, बर डे का केकवा ऊपर लटका दिए हैं, थोड़ा थोडा चख लीजियेगा मगर वेज है की नॉन वेज ई तो ससुरा गूगलवा ही बता सकता है , काहे की उसकी ही फैक्ट्री का ना है.......
शनिवार, 2 मई 2009
सूअर फ्लू के बाद होगा डायनासोर बुखार ........

अगली बार फैलेगा डायनासोर फ्लू
मुझे अच्छी तरह याद है की जब हम छोटे थे तो कई तरह की बीमारियों का नाम सुनते थे, मसलन बुखार, पेचिश, हैजा, छोटी माता, बड़ी माता, और भी न जाने कौन कौन से . इसके काफी दिनों बाद एक और बीमारी ने बड़ी दहशत फैलाई थी, वो थी दिमागी बुखार या गर्दन तोड़ बुखार . मगर पिछले कुछ सालों से जिस तरह की बीमारियों का नाम सुन रहा हूँ उसने तो दिल दिमाग दोनों ही चकरा कर रख दिए हैं. यदि मैं ऐड्स को इसमें न भी शामिल करूँ तो भी , आप ख़ुद ही देखिये न, मैड काऊ (जो गाय का मांस खाने के कारण होती थी ) फ़िर आया बर्ड फ्लू या कहें चिकेन गुनिया और अब ये सूअर फ्लू या कहें की सूअर गुनिया. हलाँकि इनके अलावा हेपातायीतिस और कुछ इसी तरह की नयी बीमारियां भी हमारे जमाने में नहीं सूनी जाती थी, किंतु इन बीमारियों में हमारे इन जीवों का कोई हाथ नहीं था.
एक बात मेरी समझ में नहीं आयी, यदि ये भयंकर बीमारियाँ , गाय, मुर्गी और सुआर जैसे जीव जंतुओं, पशुओं को खाने से ही होती हैं तो लानत है, अमा यही चीजें बची हैं खाने के लिए. अबे ये कोई आदम ज़माना है की शिकार कर के जानवरों का मांस भक्षण करना ही पडेगा, इश्वर की बनायी इस दुनिया में खाने की चीजों की कोई कमी है क्या जो लोग ये सूअर, गाय, भैंस, कीडे मकोडे खाने पर तुले हुए हैं.
भैया अब भी उन सबसे मेरी अपील है की इंसान हो इंसान बन कर रहो, यार ये काम तो जानवर भी कुछ ही करते हैं. मुझे तो कभी कभी लगता है की शुक्र है आज के जमाने में डायनासोर नहीं थे नहीं तो किसी दिन सुनने को मिलता की दुनिया में डायनासोर फ्लू भे फ़ैल रहा है………….
गुरुवार, 30 अप्रैल 2009
अरे कोई लिंक बनाना सिखा दो भाई....
मैंने अक्सर लिखते समय महसूस किया है की यदि उसी विषय पर मैं पहले से कही हुई बात उन चिट्ठाकारों के ब्लॉग एड्रेस के साथ लिंक बना कर लिख सकता तो क्या खूब होता, जैसे आप लोग चिटठा चर्चा में करते हैं मगर अफ़सोस की मुझे लिंक बनाना नहीं आता, क्या आप में से कोई मेरी मदद कर सकता है , थोड़ा आसान रास्ता बताइयेगा, आपका आभार .....
सोमवार, 27 अप्रैल 2009
लादेनवा मर गया पकिस्तान में भोज होगा......
आअज का सबसे बड़ा ख़बर यही था की मंत्री संतरी लोग बोले हैं की ऊ लादेंवा अजी वही पचास बीवी आ पता नहीं कितना बच्चा वाला ससुरा मर लेकिन ई लादेंवा तो आप लोगों का दोस्त न , था गया ,ऊ ससुर मारा कैसे है ई ता ठीक ठीक पता नहीं है लेकिन इतना पका है किसी अमरीका टैंक अथवा बम से नहीं मारा है जी, हमको तो लगता है की ससुर को पका चिकन गुनिया से ही मारा होगा नहीं तो ऐड्स हो जी असली बात तो ये नहीं है की ऊ मारा कैसे, असली ख़बर ता ई है की पाकिस्तान में बडका भोज होने वाला है, भोज माने दावत जी,.एही सिलसिला में हमारा बात भी हुआ ....
काहे सर सुने हैं की आजकल खूब भोज भात का तैयारी कर रहे हैं, मुदा लादेंवा ता आप लोगों का दोस्त था न जी, तो फ़िर ई दावत, और कौन कौन आ रहा है बाहर से दावत खाने ...?
अरे का झा जी, आप तो एक दम से पूछते ही जा रहे हैं, अजी काहे का दोस्त उ ससुर तो एके काम हटा खाली जनसंख्या बाधाओं आ बम मार मार के जनसंख्या कम कर दो, ऊ ससुरा के कारण जानते हैं काटना नुक्सान हो रहा था हम लोग को, अपना अमरीकवा एकदम से पैसा कौडीदेना बंद न कर दिया था, अब देखिये न ई लादेन के मरने पर भोज वही पैसा से न होगा जो अमरीका हम लोग के इनाम में देगा। आ जानते हैं खुशी का बात ई है की बुश साहब भी आ रहे हैं॥
अरी ई का कह रहे हैं जी, ऊ कैसे आ सकते हैं ?
काहे ई में इतना चौकने वाली कौन बात है, देखिये जब ऊ जूता खा सकते हैं ता हम लोग ता खाली उनको दावत खाने के लिए बुला रहे हैं। ऊ जरूर आयेंगे और साप्रिवार आयेंगे, दरअसल सपरिवार इसलिए की का पता कल को ओंकी पत्नी अमरीका की राष्ट्रपति न ता कौनो मंत्री बन जाए ता रीलेशन बना के न रखना चाहिए।
अच्छा ता भारत से भी कौनो को दावत भेजें हैं का,?
अरे आप ता सारा पोल खोलवा लीजियेगा, नहीं नहीं भारत से कौनो नहीं आ रहा है, एगो कह रहे हैं की अब ही हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, जब आपके पाकिस्तान आयेंगे न एक बार जिन्ना साहब को प्रणाम करने के बाद ही दावत खाएँगे। दुसरका कह रहसी है की हमको तो छोड़ ही दीजिये हम ता खाली फोटो देख कर ही खुश हो जाते हैं । अरे झाजी असली बतवा ता ई है की सब के सब बाहर नहीं khaanaa चाहते हैं आप लोग घर में पता नहीं आज कल ऊ ईराक वाला घटना के बाद से का का खिला रहे हैं सबको सबका पेट उसी से भर रहा है ।
खाली एक चीज का दुःख रह गया की ई अपना छोटका बच्चा कसाब को आप लोग नाबालिग़ मान कर छोड़ देते ता हम लोग यहाँ पर उसका मुंडन करा कर एगो और भोज देते, बताइए कितना ज्यादती कर रहे हैं आप लोग, अरे आप नहीं सुने हैं इसी तरह अमरीका में भी बचवा सब बन्दूक उठा कर कितना बार मरा मारी किया है, ऐसे ही कसब्वो से हो गया होगा, बांकी तसल्ली है की अफजल जैसे इसको भी अपना bachchaa समझ कर पाल लीजियेगा , आप ता आ रहे हैं न भोज खाने...
अरे का कह रहे हो भाई, जानबे करते हो कितना कमजोर है हमारा पाचन शक्ति, चलो अबकी कौनो और मारा ता आयेंगे....
काहे सर सुने हैं की आजकल खूब भोज भात का तैयारी कर रहे हैं, मुदा लादेंवा ता आप लोगों का दोस्त था न जी, तो फ़िर ई दावत, और कौन कौन आ रहा है बाहर से दावत खाने ...?
अरे का झा जी, आप तो एक दम से पूछते ही जा रहे हैं, अजी काहे का दोस्त उ ससुर तो एके काम हटा खाली जनसंख्या बाधाओं आ बम मार मार के जनसंख्या कम कर दो, ऊ ससुरा के कारण जानते हैं काटना नुक्सान हो रहा था हम लोग को, अपना अमरीकवा एकदम से पैसा कौडीदेना बंद न कर दिया था, अब देखिये न ई लादेन के मरने पर भोज वही पैसा से न होगा जो अमरीका हम लोग के इनाम में देगा। आ जानते हैं खुशी का बात ई है की बुश साहब भी आ रहे हैं॥
अरी ई का कह रहे हैं जी, ऊ कैसे आ सकते हैं ?
काहे ई में इतना चौकने वाली कौन बात है, देखिये जब ऊ जूता खा सकते हैं ता हम लोग ता खाली उनको दावत खाने के लिए बुला रहे हैं। ऊ जरूर आयेंगे और साप्रिवार आयेंगे, दरअसल सपरिवार इसलिए की का पता कल को ओंकी पत्नी अमरीका की राष्ट्रपति न ता कौनो मंत्री बन जाए ता रीलेशन बना के न रखना चाहिए।
अच्छा ता भारत से भी कौनो को दावत भेजें हैं का,?
अरे आप ता सारा पोल खोलवा लीजियेगा, नहीं नहीं भारत से कौनो नहीं आ रहा है, एगो कह रहे हैं की अब ही हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, जब आपके पाकिस्तान आयेंगे न एक बार जिन्ना साहब को प्रणाम करने के बाद ही दावत खाएँगे। दुसरका कह रहसी है की हमको तो छोड़ ही दीजिये हम ता खाली फोटो देख कर ही खुश हो जाते हैं । अरे झाजी असली बतवा ता ई है की सब के सब बाहर नहीं khaanaa चाहते हैं आप लोग घर में पता नहीं आज कल ऊ ईराक वाला घटना के बाद से का का खिला रहे हैं सबको सबका पेट उसी से भर रहा है ।
खाली एक चीज का दुःख रह गया की ई अपना छोटका बच्चा कसाब को आप लोग नाबालिग़ मान कर छोड़ देते ता हम लोग यहाँ पर उसका मुंडन करा कर एगो और भोज देते, बताइए कितना ज्यादती कर रहे हैं आप लोग, अरे आप नहीं सुने हैं इसी तरह अमरीका में भी बचवा सब बन्दूक उठा कर कितना बार मरा मारी किया है, ऐसे ही कसब्वो से हो गया होगा, बांकी तसल्ली है की अफजल जैसे इसको भी अपना bachchaa समझ कर पाल लीजियेगा , आप ता आ रहे हैं न भोज खाने...
अरे का कह रहे हो भाई, जानबे करते हो कितना कमजोर है हमारा पाचन शक्ति, चलो अबकी कौनो और मारा ता आयेंगे....
शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
लीजिये पेश है झाऊ पहेली...., बूझो तो जानें..
आज कल पहेलियों का मौसम चल रहा है और ताऊ से प्रेरीत होकर मैंने भी सोचा की एक प्रश्न आपके लिए मैं भी छोड़ता जाऊं,
बताइये अगला जूता किसे पड़ने वाला है?,.........
और हाँ प्रश्न का सही उत्तर मिलने पर हमारी और से नकद धनराशी इनाम देने की भी व्यवस्था है, मगर जवाब बिल्कुल ठीक होना चाहिए तो लगाइए अंदाजा और कीजिये एस ऍम एस कहाँ किस नंबर पर, ये भी बता देंगे जल्दी क्या भाई.....
बताइये अगला जूता किसे पड़ने वाला है?,.........
और हाँ प्रश्न का सही उत्तर मिलने पर हमारी और से नकद धनराशी इनाम देने की भी व्यवस्था है, मगर जवाब बिल्कुल ठीक होना चाहिए तो लगाइए अंदाजा और कीजिये एस ऍम एस कहाँ किस नंबर पर, ये भी बता देंगे जल्दी क्या भाई.....
रविवार, 12 अप्रैल 2009
रोड रोलर से काहे जी, गरीब रथ से काहे नहीं कहे ?
चुनाव प्रचार के बाद शाम को मंत्री जे निवास पर जब रोजाना के कार्यक्रमों की समीक्षा चल रही थे और भविष्य कीयोज्नायें बन रही थी, तब न जाने कहाँ से देहाती बाबु को ये एक्सक्लूसिव बातचीत सुनने को मिल गयी, लीजिये ख़ास आपके लिए हाजिर है उस उन्सेंसेर्द वार्तालाप के मुख्या अंश. ध्यान रहे की ये बात ब्लॉगजगत के बाहर न जाए क्यूंकि आजकल सुना है की मीडिया वाले इसी फिराक में लगे रहते हैं की कौन सी एक्सक्लूसिव ख़बर ब्लॉगजगत से उठा कर अपने यहाँ चला दी जाए, खैर तो पेश है वो बातचीत:-
“ई जी, देख रहे हम काटना बढिया प्रचार कर रहे हैं, हमरा कोंफीदेंस तो अब एकदम बढ़ गया है , का कमाल का स्पीच दे रहे हैं, है की नहीं.” मंत्रानी बोली.
“अरे ई का कह रही हो, हमको नहीं पता है का , ऊ तो हमको ताभीये तुम्हरा पी ई टेलीफोन से बता दिया था की मालिकिन खूबे गरिया दी हैं सबको, हम समाजः गए की जाऊँ पोलोतिक्स हम तुमको इतना दिन से समझाने का कोशिश कर रहे थे ऊ तुमका अब समझ में आया है . हमको लग गया था की तुम भी हमरे वाला रास्ता पकड़ ली हो और देर सवेर तुम्हरो पर ई बात के लिए मुकदमा हो जायेगा.” मंत्री जे ने समझाया “
मंत्रनी अपनी तारीफ सुन कर जोश में आकर बोले, “मुदा ई आपको का हो गया है ई बरुन्मा के लिए कहे ऐसा कह रहे थे की हम यदि ई होते ता ऊ कर देते, हमरा मतलब कौनो बड़ा मंत्री होते ता ससुरा के रोड रोलर के नीचे दबा देते अरे इससे बढ़िया ता ई रहता की कहते की गरीब रथ के नीचे कटवा देते, अरे प्रचार ता होता, और फ़िर कहे बरुन्मा कहे हो, का पता कल ओकरे सरकार आ जाए आ हम लोग के उसके साथ ही मंत्री बनना पड़े, ता ई ठीक न न लगेगा. अरे और कुछों नहीं ता ओकरी मैया यदि मंत्री बन गयी ता ई अपना गाया बहिन्सिया सब पले के कारण जेल में डलवा दे देगी. आपहु साथिया गए हैं “
“अरे धुत बुद्बद्क ,तुमको अभी पोल्तिस पुरा सीखना न पडेगा, ई सब कुछ नहीं होअगा, और ई का कह रही हो की उससे हाथ मिलाना पडेगा, सरकार बने के बाद. धीरे बोलो कौनो सुन लिए ता पहले ता ऊ पार्टी ऍफ़ आई आर दर्ज करा दिहिस है , अ भी करवा देगी. फ़िर ऐसन थोद्बे होता है आरे पार्टी का भी कौनो उसूल होता है, ऐसे कैसे किसी से भी मिल जायेंगे “ मंत्री जी तुन्ना कर समझाया.
“अरे जाइए जाइए, उसूल होता है , हम ता देख लिए की खाली मंत्री बनना ही मकसद होता है, कौन उसूल और कौन सिद्धांत, ई हमरा मत बतैयी” मंत्रानी हैं हैं
करके हंसती हुई चल दी .
ई हमका एक न एक दिन जरूर मरवाएगी. मंत्री जी सोच रहे थे.
“ई जी, देख रहे हम काटना बढिया प्रचार कर रहे हैं, हमरा कोंफीदेंस तो अब एकदम बढ़ गया है , का कमाल का स्पीच दे रहे हैं, है की नहीं.” मंत्रानी बोली.
“अरे ई का कह रही हो, हमको नहीं पता है का , ऊ तो हमको ताभीये तुम्हरा पी ई टेलीफोन से बता दिया था की मालिकिन खूबे गरिया दी हैं सबको, हम समाजः गए की जाऊँ पोलोतिक्स हम तुमको इतना दिन से समझाने का कोशिश कर रहे थे ऊ तुमका अब समझ में आया है . हमको लग गया था की तुम भी हमरे वाला रास्ता पकड़ ली हो और देर सवेर तुम्हरो पर ई बात के लिए मुकदमा हो जायेगा.” मंत्री जे ने समझाया “
मंत्रनी अपनी तारीफ सुन कर जोश में आकर बोले, “मुदा ई आपको का हो गया है ई बरुन्मा के लिए कहे ऐसा कह रहे थे की हम यदि ई होते ता ऊ कर देते, हमरा मतलब कौनो बड़ा मंत्री होते ता ससुरा के रोड रोलर के नीचे दबा देते अरे इससे बढ़िया ता ई रहता की कहते की गरीब रथ के नीचे कटवा देते, अरे प्रचार ता होता, और फ़िर कहे बरुन्मा कहे हो, का पता कल ओकरे सरकार आ जाए आ हम लोग के उसके साथ ही मंत्री बनना पड़े, ता ई ठीक न न लगेगा. अरे और कुछों नहीं ता ओकरी मैया यदि मंत्री बन गयी ता ई अपना गाया बहिन्सिया सब पले के कारण जेल में डलवा दे देगी. आपहु साथिया गए हैं “
“अरे धुत बुद्बद्क ,तुमको अभी पोल्तिस पुरा सीखना न पडेगा, ई सब कुछ नहीं होअगा, और ई का कह रही हो की उससे हाथ मिलाना पडेगा, सरकार बने के बाद. धीरे बोलो कौनो सुन लिए ता पहले ता ऊ पार्टी ऍफ़ आई आर दर्ज करा दिहिस है , अ भी करवा देगी. फ़िर ऐसन थोद्बे होता है आरे पार्टी का भी कौनो उसूल होता है, ऐसे कैसे किसी से भी मिल जायेंगे “ मंत्री जी तुन्ना कर समझाया.
“अरे जाइए जाइए, उसूल होता है , हम ता देख लिए की खाली मंत्री बनना ही मकसद होता है, कौन उसूल और कौन सिद्धांत, ई हमरा मत बतैयी” मंत्रानी हैं हैं
करके हंसती हुई चल दी .
ई हमका एक न एक दिन जरूर मरवाएगी. मंत्री जी सोच रहे थे.
रविवार, 29 मार्च 2009
सोमवार, 9 फ़रवरी 2009
हाय ई चीयर गर्ल्स की नीलामी कब होगी भैया ?
हमको बड़ी खुशी है की इतना मंदी होते हुए भी हम लोग खेलने कूदने के लिए विदेशी लोगों को खरीद लिए, ऊ भी इतना मरा मारी करके , बोली लगा के । ससुर सबको जीते जी नीलाम कर दिए, आ भगवान् की कृपा रही तो आगे भी बेचते खरीदते रहेंगे। अजी वैसे ही थोड़ी हम लोगों को बाजार सुपर पावर कहा जा रहा है। खरी, भैया उतना बड़ा हम देहाती लोगों का औकार और हैसियत तो है नहीं की इतना पैसा खर्च कर के खेलने के लिए आदमी लोगों को खरीदें, मुदा जब चीयर गर्ल्स की नीलामी शीलामी होगी तो जरूर ही किस्मत आजमाएंगे।
हमको तो गरीबी रेखा वाला सारा लोन के लिए भी दरखास्त दे दिए हैं, ताकि पैसा कम नहीं पड़ने पाये। का कह रहे हैं, देखिये आप तो हमारे नीयत पर ही शक कर रहे हैं। अरे नहीं भाई हमको कौनो नाच कूद थोड़े करवाना है ऊ चीयर गर्ल्स से। अरे नहीं भाई, किसी डांस शो में ऊ लोगन को पार्टनर बना कर नहीं ले जाना है। अरे का कह रहे हो यार, घर ले जाकर हमको का घर में २० २० करवाना है, श्रीमती जी गर्ल्स समेत हमको बाउंडरी के बहार फेंक देंगी।
दरअसल हमको तो सोच रहे थे, की दो चार चीयर गर्ल्स खरीद कर ऊ सब्नको अपना ई ब्लॉग पर चेप देंगे, खूबसूरती से हमको देहाती का ब्लॉग भी ऐसन झटके मारेगा की का कहें। हमरे ब्लॉग को तो अभी से गुदगुदी होने लगी है।
तो भैया जब भी चीयर गर्ल्स की नीलामी हो हमको भी ले चलिएगा।
हमको तो गरीबी रेखा वाला सारा लोन के लिए भी दरखास्त दे दिए हैं, ताकि पैसा कम नहीं पड़ने पाये। का कह रहे हैं, देखिये आप तो हमारे नीयत पर ही शक कर रहे हैं। अरे नहीं भाई हमको कौनो नाच कूद थोड़े करवाना है ऊ चीयर गर्ल्स से। अरे नहीं भाई, किसी डांस शो में ऊ लोगन को पार्टनर बना कर नहीं ले जाना है। अरे का कह रहे हो यार, घर ले जाकर हमको का घर में २० २० करवाना है, श्रीमती जी गर्ल्स समेत हमको बाउंडरी के बहार फेंक देंगी।
दरअसल हमको तो सोच रहे थे, की दो चार चीयर गर्ल्स खरीद कर ऊ सब्नको अपना ई ब्लॉग पर चेप देंगे, खूबसूरती से हमको देहाती का ब्लॉग भी ऐसन झटके मारेगा की का कहें। हमरे ब्लॉग को तो अभी से गुदगुदी होने लगी है।
तो भैया जब भी चीयर गर्ल्स की नीलामी हो हमको भी ले चलिएगा।
शनिवार, 1 नवंबर 2008
सुना है अबके वो भी छठ पूजा मनाएंगे
सुना है , अबके,
वो भी,
छठ पूजा मनाएंगे,
मगर शर्त,
ये है की,
पहले मुंबई,
मायानगरी से,
सारे भैया भगायेंगे,
बस में पुलिस से,
और ट्रेन में गुंडों से,
एक एक को पित्वायेंगे,
दो दो लाख के ,
हिसाब से,
जमा कर दिया पहले ही,
सबके घर पर भिजवाएंगे,
छठ से उन्हें,
परहेज नहीं है,
बिहारी से भी,
गुरेज नहीं है,
पर नौटंकी जो दिखलाई तो,
तांडव वे दिखलायेंगे,
कह रहे थे जब,
वक्त हमारा आयेगा,
सबको देख लेंगे, फ़िर,
समुन्दर में अर्घ्य दिखाएँगे,
सुना है अबके,
वो भी,
छठ पूजा मनाएंगे........
क्या कहा, कौन , जी क्षमा करें, ये राज (नाम तो सुना होगा , नहीं सुना तो बहरे हैं आप ), की बात है, वैसे आप यदि अपनी आँखें बंद करके मनसे पूछें तो सारा राज खुल जायेगा। अजी सुना तो ये भी है की एक बड़े ही बड़े नाम वाले बैंक ने दो दो लाख मुआवजा देने के लिए उन्हें स्पांसर भी किया है, सुना है की इससे शायद उस बैंक के डूब जाने वाली अफवाह को थोडा ग़लत समझेंगे लोग, वैसे आप कुछ ग़लत न समझें, और हाँ बार बार ये न पूछा करें की आपने कहाँ सुना , किस्से सुना अजी अपने मनसे , और कहाँ से ?
वो भी,
छठ पूजा मनाएंगे,
मगर शर्त,
ये है की,
पहले मुंबई,
मायानगरी से,
सारे भैया भगायेंगे,
बस में पुलिस से,
और ट्रेन में गुंडों से,
एक एक को पित्वायेंगे,
दो दो लाख के ,
हिसाब से,
जमा कर दिया पहले ही,
सबके घर पर भिजवाएंगे,
छठ से उन्हें,
परहेज नहीं है,
बिहारी से भी,
गुरेज नहीं है,
पर नौटंकी जो दिखलाई तो,
तांडव वे दिखलायेंगे,
कह रहे थे जब,
वक्त हमारा आयेगा,
सबको देख लेंगे, फ़िर,
समुन्दर में अर्घ्य दिखाएँगे,
सुना है अबके,
वो भी,
छठ पूजा मनाएंगे........
क्या कहा, कौन , जी क्षमा करें, ये राज (नाम तो सुना होगा , नहीं सुना तो बहरे हैं आप ), की बात है, वैसे आप यदि अपनी आँखें बंद करके मनसे पूछें तो सारा राज खुल जायेगा। अजी सुना तो ये भी है की एक बड़े ही बड़े नाम वाले बैंक ने दो दो लाख मुआवजा देने के लिए उन्हें स्पांसर भी किया है, सुना है की इससे शायद उस बैंक के डूब जाने वाली अफवाह को थोडा ग़लत समझेंगे लोग, वैसे आप कुछ ग़लत न समझें, और हाँ बार बार ये न पूछा करें की आपने कहाँ सुना , किस्से सुना अजी अपने मनसे , और कहाँ से ?
गुरुवार, 16 अक्टूबर 2008
राम जी ने नल और नील के हाथ काटे
देखा आप सबने तो आखिरकार हमारे सरकार वो सच ढूंढ ही लाई जो अब तक हमें , अजी हमें क्या हमारे बाप दादों, और पुरखों तक को नहीं पता था, यही की ख़ुद राम जी ने ही राम सेतु को तोडा था। मुझे तो लगता है की ख़ुद राम जी को भी इस बात का पता नहीं चला होगा, चलता तो वे किसी को बताते नहीं क्या। खैर, बात सिर्फ़ उतनी नहीं है, सरकार यदि ऐसा कह रही है तो उसके पास कोई सबूत तो होगा ही, मुझे तो लगता है की उन्हें कोई हथोडा , या बुलडोज़र वैगारिरह मिल गया है।
वैसे मेरे शोध के अनुसार तो जिस तरह शाहजहान ने ताजमहल बनवाने के बाद उन कारीगरों के हाथ काट दिए थे जिन्होंने ताजमहल बनाया था , वैसे ही राम जी ने जरूर नल नील के भी हाथ और हाँ पूछ भी, काट दिए थे। ख़बर दार जो मेरे इस शोध पर आपने कोई शक किया तो क्यों सरकार कहेगी वो भी बिना किसी हथोडे और बुलडोज़र को दिखाए तो आप मान जायेंगे और मैं कुछ कहूँ तो नहीं , ये क्या बात हुई भाई। फ़िर मेरे पास एक और सबूत है इस बात का , नल नील ने लंका से लौटने के बाद कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे प्रमाणित होता हो की उनके हाथ और पुँछ सही सलामत थे, और ये तो कतई नहीं मन जा सकता की इतने टैलेंट वाले लोग खाली बैठे रहे होंगे। आप ही बताइए कुछ ग़लत कहा मैंने।
वैसे मैं बता दूँ की मेरा शोध कार्य जारे है, और जैसे जैसे सरकार नया रहस्योद्घाटन करेगी , मैं भी आपको कोई सनसनीखेज जानकारी जरूर दूंगा। और हो सकता है की जब एकता कपूर रामायण बनाएं तो ये सब आपको देखने को मिल भी जाए.
वैसे मेरे शोध के अनुसार तो जिस तरह शाहजहान ने ताजमहल बनवाने के बाद उन कारीगरों के हाथ काट दिए थे जिन्होंने ताजमहल बनाया था , वैसे ही राम जी ने जरूर नल नील के भी हाथ और हाँ पूछ भी, काट दिए थे। ख़बर दार जो मेरे इस शोध पर आपने कोई शक किया तो क्यों सरकार कहेगी वो भी बिना किसी हथोडे और बुलडोज़र को दिखाए तो आप मान जायेंगे और मैं कुछ कहूँ तो नहीं , ये क्या बात हुई भाई। फ़िर मेरे पास एक और सबूत है इस बात का , नल नील ने लंका से लौटने के बाद कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे प्रमाणित होता हो की उनके हाथ और पुँछ सही सलामत थे, और ये तो कतई नहीं मन जा सकता की इतने टैलेंट वाले लोग खाली बैठे रहे होंगे। आप ही बताइए कुछ ग़लत कहा मैंने।
वैसे मैं बता दूँ की मेरा शोध कार्य जारे है, और जैसे जैसे सरकार नया रहस्योद्घाटन करेगी , मैं भी आपको कोई सनसनीखेज जानकारी जरूर दूंगा। और हो सकता है की जब एकता कपूर रामायण बनाएं तो ये सब आपको देखने को मिल भी जाए.
रविवार, 12 अक्टूबर 2008
घर मेरे भी, बिटिया किलकने लगी है.
अब नर्म धूप,
मेरे आँगन भी,
उतरने लगी है।
टिमटिमाते तारों की रौशनी,
और चाँद की ठंडक,
छत पर,
छिटकने लगी है।
पुरबिया पवनें,
खींच लाई हैं,
जो बदली , वो,
घुमड़ने लगी है।
दर्पर्ण मंज रहा है,
ख़ुद को,
आलमारी भी,
सँवरने लगी है ।
फूलों के खिलने में,
समय है,
कल्यिओं पर ही,
तितलियाँ,
थिरकने लगी हैं।
शायद ख़बर,
हो गयी सबको,
घर मेरे भी, बिटिया,
किलकने लगी है.......
हाँ, जी , हाल ही में मुझे पुत्री प्राप्ति का वरदान मिला है। आप सब भी , आशीष दें और हो सके तो एक प्यारा सा नाम भी.
मेरे आँगन भी,
उतरने लगी है।
टिमटिमाते तारों की रौशनी,
और चाँद की ठंडक,
छत पर,
छिटकने लगी है।
पुरबिया पवनें,
खींच लाई हैं,
जो बदली , वो,
घुमड़ने लगी है।
दर्पर्ण मंज रहा है,
ख़ुद को,
आलमारी भी,
सँवरने लगी है ।
फूलों के खिलने में,
समय है,
कल्यिओं पर ही,
तितलियाँ,
थिरकने लगी हैं।
शायद ख़बर,
हो गयी सबको,
घर मेरे भी, बिटिया,
किलकने लगी है.......
हाँ, जी , हाल ही में मुझे पुत्री प्राप्ति का वरदान मिला है। आप सब भी , आशीष दें और हो सके तो एक प्यारा सा नाम भी.
मंगलवार, 8 जुलाई 2008
किसको कहते हैं दहेज़
बउवा पूछा ,
बाबूजी से,
बताइये,
किसको कहते हैं - दहेज़ ?
तेरी जब,
शादी होगी,
जो माल मिलेगा,
उसको , रखेंगे सहेज।
तेरी बहन की,
शादी में,
इस कुप्रथा से,
मुझको,
हो जायेगी परहेज।
शायद दुनिया इसी को कहती है दहेज़.
बाबूजी से,
बताइये,
किसको कहते हैं - दहेज़ ?
तेरी जब,
शादी होगी,
जो माल मिलेगा,
उसको , रखेंगे सहेज।
तेरी बहन की,
शादी में,
इस कुप्रथा से,
मुझको,
हो जायेगी परहेज।
शायद दुनिया इसी को कहती है दहेज़.
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